सेंट्रल रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई से सेना ने इनकार किया
सेंट्रल रिज क्षेत्र में पेड़ काटने के लगे आरोपों से सेना ने साफ इनकार कर दिया है। हालांकि, सेना ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के समक्ष यह स्वीकार

नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। सेंट्रल रिज क्षेत्र में पेड़ काटने के लगे आरोपों से सेना ने साफ इनकार कर दिया है। सेना ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के समक्ष यह स्वीकार किया है कि क्षेत्र में मौजूद कुछ सूखे और गिरे हुए पेड़ों की सफाई से पहले दिल्ली के वन विभाग से अनुमति लेने में चूक हुई है। लेकिन यह भी दावा किया है कि इस काम के पीछे की उनकी मंशा बुरी नहीं थी। सेना ने एनजीटी से कहा कि यह जमीन बी स्कवाड्रन, 61 कैवेलरी के पास है। यह यूनिट दिल्ली मुख्यालय के अंतर्गत काम करती है। यहां पेड़ काटने की बजाय यूनिट की ओर से साल 2021 के बाद से नियोजित वनीकरण अभियान चलाया जा रहा है। 22 हजार पेड़ लगाए गए हैं, जो अब पूरी तरह से विकसित हो चुके हैं। साथ ही कहा कि आठ हेक्टेयर से अधिक जमीन पर यूनिट ने अतिरिक्त 20 हजार स्वदेशी पेड़ लगाए हैं, जो कि अब चार से पांच फीट ऊंचे हो चुके हैं। इन पेड़ों को लगाते समय कोई भी पेड़ उखाड़ा या काटा नहीं गया है।
सेना ने अपने हलफनामे में कहा कि इस अभियान का उद्देश्य रिज क्षेत्र में जैव विविधता को बढ़ाना और दिल्ली सरकार के उस आदेश का पालन करना था जिसमें विदेशी कीकर प्रजातियों को हटाकर स्वदेशी पेड़ लगाने का निर्देश दिया गया था।
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