डिग्री एक, फीस दो बार; बाबा साहेब आंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग का झोल उजागर
पार्ट-3 का फॉर्म भरते समय डिग्री के लिए सभी छात्र छात्राओं से 400-400 रुपये लिए गए थे। अब डिग्री के लिए फिर ऑनलाइन आवेदन करवाया जा रहा है। इसमें विद्यार्थियों से डिग्री के लिए दोबारा 400 रुपये लिए जा रहे हैं।

बिहार के प्रतिष्ठित बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग का बड़ा खेल उजागर हुआ है। एक डिग्री के लिए दो-दो बार भुगतान छात्र-छात्राओं को करना पड़ रहा हैं बीआरएबीयू में डिग्री के नाम पर लाखों का घपला हो रहा है। सत्र 2018-21 के विद्यार्थियों की डिग्री का यह मामला है। पार्ट-3 का फॉर्म भरते समय डिग्री के लिए सभी छात्र छात्राओं से 400-400 रुपये लिए गए थे। अब डिग्री के लिए फिर ऑनलाइन आवेदन करवाया जा रहा है। इसमें विद्यार्थियों से डिग्री के लिए दोबारा 400 रुपये लिए जा रहे हैं।
छात्र छात्राओं ने इसका विरोध जताते हुए विवि अधिकारियों से इस पर कार्रवाई की मांग की है। छात्र छात्राओं ने कहा कि जब एक बार डिग्री के लिए राशि ले ली गई थी तो दुबारा क्यों? इस सत्र के लिए पोर्टल पर से आवेदन हटना चाहिए था मगर अब जब डिग्री के लिए विद्यार्थी आ रहे तो उन्हें आवेदन करना पड़ रहा है और बिना शुल्क भुगतान के आवेदन स्वीकार नहीं हो रहा है। छात्र छात्राओं ने कहा कि 80 हजार से अधिक छात्र छात्राएं हैं। ऐसे में यह लाखों का घपला है। इसका हिसाब कौन देगा।
आन्दोलन की चेतावनी
बिहार छात्र संघ प्रदेश अध्यक्ष करण सिंह ने कहा कि इस घपले और अनियमितता के विरोध में आंदोलन होगा। अधिकारियों से जब इस बाबत बात की गई तो सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। एक डिग्री के लिए छात्र 800 रुपये क्यों भुगतान करें।
अलग-अलग मदवार मिली थी रसीद
आरडीएस के छात्र मो. तैय्यब आलम ने कहा कि कालेज में फॉर्म भरते समय ही 950 रुपये का भुगतान लिया गया था। जो रसीद दी गयी उसमें मदवार लिखा हुआ है। 950 में अंकपत्र का 100, परीक्षा फॉर्म का 100, औपबंधिक प्रमाणपत्र का 150 और मूल प्रमाणपत्र का 400, लोकल लेवी यानि कुल 950 रुपये लिखा हुआ है। इसके बाद भी कोई कार्रवाई विवि स्तर से नहीं की जा रही है।
क्या कहते हैं पदाधिकारी?
इस मामले में विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक सुबालाल पासवान ने बताया कि पिछले कुछ सत्रों से नई व्यवस्था शुरू की गयी है। पहले के सत्रों के छात्र छात्राओं को डिग्री के लिए शुल्क देना है। इसी वजह से यह समस्या आ रही है। इस मामले में नोटिस किया जा रहा है। जिस सत्र से नई व्यवस्था के तहत परीक्षा फॉर्म के साथ डिग्री का शुल्क ले लिया गया तब से दोबारा फीस नहीं देना है। इसके लिए पोर्टल में भी आश्यक सुधार किया जाएगा।