नूंह में सरकारी स्कूल के टीचर ने दे दी जान, 8 पेज के सुसाइड नोट में 8 शिक्षकों के नाम; क्या आरोप
हरियाणा के नूंह जिले में एक सरकारी स्कूल के टीचर ने स्कूल परिसर में जहर खाकर जान दे दी। उसके पास से मिले 8 पेज के सुसाइड नोट में 8 शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

हरियाणा के नूंह जिले में एक सरकारी स्कूल के टीचर ने स्कूल परिसर में जहर खाकर जान दे दी। उसके पास से मिले 8 पेज के सुसाइड नोट में 8 शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हरियाणा के नूंह जिले के एक सरकारी माध्यमिक विद्यालय में शनिवार को एक शिक्षक ने कथित तौर पर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि मौके से आठ पेज का सुसाइड नोट मिला है। इसमें मृतक शिक्षक ने खोरी खुर्द गांव स्थित स्कूल में अपने सहकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने सदर तौरू थाने में सुसाइड नोट में नामजद आठ शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज की है।
पुलिस के अनुसार, हरियाणा के रेवाड़ी जिले के माजरा गांव निवासी जयपाल (48) खोरी खुर्द गांव के सरकारी स्कूल में जूनियर बेसिक टीचर (जेबीटी) के पद पर कार्यरत थे। नूंह पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि जयपाल और उसके कुछ साथियों के बीच स्कूल परिसर में पेड़ों की कटाई और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। प्रवक्ता ने बताया कि शनिवार दोपहर जयपाल ने स्कूल परिसर में कोई जहरीला पदार्थ खा लिया। उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पुलिस को जयपाल के पास से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने दावा किया कि स्कूल में कुछ अनियमितताओं को ठीक करने की कोशिश करने के कारण उसे बार-बार परेशान किया गया। उसने परिसर में पेड़ों की कथित कटाई के बारे में जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से भी शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उसने अपने सुसाइड नोट में स्कूल के आठ शिक्षकों का नाम लिया, जिनमें सुमन शर्मा, जितेंद्र दलाल, रमेश गेरा और महेंद्र शर्मा शामिल हैं। इन पर झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगाया।जयपाल ने नोट में दावा किया है कि लगातार उत्पीड़न के कारण उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली है। पोस्टमार्टम के बाद शव जयपाल के परिजनों को सौंप दिया गया है। नोट में लगाए गए आरोपों की विशेषज्ञों द्वारा जांच की जाएगी और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।