एक बूंद पानी जाने नहीं जाने दूंगा, हरियाणा के साथ तकरार पर भगवंत मान ने केंद्र को दे दी धमकी
भगवंत मान ने कहा है कि अगर डैम का पानी छोड़ने के लिए अधिकारियों को भेजा गया तो कुछ भी हो सकता है और इसकी जिम्मेदार बीजेपी होगी।

पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर टकराव के बीच भगवंत मान ने कहा है कि वह भाखड़ा डैम से एक बूंद भी पानी हरियाणा को देने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर बांध पर अधिकारियों को भेजा जाता रहा तो कोई भी गड़बड़ होने पर इसकी जिम्मेदार बीजेपी होगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) जिम्मेदार होगा।
उन्होंने इस मुद्दे को लेकर किसान संघों की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। मान को जब पता चला कि बोर्ड के अधिकारी हरियाणा के लिए पानी छोड़ने को लेकर फिर से बांध पर पहुंचे हैं तो वह रूपनगर जिले में नांगल बांध की ओर चल पड़े।
पंजाब सरकार में मंत्री हरजोत सिंह बैंस के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (आप) कार्यकर्ताओं और कुछ स्थानीय ग्रामीणों ने पड़ोसी राज्य हरियाणा के लिए पानी छोड़ने आए अधिकारियों के इस प्रयास के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
बोर्ड के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी को ‘आप’ कार्यकर्ताओं द्वारा नांगल बांध के गेस्ट हाउस में कथित तौर पर बंद करने के चार दिन बाद यह घटनाक्रम हुआ। पंजाब और हरियाणा में पानी के बंटवारे को लेकर टकराव जारी है। पंजाब में ‘आप’ के नेतृत्व वाली सरकार ने भाखड़ा बांध से पानी साझा करने से इनकार करते हुए कहा कि हरियाणा पहले ही अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर चुका है।
मान ने राज्य की नदियों के जल संरक्षण पर किसान संघों की ‘चुप्पी’ पर भी निशाना साधा। मान ने नांगल बांध पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक तरफ पंजाब अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दुश्मनों का डटकर मुकाबला कर रहा है और दूसरी तरफ केंद्र की भाजपा सरकार ‘गंदे खेल’ खेल रही है और राज्य को उसके पानी से वंचित करने के लिए नौटंकी कर रही है।
उन्होंने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है और संकट के समय में इससे बचना चाहिए।' मान ने कहा कि पंजाब सरकार सीमा और राज्य के पानी की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। मान ने पानी छोड़ने के प्रयासों की निंदा करते हुए भाजपा और बोर्ड को चेतावनी दी कि वे नांगल बांध पर बार-बार अधिकारियों को भेजकर कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश न करें।
मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर कोई अप्रिय घटना होती है, जान-माल का नुकसान होता है या हिंसा होती है, तो इसके लिए बोर्ड और भाजपा जिम्मेदार होंगे।” यह पूछे जाने पर कि क्या पंजाब सरकार उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी, जिसपर मान ने कहा कि जब जल बंटवारे के लिए ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है, तो राज्य किस आदेश को चुनौती देगा।
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