नड्डा ने तमिलनाडु चुनाव के लिए भाजपा की तैयारियों को परखा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने छठे अंतरराष्ट्रीय शैव सिद्धांत सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने समाज की बेहतरी के लिए आध्यात्मिकता और प्रौद्योगिकी के संयोजन पर जोर दिया। नड्डा ने 2026 के...

- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने छठे अंतरराष्ट्रीय शैव सिद्धांत सम्मेलन में लिया हिस्सा - कहा, समाज की बेहतरी के लिए आध्यात्मिकता और प्रौद्योगिकी का साथ होना जरूरी चेन्नई, एजेंसी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने 2026 में तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को पार्टी की तमिलनाडु इकाई की तैयारियों की समीक्षा की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा यहां एसआरएम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में धर्मपुरम अधीनम के तत्वावधान में आयोजित छठे अंतरराष्ट्रीय शैव सिद्धांत सम्मेलन में भाग लेने के लिए आए हैं। एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि नड्डा ने शहर के अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान यहां आयोजित राज्य कोर ग्रुप की बैठक में भाग लिया।
इसके साथ पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू करने और पार्टी के संगठनात्मक कार्य को भी आगे बढ़ाने की सलाह दी। भाजपा की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख और विधायक दल के नेता नैनार नागेंथिरन की अध्यक्षता में हुई बैठक में तमिलनाडु मामलों के राष्ट्रीय सह-प्रभारी पी. सुधाकर रेड्डी, राज्य इकाई के सह-संयोजक एच राजा, राष्ट्रीय महिला मोर्चा की अध्यक्ष और विधायक वनाथी श्रीनिवासन और पार्टी की राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष: पोन राधाकृष्णन और डॉ. तमिलिसाई सौंदरराजन सहित अन्य लोग शामिल हुए। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी विनोज पी. सेल्वम ने कहा, बैठक में हमारे प्रदेश अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन ने 2026 के चुनाव में द्रमुक सरकार को सत्ता से बाहर करने और राज्य विधानसभा में भाजपा के अधिकतम सदस्यों की संख्या सुनिश्चित करने का संकल्प व्यक्त किया। नड्डा ने इससे पहले छठे अंतरराष्ट्रीय शैव सिद्धांत सम्मेलन को संबोधित करते हुए समाज की बेहतरी के लिए आध्यात्मिकता और प्रौद्योगिकी के एक साथ होने पर जोर दिया है। सम्मेलन का आयोजन अंतरराष्ट्रीय शैव सिद्धांत अनुसंधान संस्थान, धर्मपुरम और एसआरएम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के तत्वावधान में किया गया। उन्होंने कहा कि शैव सिद्धांत महज एक धार्मिक दर्शन नहीं है बल्कि यह एक सभ्यतागत सिद्धांत है जो आत्मा, परमात्मा और जगत के बीच पवित्र संबंध की शिक्षा देता है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु पवित्र भूमि है और संगम कवियों तथा शैव संतों ने इस दर्शन को पोषित किया।
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