बेशर्मी : अपनी जनता को झूठी विजय कहानियों से बरगलाता है पाक
-भारत से मुंह की खाने के बावजूद मनाएगा ‘यौम-ए-तशक्कुर नई दिल्ली, एजेंसी। पाकिस्तान एक

पाकिस्तान एक बार फिर अपने नागरिकों को ‘यौम-ए-तशक्कुर (आभार दिवस) मनाकर यह जताने की कोशिश कर रहा है कि वह भारत के साथ हुए संघर्ष में विजयी रहा है। इतिहास की ठोस सच्चाइयों और अंतरराष्ट्रीय प्रमाणों के विपरीत, पाकिस्तान ने हमेशा अपने सैन्य और कूटनीतिक पराजयों को घरेलू मोर्चे पर ‘जीत के तौर पर प्रचारित किया है। कब-कब और कैसे झूठे दावे किए 1. 1965 की जंग : झूठा विजय उत्सव पाकिस्तान ने ऑपरेशन जिब्राल्टर के तहत कश्मीर में घुसपैठ की और युद्ध छेड़ा। भारत ने लाहौर तक मोर्चा खोल दिया और पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा। 24,000 वर्ग किमी क्षेत्र भारत के कब्जे में चला गया, जबकि पाकिस्तान के पास सिर्फ 1,500 वर्ग किमी था।
संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप से युद्ध रुका, लेकिन पाक ने अपने टीवी और रेडियो पर इसे जीत करार दिया और हर साल 6 सितंबर को डिफेंस डे मनाने लगा। वास्तविकता: भारतीय सेना ने रणनीतिक बढ़त पाई, दुनिया ने पाकिस्तान को युद्ध छेड़ने वाला माना। 2. 1971 : बांग्लादेश मुक्ति संग्राम : ऐतिहासिक हार छिपाने की कोशिश भारत-पाक युद्ध के परिणामस्वरूप बांग्लादेश बना। पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया, यह इतिहास का सबसे बड़ा सैन्य समर्पण था। लेकिन पाकिस्तान में लंबे समय तक इस आत्मसमर्पण की खबर दबाई गई। वास्तविकता: यह पाकिस्तान की सबसे बड़ी सैन्य पराजय थी। 3. 1999 : कारगिल युद्ध : घुसपैठ को ‘फतह बताया पाकिस्तान ने एलओसी पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की। भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक सभी कब्जे वाले क्षेत्रों को वापस लिया। अमेरिका सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने पाकिस्तान को दोषी ठहराया। लेकिन पाकिस्तानी मीडिया ने इसे ‘बादलों में फतह करार दिया। वास्तविकता : पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा और वहां के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अमेरिका में हस्तक्षेप की गुहार लगानी पड़ी। 4. 2016 : उरी हमले के बाद भारत की सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने उरी में हमला किया जिसमें 19 भारतीय सैनिक शहीद हुए। भारत ने पीओके में घुसकर आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। पाकिस्तान ने पहले इसका इनकार किया, फिर बाद में इसे छोटा संघर्ष बताया। वास्तविकता: भारत की कार्यवाही ने नई सैन्य नीति की शुरुआत की, जिसे विश्व भर में सराहा गया। 5. 2019 : पुलवामा हमला और बालाकोट एयरस्ट्राइक जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए। भारत ने बालाकोट में आतंकियों के कैंप पर हवाई हमला किया। पाकिस्तान ने इसे खाली पहाड़ी पर बम गिराने का दावा किया। वास्तविकता: हमले के बाद पाक ने अपने एयरस्पेस बंद कर दिए और एफ-16 विमान भी गंवाया। ----------- हर बार तोड़ा संघर्षविराम 1 जनवरी 1949 : संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित पहले संघर्षविराम के बाद पाकिस्तान ने कई बार नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की। 6 सितंबर 1965 : युद्ध के दौरान संघर्षविराम की घोषणा से पहले और बाद में पाकिस्तान ने एलओसी पर हमले जारी रखे। 16 दिसंबर 1971 : बांग्लादेश युद्ध के बाद संघर्षविराम हुआ, लेकिन उसके बाद भी घुसपैठ और फायरिंग की घटनाएं जारी रहीं। 26 जुलाई 1999 : कारगिल युद्ध के बाद संघर्षविराम के बावजूद पाकिस्तानी रेंजर्स ने सीमा पर फायरिंग की। 26 नवंबर 2003 : औपचारिक संघर्षविराम समझौते के बावजूद, पाकिस्तान ने 2004 से फायरिंग की शुरुआत कर दी। 29 सितंबर 2016 : भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारी गोलाबारी की। 14 फरवरी 2019 : पुलवामा हमले के बाद एलओसी पर बार-बार सीजफायर उल्लंघन हुआ। 25 फरवरी 2021 : संघर्षविराम पर पुनः सहमति बनी, लेकिन जुलाई 2022 में फिर उल्लंघन की पुष्टि हुई। 17 सितंबर 2023 : पुंछ सेक्टर में पाकिस्तानी गोलीबारी में एक भारतीय जवान घायल हुआ। 5 मार्च 2024 : जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में एलओसी पर पाकिस्तानी फायरिंग हुई।
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