आतंकी हमले को भारत के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा
भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि भविष्य में किसी भी आतंकी हमले को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। पहलगाम हमले के बाद, सरकार ने स्पष्ट किया है कि कोई भी आतंकवादी हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उस पर...

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के ऐलान से पहले केंद्र सरकार ने फैसला किया कि भविष्य में किसी भी आतंकी हमले को भारत के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और उसी के अनुसार जवाब दिया जाएगा। सरकार के इस फैसले से साफ है कि पहलगाम हमले के बाद की गई भारत की कार्रवाई आखिरी नहीं है। बल्कि, पाकिस्तान की ओर से भविष्य में अगर कोई हरकत होती है तो इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा। सरकार ने उरी और पुलवामा के आतंकी हमले के बाद भी सर्जिकल और एयर स्ट्राइक करके कठोरता से जवाब दिया था।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेनाओं द्वारा की गई कार्रवाई काफी निर्णायक रही। इसने आगे का रास्ता तय कर दिया है कि भारत अब आतंकी हमलों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। विदेशी जमीन पर मौजूद आतंकी गुट अगर किसी हमले को अंजाम देता है तो भारत उस जमीन पर जाकर कार्रवाई को स्वतंत्र होगा। सूत्रों का कहना है कि आतंकवाद को युद्ध मानकर एक्शन का फैसला लेने के बाद अब जवाब देना या न देना यह विकल्प नहीं होगा बल्कि सेना और सुरक्षा बल इसके खिलाफ हमेशा दृढ़ता से जवाब देंगे। साथ ही भविष्य में भी सरकारों पर दबाव होगा कि वे आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत ऐसी ही कार्रवाई करें। भारत का यह फैसला अमेरिका, इजरायल जैसे उन देशों से मेल खाता है जो अपनी जमीन पर किसी भी आतंकी हमले को युद्ध की कार्रवाई मानकर कठोरता से जवाब देते हैं। सूत्रों ने कहा, इस निर्णय के साथ, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने आतंकवादी घटनाओं के खिलाफ लक्ष्मण रेखा खींचने का प्रयास किया है तथा अपराधियों और षड्यंत्रकारियों को दृढ़ता से जवाब देने का अपना इरादा स्पष्ट किया है। इस कदम को पाकिस्तान के लिए कड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
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