डीयू की विद्वत परिषद में शिक्षक उठाएंगे डूसू अध्यक्ष की मनमानी मुद्दा
डूसू अध्यक्ष का कॉलेज में प्रवेश पर प्रतिबंध चाहते हैं शिक्षक नई दिल्ली। प्रमुख

डूसू अध्यक्ष का कॉलेज में प्रवेश पर प्रतिबंध चाहते हैं शिक्षक नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष द्वारा कई कॉलेजो में हुई अभद्रता और मनमानी के खिलाफ डीयू के शिक्षक लामबंद हो गए हैं। कुछ कॉलेजों ने डूसू अध्यक्ष के कॉलेजों में प्रवेश पर भी रोक लगाने का प्रस्ताव पास किया है। लेकिन अब यह मामला डीयू की मई माह में होने वाली विद्वत परिषद में उठेगा।
श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स के स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष और डीयू में विद्वत परिषद के सदस्य हरेंद्र नाथ तिवारी का कहना है कि डूसू अध्यक्ष ने कई कॉलेजों में मनमानी की है। हाल ही में एसजीटीबी खालसा कॉलेज में उन्होंने दिव्यांग कर्मचारी के साथ अभद्रता की। हमारे कॉलेज में भी उन्होंने काफी हंगामा किया और कॉलेज में उनका प्रवेश रोकने व उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए डीयू को भी लिखा गया है। इसको लेकर स्टॉफ एसोसिएशन ने प्रस्ताव भी पारित किया है। मैं विद्वत परिषद की बैठक में इस मामले को उठाऊंगा और कार्रवाई की मांग करूंगा।
डीयू में विद्वत परिषद के पूर्व सदस्य व वर्तमान में रामानुजन कॉलेज के प्राचार्य प्रो.रसाल सिंह का कहना है कि आजकल छात्र राजनीति की आड़ में गुंडागर्दी और दबंगई का चलन है। पिछले कुछ सालों से यह प्रवृत्ति क्रमशः बढ़ती जा रही है। इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जाना आवश्यक है। विश्वविद्यालय में गुंडागर्दी और दबंगई के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनाकर ही अध्ययन–अध्यापन और अनुसंधान के अनुकूल वातावरण बनाया जा सकता है।
एक कॉलेज के शिक्षक ने कहा कि जिस तरह से डूसू अध्यक्ष कॉलेजों आकर हंगामा करते हैं और हाल के दिनों में यह घटनाएं बढ़ी हैं। वह छात्रों के सामने शिक्षकों से अपमानजन शब्दों में बात करते हैं। यही नहीं उनके खिलाफ शिकायत पर भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही है। हम चाहते हैं कि उनका प्रवेश कॉलेज में बंद हो। छात्रों की समस्याओं का समाधान व डूसू ऑफिस में करें।
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