ऑपरेशन सिंदूर-- ब्यूरो:::मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम से बना हमारा सुरक्षा कवच
पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष की स्थिति में भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की मजबूत ताकत उभरकर सामने आई है।एकीकृत काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम (यूएएस) ग्र

नई दिल्ली, पंकज कुमार पाण्डेय। पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष की स्थिति में भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की मजबूत ताकत उभरकर सामने आई है। एकीकृत काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम (यूएएस) ग्रिड, एस-400 ट्रायम्फ सिस्टम, बराक-8 मिसाइल, आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और डीआरडीओ की ड्रोन तकनीकें एक साथ मिलकर हमारी सीमा में हवाई ढाल बनाने में कामयाब रहीं, जो मज़बूती से टिकी रही। पाकिस्तान से संघर्ष के दौरान भारत मजबूत तंत्र की वजह से सिर्फ बचाव करने तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि तेजी और सटीकता के साथ जवाबी कार्रवाई भी की। सूत्रों ने कहा कि भारत ने पिछले 11 साल में जो रक्षा कवच बनाया है, वह अब सक्रिय रूप से हवाई खतरे को पहचानता, जाम करता और हवा में ही खत्म कर देता है।
पाक का डिफेंस सिस्टम उजागर सूत्रों ने कहा मौजूदा सैन्य तनाव के बीच भारत ने वर्ष 2014 से बनाए गए वायु रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र की ताकत को प्रदर्शित किया। पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली का खोखलापन भी उजागर किया। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर हमला किया और लाहौर में चीन द्वारा आपूर्ति की गई एचक्यू -9 वायु रक्षा इकाई को नष्ट कर दिया। साथ ही प्रमुख रडार बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया। रणनीतिक तैयारी का एक दशक - अधिकारियों का कहना है कि यह सब रातों-रात नहीं हुआ। बल्कि 2014 से मोदी सरकार ने भारत की वायु रक्षा आर्किटेक्चर को व्यवस्थित रूप से विकसित किया है - वर्ष 2018 में पांच एस-400 ट्रायम्फ स्क्वाड्रन के लिए 35,000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ, जिसमें से तीन स्क्वाड्रन अब चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर कार्यरत हैं - बराक-8 मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की तैनाती, इसका वर्ष 2017 में इजरायल के साथ 2.5 बिलियन डॉलर का सौदा हुआ था - स्वदेशी आकाश मिसाइल बेस और डीआरडीओ द्वारा विकसित काउंटर-ड्रोन सिस्टम भी सीमा पर सुरक्षा कवच बनकर तैनात है - वर्ष 2024 में दुश्मन के मानव रहित विमान को जाम करने और निष्क्रिय करने के लिए मैन पोर्टेबल काउंटर ड्रोन सिस्टम तैनात किया गया क्या है रणनीति सरकार की रणनीति सिर्फ डिफेंस नहीं, बल्कि प्रभुत्व स्थापित करना है। मोदी सरकार का फोकस सिर्फ तुरंत जवाब नहीं बल्कि बहु-स्तरीय, तकनीक आधारित और दीर्घकालिक तैयारी पर रहा है। आकाश से लेकर एस -400 और राफेल से लेकर ड्रोन वारफेयर दिखाता है कि यह अब 21वीं सदी का भारत है।
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