जच्चा बच्चा अस्पताल में जून से सभी सुविधाएं मिलनी शुरू होंगी
नोएडा। प्रमुख संवाददाता। भंगेल स्थित जच्चा बच्चा अस्पताल में जून से सभी सुविधाएं मिलनी शुरू

नोएडा, प्रमुख संवाददाता। भंगेल स्थित जच्चा बच्चा अस्पताल में जून से सभी सुविधाएं मिलनी शुरू होगी। वर्तमान में सिर्फ ओपीडी चल रही है। यहां 50 बेड पर इलाज की सुविधा मिलेगी। जच्चा बच्चा अस्पताल में सात डॉक्टरों की नियुक्ति की जा चुकी है। करीब एक हफ्ते से ओपीडी चल रही है। आपातकालीन विभाग और 50 बेड का वार्ड आदि शुरू करने की तैयारी चल रही हैं। वहीं जांच मशीन, सहित अन्य उपकरण भी मंगाने के लिए शासन को पत्र लिखा जा चुका है। मई के अंतिम महीने में उपकरण सहित अन्य सामान मिलने की उम्मीद है। इसके बाद से अस्पताल में सुविधाओं का विस्तार होगा।
पूरी तरह से अस्पताल शुरू होने पर नर्सरी, आपातकालीन वार्ड, सामान्य वार्ड, टीकाकरण, प्रसव, सहित कई अन्य सुविधाएं मिलेंगी। यह जिले का पहला जच्चा बच्चा अस्पताल है। ओपीडी में यहां प्रत्येक दिन औसतन 30-40 महिलाएं इलाज के लिए आ रही हैं। मरीजों को प्रसव, टीकाकरण, सहित अन्य सुविधाएं परिसर में ही स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मिल रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि शासन उपकरण और जांच मशीन के लिए शासन को पत्र लिखा गया है, जल्द ही सभी संसाधन मिलने की उम्मीद है। लिहाजा जून महीने में अस्पताल पूरी तरह से शुरू हो जाएगा। ओपीडी में आने वाली महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रसव वार्ड शिफ्ट होने में देरी भी एक कारण जच्चा बच्चा अस्पताल में भंगेल सीएचसी का प्रसव वार्ड है। उसे भंगेल सीएचसी में शिफ्ट होना है, लेकिन भंगेल सीएचसी में प्रसव वार्ड के स्थान पर आयुष के डॉक्टरों की ओपीडी चलती है। लिहाजा प्रसव वार्ड शिफ्ट नहीं हो पा रहा है। आयुष के डॉक्टरों की ओपीडी शिफ्ट न होना भी अस्पताल की शुरुआत में देरी का एक कारण है। नवजात के इलाज के लिए पांचवां बड़ा अस्पताल होगा जच्चा बच्चा अस्पताल के शुरू होने के बाद यह नवजात के इलाज के लिए जिले का पांचवां चिकित्सकीय केंद्र होगा। वर्तमान में सबसे बड़ा चिकित्सकीय केंद्र चाइल्ड पीजीआई है। जहां नवजात के इलाज के हरेक सुविधा उपलब्ध है। 30 बेड की एनआईसीयू भी है। नवजात के इलाज के लिए अलग से एक चिकित्सकीय विभाग कार्य कर रहा है। इस अस्पताल के अलावा ग्रेटर नोएडा स्थित जिम्स, सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल और सेक्टर-24 स्थित ईएसआईसी अस्पताल में भी नवजात के इलाज की सुविधा उपलब्ध है। पांच साल बाद शुरू हो पाया अस्पताल अस्पताल पांच साल बाद शुरू हो पाया है। वर्ष 2020 जनवरी में बनकर तैयार हो गया था। इसे शुरू करने की बातचीत शासन से चल रही थी। इसी वर्ष मार्च महीने में कोरोना महामारी के कारण अस्पताल शुरू नहीं किया जा सका। कोरोना महामारी के दौरान अस्पताल के भवन को क्वारंटाइन और प्राथमिक कोविड अस्पताल बनाया गया था। पिछले साल से अस्पताल शुरू करने की कवायद शुरू की गई थी। हालांकि अभी भी मरीजों को ओपीडी की ही सुविधा मिल रही है। पांच साल के बाद शुरू होने के बावजूद एक साथ ही मरीजों को पूरी सुविधाएं नहीं मिली। अभी भी सुविधाएं बढ़ने का इंतजार है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।