ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने अपने सामरिक लक्ष्य हासिल किए: विशेषज्ञ
नई दिल्ली, सामरिक मामलों के विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर ने कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमले की क्षमता दिखाई। उन्होंने इसे सैन्य श्रेष्ठता का प्रदर्शन और नए राष्ट्रीय...

नई दिल्ली, एजेंसी। सामरिक मामलों के एक विशेषज्ञ ने बुधवार को कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए न केवल अपने सामरिक उद्देश्यों को पूरा किया बल्कि उससे भी आगे निकलकर बेहतर प्रदर्शन किया। अमेरिकी थिंक टैंक मॉडर्न वार इंस्टीट्यूट (एमडब्ल्यूआई) में अर्बन वारफेयर स्टडीज के अध्यक्ष जॉन स्पेंसर ने कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में किसी भी लक्ष्य पर अपनी इच्छानुसार हमला कर सकने की क्षमता का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, भारत ने पाक में आतंकी ठिकानों, ड्रोन समन्वय केंद्रों, यहां तक कि एयरबेस समेत किसी भी लक्ष्य पर हमला करने की अपनी क्षमता दिखाई।
इस बीच, पाकिस्तान भारत के अंदर एक भी सुरक्षित क्षेत्र में घुसने में असमर्थ रहा। चेतावनी वाली नई रेखा खींची स्पेंसर ने संघर्ष के विभिन्न आयामों का विश्लेषण करते हुए कहा कि चेतावनी वाली एक नई रेखा खींची गई और उसे लागू किया गया। पाकिस्तानी धरती से होने वाले आतंकी हमलों का अब सैन्य बल से सामना होगा। उन्होंने कहा, यह कोई धमकी नहीं है। यह एक मिसाल है। सैन्य श्रेष्ठता का प्रदर्शन किया स्पेंसर ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष पर एक लेख में लिखा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ढांचों को नष्ट किया गया, सैन्य श्रेष्ठता का प्रदर्शन किया गया, हमले रोकने की क्षमता को दर्शाया गया और एक नए राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत को पेश किया गया। उन्होंने कहा कि यह अभूतपूर्व श्रेष्ठता है। इससे पता चलता है कि वास्तविक प्रतिरोध क्या होता है। पाक की कार्रवाइयों का पुरजोर जवाब रक्षा विशेषज्ञ ने तर्क दिया कि भारत ने पाकिस्तानी कार्रवाइयों का पुरजोर तरीके से जवाब दिया लेकिन यह पूर्ण युद्ध बनने से पहले ही रुक गया। उन्होंने कहा कि तनाव बढ़ने पर नियंत्रण ने एक स्पष्ट संकेत दिया कि भारत जवाब देगा और वह गति को भी नियंत्रित करेगा। भारत ने मध्यस्थता का अनुरोध किए बिना हालात संभाले स्पेंसर से ऑपरेशन सिंदूर के कूटनीतिक पहलू पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का अनुरोध किए बिना संकट को संभाला। उन्होंने ‘एक्स पर साझा किए गए अपने लेख में लिखा कि ऑपरेशन सिंदूर कब्जे या शासन परिवर्तन को लेकर नहीं था। इसे विशिष्ट उद्देश्यों के लिए अंजाम दिया गया। सामरिक सफलता विनाश के पैमाने से नहीं, बल्कि वांछित राजनीतिक प्रभाव प्राप्त करने से जुड़ी है। स्पेंसर ने कहा कि भारत प्रतिशोध के लिए नहीं लड़ रहा था। यह प्रतिरोध के लिए लड़ रहा था और यह काम कर गया। सीमावर्ती क्षेत्रों में और अधिक बंकर की जरूरत: पूर्व सैन्य अधिकारी शिमला, एजेंसी। मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अतुल कौशिक ने बुधवार को कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रह रहे स्थानीय लोगों के लिए और अधिक बंकर बनाने की जरूरत है। पूर्व सैन्य अधिकारी ने कहा कि सीमावर्ती कस्बों और गांवों खासकर जम्मू-कश्मीर और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के आसपास के इलाके में रहने वाले लोग अक्सर संघर्ष का खामियाजा भुगतते हैं। हाल ही में सीमा पार से हुई गोलाबारी में उरी, तंगधार और पुंछ जैसे शहर बुरी तरह प्रभावित हुए। इससे कई नागरिक अंदरूनी इलाकों में विस्थापन करने के लिए मजबूर हो गए। कौशिक ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों को संघर्ष के दौरान न केवल जनहानि का सामना करना पड़ता है, बल्कि चोटें भी झेलनी पड़ती हैं। मुख्य रूप से कृषि पर आधारित उनकी आजीविका हिंसा से काफी हद तक बाधित होती है। भारत का संदेश दुनिया उसे कमतर न आंके: सारस्वत तिरुवनंतपुरम, एजेंसी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व महानिदेशक डॉ.वीके सारस्वत के मुताबिक ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया कि भारत को कभी कम नहीं आंका जाना चाहिए और देश अब एक अग्रणी शक्ति है। डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख ने बताया कि पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई से यह भी पता चलता है कि भारत ने रक्षा प्रौद्योगिकी में कितनी आत्मनिर्भरता हासिल की है। ऑपरेशन सिंदूर के जरिये भारत ने दिखा दिया कि वह किसी भी दिशा से आने वाले हर खतरे का मुकाबला करने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि जिस सटीकता के साथ हम दुश्मन के इलाके में लक्ष्य तक पहुंचने में सक्षम हुए, वह हमारे हथियारों की गुणवत्ता को दर्शाता है। भारत ऊंची उड़ान भर रहा है और रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता का मिशन पूरा हो रहा है।
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