प्रधानमंत्री ने हांगकांग में भगवान बुद्ध के अवशेषों की नीलामी रुकवाई
राज्यसभा सांसद बृजलाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया कि उन्होंने भगवान बुद्ध के अवशेषों की नीलामी को 7 मई को हांगकांग में रोक दिया। बृजलाल ने मोदी को पत्र लिखकर अवशेषों को जल्द भारत लाने...

राज्यसभा सांसद बृजलाल ने भगवान बुद्ध के अवशेषों की 7 मई को हांगकांग में होने वाली नीलामी रुकवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। बृजलाल ने इसके लिए पांच मई को प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर अवशेषों को जल्द भारत लाने का आग्रह किया। सांसद बृजलाल ने कहा कि उन्होंने पांच मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एवं विदेशमंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर ई-मेल के माध्यम से बताया था कि भगवान बुद्ध के कुछ अवशेषों की नीलामी सात मई को हांगकांग में होने वाली है, जिसे रुकवाया जाए। उन्होंने कहा कि ये वह अवशेष हैं जिसे बुद्धकालीन काला नमक चावल एवं नील की खेती करने वाले ब्रिटिश जमींदार एच. डब्ल्यू कार्लसन पेपे ने 1898 में भगवान बुद्ध के पिपरहवा स्थित स्तूप से निकलवाया था।
पेपे की नजर बुद्ध के स्तूप पिपरहवा पर पड़ी। उसने सुरंग बनाकर स्तूप के आधार से सोप-स्टोन के बॉक्स से भगवान बुद्ध से संबंधित रत्न, अन्य पवित्र वस्तुएं एवं अवशेष निकाल लिए। जिसको वह लंदन ले गया था। पेपे के परिवारजन इन्हीं अवशेष को हांगकांग में 7 मई को नीलामी कराकर धन कमाना चाहते थे। बृजलाल के मुताबिक उनके पत्र पर भारत सरकार ने तुरंत कार्यवाही की और भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की नीलामी रुकवा दी। पिपरहवा (अब कपिलवस्तु) एक पवित्र बुद्ध तीर्थस्थल है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में अतिव्यस्तता के बावजूद भी भगवान बुद्ध की पवित्र अवशेषों की नीलामी रुकवाई और अब ये अवशेष भारत अवश्य लाए जाएंगे।
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