Nirmala Sitharaman Advocates Balance Between Regulation and Freedom for India s Development विकसित भारत के लिए विनियमन और स्वतंत्रता के बीच सही संतुलन जरूरी: सीतारमण, Delhi Hindi News - Hindustan
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विकसित भारत के लिए विनियमन और स्वतंत्रता के बीच सही संतुलन जरूरी: सीतारमण

- भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने किया निर्बाध मंजूरी सुविधा प्रदान

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 20 May 2025 05:14 PM
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विकसित भारत के लिए विनियमन और स्वतंत्रता के बीच सही संतुलन जरूरी: सीतारमण

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए विनियमन और स्वतंत्रता के बीच सही संतुलन पर जोर दिया है। मंगलवार को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के 16वें वार्षिक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने निर्बाध मंजूरी की सुविधा प्रदान करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विनियामक ढांचे कठोर निगरानी बनाए रखते हुए तेज और निर्बाध मंजूरी की सुविधा प्रदान करें, जिससे प्रतिस्पर्धा को भी कोई नुकसान न पहुंचे। उन्होंने कहा कि भारत में चल रहे संरचनात्मक सुधार परिसंपत्ति मुद्रीकरण, विनिवेश और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के साथ सभी बाजार की संभावनाओं को खोलने और प्रतिस्पर्धा को गहरा करने की दिशा में काफी अहम है।

इस वर्ष के केंद्रीय बजट में उत्पादकता और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सिद्धांतों और विश्वास पर आधारित नियामक ढांचे के महत्व का उल्लेख किया । उसी तरह नियामकों को विकास समर्थक मानसिकता के साथ न्यूनतम आवश्यक और अधिकतम व्यवहार्य के सिद्धांत पर काम करना चाहिए। बजट में यह घोषणा की गई थी कि कंपनी विलय की त्वरित स्वीकृति के लिए आवश्यकताओं और प्रक्रियाओं को युक्तिसंगत बनाया जाएगा। फास्ट-ट्रैक विलय के दायरे को बढ़ावा देने के लिए प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। क्योंकि पारंपरिक चुनौतियों के अतिरिक्त हाल के वर्षों में नई चुनौतियां सामने आई हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का बाजार की शक्ति बनना, पारदर्शिता, डेटा एक्सेस और प्रतिस्पर्धी नुकसान के दायरे को लेकर नए सवाल उठाती हैं। इसी तरह से गेटकीपर प्लेटफॉर्म के उभरने, डेटा एक्सेस में विषमता के बीच निष्पक्ष डिजिटल बाजारों को चुनौती मिल रही है। ऐसे में सीमा-पार डिजिटल एकाधिकार का उदय वैश्विक सहयोग और चुस्त विनियमन की मांग करता है। उन्होंने कहा कि 1.4 बिलियन लोगों वाले भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष बाजार सुनिश्चित करना सिर्फ एक आर्थिक जरूरत नहीं है। यह एक लोकतांत्रिक जरूरत भी है। सीसीआई निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने का काम करता है। एक निश्चित सीमा से परे विलय एवं अधिग्रहण के लिए नियामक की मंजूरी की आवश्यकता होती है, जिसमें सीसीआई अहम भूमिका निभा रहा है।

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