IMD Predicts Early Arrival of Southwest Monsoon in Kerala with Above Normal Rainfall मानसून के 27 मई को केरल पहुंचने की संभावना, Delhi Hindi News - Hindustan
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मानसून के 27 मई को केरल पहुंचने की संभावना

आईएमडी ने इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान जताया 30 मई मानसून के 27 मई को केरल पहुंचने की संभावना

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 10 May 2025 07:02 PM
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मानसून के 27 मई को केरल पहुंचने की संभावना

आईएमडी ने इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान जताया 30 मई को पिछले साल दक्षिणी राज्य में पहुंचा था मानसून 08 जुलाई तक पूरे देश में छा जाती हैं मानसूनी हवाएं नई दिल्ली, एजेंसी। दक्षिण-पश्चिम मानसून के 27 मई को केरल पहुंचने की संभावना है, जो आमतौर पर एक जून को दस्तक देता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को यह जानकारी दी। आईएमडी के अनुसार, यदि मानसून केरल में उम्मीद के अनुरूप पहुंचता है तो यह 2009 के बाद से भारतीय मुख्य भूमि पर मानसून का समय से पहले आगमन होगा। तब मानसून ने 23 मई को दस्तक दी थी।

भारतीय मुख्य भूमि पर मानसून के आगमन की आधिकारिक घोषणा तब की जाती है जब यह केरल पहुंचता है। आमतौर पर यह एक जून के आसपास पहुंचता है। दक्षिण-पश्चिम मानसून 8 जुलाई तक पूरे देश में छा जाता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू करता है और 15 अक्तूबर तक पूरी तरह से वापस हो जाता है। मानसून ने पिछले साल 30 मई को दक्षिणी राज्य में प्रवेश किया था। वहीं, मानसून वर्ष 2023 में 8 जून, 2022 में 29 मई, 2021 में 3 जून, 2020 में 1 जून, 2019 में 8 जून और 2018 में 29 मई को केरल आया था। आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि मानसून के आगमन की तिथि और पूरे देश में इस मौसम में होने वाली कुल वर्षा के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। केरल में मानसून के जल्दी या देर से पहुंचने का मतलब यह नहीं है कि यह देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह पहुंचेगा। यह बड़े पैमाने पर परिवर्तनशीलता और वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय स्थितियों पर निर्भर होता है। आईएमडी ने अप्रैल में 2025 के मानसून में सामान्य से अधिक कुल वर्षा का पूर्वानुमान जताया था। साथ ही अल नीनो परिस्थितियों की संभावना को खारिज कर दिया था, जो भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम वर्षा से जुड़ी है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव एम रविचंद्रन ने कहा था, भारत में चार महीने के मानसून (जून से सितंबर) में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। कृषि के लिए वरदान है मानसून: भारत के कृषि क्षेत्र के लिए मानसून महत्वपूर्ण है, जो लगभग 42.3 प्रतिशत आबादी की आजीविका का समर्थन करता है। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है। यह देश भर में पेयजल और बिजली उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों को फिर से भरने के लिए भी महत्वपूर्ण है। दीर्घावधि औसत के 90 प्रतिशत से कम वर्षा को ‘कम माना जाता है। वहीं 90 से 95 प्रतिशत के बीच ‘सामान्य से कम माना जाता है। 105 से 110 प्रतिशत के बीच ‘सामान्य से अधिक माना जाता है। वहीं 110 प्रतिशत से अधिक वर्षा को ‘अधिक वर्षा माना जाता है। राजस्थान के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश जयपुर, एजेंसी। पश्चिमी विक्षोभ के असर से राजस्थान के अनेक इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार, शनिवार सुबह तक 24 घंटे की अवधि में राज्य में कहीं कहीं मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम बारिश हुई। सबसे अधिक बारिश निम्बाहेड़ा (चित्तौड़गढ़) में 43 मिलीमीटर दर्ज की गई। इस दौरान सर्वाधिक अधिकतम तापमान चूरू में 38.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 4.0 डिग्री कम है। इसके अनुसार राज्य में आंधी-बारिश की गतिविधियों में 12-13 मई से कमी होने तथा तापमान में तीन से पांच डिग्री बढ़ोतरी होने की संभावना है। त्रिपुरा में स्वास्थ्य सलाह जारी अगरतला, एजेंसी। त्रिपुरा में चार दिनों तक आंधी और बिजली चमकने का अनुमान है। मौसम विभाग ने शनिवार को येलो अलर्ट के साथ स्वास्थ्य संबंधी सलाह जारी की है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए गर्म और उमस भरे मौसम का अलर्ट जारी किया है। कहा है कि आंशिक रूप से बादल छाए रहने, उच्च नमी और तीव्र सौर विकिरण के कारण राज्य के कई हिस्सों में दिन का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक रह सकता है। दस से 14 मई के बीच उत्तर, उनाकोटी, खोवाई, पश्चिम, सिपाहीजाला, गोमती और धलाई जिलों में तूफान व बिजली चमकने का अनुमान है। वहीं, पिछले 24 घंटों के दौरान त्रिपुरा के अलग-अलग इलाकों, खासकर उत्तरी जिले में बहुत हल्की बारिश हुई। जबकि राज्य के बाकी हिस्सों में सूखे की स्थिति रही। हिमाचल प्रदेश में आंधी के साथ हुई बारिश, अलर्ट जारी शिमला, एजेंसी। हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में शनिवार को आंधी के साथ हल्की से मध्यम बारिश हुई। शिलारू में सबसे अधिक 43.6 मिलीमीटर बारिश हुई। वहीं शिमला, जुब्बड़हट्टी, मुरारी देवी और सुंदरनगर में तूफान आया। मौसम विभाग ने नौ जिलों में बारिश-तूफान का अनुमान जताते हुए सोमवार तक के लिए ‘येलो अलर्ट जारी किया है। इस अवधि में ऊना, बिलासपुर और हमीरपुर में 48 घंटे के दौरान मौसम ठीक रहेगा। मौसम विभाग ने कहा कि जुब्बड़हट्टी में 34.5 मिमी, कटौला में 29.3, जट्टो बैरग में 22, मंडी में 21.2, सराहन में 19.5, नारकंडा में 16, शिमला में 12.4 और चौपाल में 10 मिलीमीटर पानी बरसा। वहीं, 16 मई तक राज्य में अलग-अलग स्थानों पर बारिश का अनुमान है। लाहौल-स्पीति जिले में कुकुमसेरी में रात में सबसे कम 4.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। आंध्र प्रदेश में चार दिन आंधी-बारिश के आसार अमरावती, एजेंसी। आंधप्रदेश में 10 से 14 मई तक आंधी-बारिश का अनुमान है। इस अवधि में हवा की गति 60 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। आईएमडी ने शनिवार को कहा कि चार दिन तक उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश (एनसीएपी), यनम, दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश (एससीएपी) और रायलसीमा क्षेत्र में गरज के साथ बारिश का अनुमान है। पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वी मध्य प्रदेश और विदर्भ होते हुए दक्षिण-पूर्व तेलंगाना तक समुद्र तल से 9.4 किलोमीटर से 12.6 किलोमीटर ऊपर पश्चिमी हवाओं का गर्त बना हुआ है। इसके अलावा, दक्षिण-पश्चिम मानसून के 13 मई के आसपास दक्षिण अंडमान सागर, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और निकोबार द्वीप समूह की ओर बढ़ने की संभावना है। आंध्र प्रदेश और यनम में निचले क्षोभमंडलीय दक्षिण-पश्चिमी और दक्षिणी हवाएं चल रही हैं।

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