नोएडा एयरपोर्ट जाने वाले रास्ते में दिखें सांस्कृतिक रंग, विशेष प्रजाति के पेड़ भी होंगे
प्राधिकरण ने उक्त ग्रीन बेल्ट को नई पहचान देने के लिए प्लान तैयार किया है। यहां 35 किलोमीटर लंबे पूरे मार्ग पर विशेष प्रजाति के अनोखे और सुंदर पेड़ पौधे, लैंडस्केपिंग, आकर्षक वाटर बॉडी और देश के पारंपरिक और धार्मिक स्थलों के मिनिएचर विकसित होंगे।

नोएडा एयरपोर्ट तक 35 किलोमीटर का मार्ग सिर्फ आवागमन का माध्यम ही नहीं होगा, बल्कि इसे दर्शनीय स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा। गलगोटिया विश्वविद्यालय से एयरपोर्ट तक 60 मीटर चौड़ी सड़क किनारे देश-प्रदेश की सांस्कृतिक झलक दिखेगी। 100 मीटर चौड़ी ग्रीन बेल्ट भी विकसित की जाएगी। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के अधिकारी ने बताया कि यमुना सिटी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने के लिए शहर में अभी तक कोई प्रसिद्ध प्रवेश द्वार या फिर खास इमारत नहीं है। ऐसे में प्राधिकरण ने शहर की सुंदरता को चार चांद लगाने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे और शहर के सेक्टरों को जोड़ने वाली 60 मीटर सड़क के बीच 100 मीटर चौड़ी ग्रीन बेल्ट विकसित करने का फैसला लिया है।
प्राधिकरण ने उक्त ग्रीन बेल्ट को नई पहचान देने के लिए प्लान तैयार किया है। यहां 35 किलोमीटर लंबे पूरे मार्ग पर विशेष प्रजाति के अनोखे और सुंदर पेड़ पौधे, लैंडस्केपिंग, आकर्षक वाटर बॉडी और देश के पारंपरिक और धार्मिक स्थलों के मिनिएचर विकसित होंगे। साथ ही, शहर के प्रमुख चौराहों को रंग बिरंगी रोशनी से जगमग किया जाएगा। यहां खानपान की विशेष सुविधा उपलब्ध की जाएगी, ताकि कोई भी व्यक्ति शहर में प्रवेश करे तो उसे देश-प्रदेश की सांस्कृतिक झलक दिखे। इस काम पर करीब 700 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ग्रीन बेल्ट विकसित करने के लिए ग्लोबल निविदा निकाली जाएगी।
मुख्य फोकस शहर के प्रमुख चौराहों को सुधारने पर होगा। यहां पर अलग-अलग प्रकार के फव्वारे और देश की ऐतिहासिक इमारत जैसे ताजमहल, कुतुब मिनार और अन्य के मिनिएचर बनाए जाएंगे। इसके अलावा धार्मिक स्थलों की झलक भी दिखेगी। राम मंदिर समेत चार धामों को यमुना सिटी में उतारा जाएगा, ताकि सड़क पर चलते लोग अंतरराष्ट्रीय स्तरीय शहर का आनंद उठा सकें।