चिंताजनक : 30 से 40 की आयु वालों में बढ़ रहा रक्त कैंसर एएमएल का खतरा
दिल्ली में हर साल 3,000 से अधिक रक्त कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें मुख्य रूप से एक्यूट मायलॉयड ल्यूकेमिया (एएमएल) शामिल हैं। यह बीमारी 30 से 40 वर्ष की आयु के लोगों में तेजी से फैल रही है।...

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली में हर साल रक्त कैंसर में एक्यूट मायलॉयड ल्यूकेमिया (एएमएल) के कम से कम 3,000 मामले सामने आ रहे हैं। चिंता की बात यह है कि यह आक्रामक ब्लड कैंसर अब 30 से 40 वर्ष की उम्र के लोगों में भी तेजी से फैल रहा है। प्रेस वार्ता में एम्स के एडिशनल प्रोफेसर डॉक्टर रंजीत साहू ने मंगलवार को यह जानकारी दी। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, यह गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बनती जा रही है, जिस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। आंकड़ों के मुताबिक, एएमएल कैंसर से पीड़ित सिर्फ 30 फीसदी मरीज ही पूरा इलाज करवा पाते हैं।
इलाज में सबसे बड़ी बाधा आर्थिक तंगी और अपर्याप्त बीमा सुरक्षा है, जिसके कारण अधिकतर मरीज समय पर इलाज नहीं ले पाते। विशेषज्ञों का मानना है कि एएमएल को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राथमिकता में शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि इसके मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और समय रहते कदम न उठाने पर अनावश्यक जानें जा रही हैं। समय पर सही जांच हांना जरूरी एम्स के डीएम (मेडिकल ऑन्कोलॉजी) प्रोफेसर (एडिशनल) डॉ. रंजीत साहू ने बताया कि हम समय गंवा देते हैं, क्योंकि एएमएल का देर से पता चलता है। यह थकान या संक्रमण जैसा दिखता है और जब तक सही जांच होती है, तब तक बीमारी काफी बढ़ चुकी होती है। एक सामान्य ब्लड टेस्ट से इसका पता लगाया जा सकता है, लेकिन एएमल का इलाज सिर्फ उच्चस्तरीय चिकित्सा केंद्रों में ही संभव है और सहायक इलाज की लागत भी बहुत अधिक है। विशेषज्ञों ने सरकार से अपील की कि बढ़ती गंभीरता को देखते हुए इसके इलाज और जांच को सुलभ और सस्ता बनाया जाए, ताकि जानलेवा बीमारी से समय पर लड़ाई की जा सके।
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