मैं बागी हो सकता हूं लेकिन...; पहलगाम हमले पर बयानों से घिरे सत्यपाल मलिक का जवाब
पहलगाम हमले को लेकर दिए अपने बयानों के बाद पाकिस्तान में चर्चा पाने और भारत में आलोचना के शिकार हुए पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जवाब दिया है।

पहलगाम हमले को लेकर दिए अपने बयानों के बाद पाकिस्तान में चर्चा पाने और भारत में आलोचना के शिकार हुए पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जवाब दिया है। उन्होंने खुद को किसान कौम का बेटा बताते हुए कहा कि वह बागी हो सकते हैं, लेकिन गद्दार नहीं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पहलगाम हमले को लेकर पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमले किए थे और उन्हें डरपोक तक कह डाला था।
6 मई को एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में सत्यपाल मलिक ने पहलगाम हमले को लेकर सरकार पर सवाल उठाए और सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि इस असफलता के लिए पीएम मोदी को माफी मांगनी चाहिए। सत्यपाल मलिक का यह बयान पाकिस्तान में बहुत चर्चित हुआ। पाकिस्तान के कई नेताओं और सेना ने उनके बयान का सहारा लेकर अपना बचाव किया और भारत सरकार पर दोष मढ़ने की कोशिश की। इसकी वजह से कई लोग सोशल मीडिया पर सत्यपाल मलिक को ट्रोल कर रहे थे।
मलिक ने अब एक्स पर जवाब देते हुए कहा, 'बहुत से लोग मुझे सोशल मीडिया पर टारगेट कर रहे हैं, अनाप शनाप मेरे खिलाफ लिख रहे हैं। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं उस किसान कौम का बेटा हूं। मैं बागी हो सकता हूं, लेकिन गद्दार होना मेरी फितरत में नहीं है।' मलिक ने कहा कि वह झुकना नहीं जानते हैं और सरकार से उनके सवाल कायम रहेंगे। उन्होंने कहा, 'मैंने मेरे जीवन में झुकना नहीं सीखा सत्ता पक्ष से मेरे आज भी वही सवाल है।'
सेना की ओर से पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर किए गए प्रहार से ठीक एक दिन पहले मलिक ने कहा था कि पीएम मोदी ने युद्ध का माहौल बना दिया, लेकिन वह कुछ नहीं कर पाएंगे। एक दिन बाद ही जब ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया तो उन्होंने सेना की तारीफ करते हुए सरकार के साथ एकजुटता भी जाहिर की थी।
सत्यपाल मलिक ने कहा था, 'भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' ने पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर आतंक पर कड़ा प्रहार किया है। मैं इस कार्यवाही का स्वागत करता हूं, सभी देशवासी पूरी मजबूती से भारतीय सेना और भारत सरकार के साथ मजबूती से खड़े हैं। जय हिन्द।' पूर्व भाजपा नेता सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर के अलावा बिहार, गोवा और मेघालय के भी राज्यपाल रह चुके हैं। पद छोड़ने के बाद से वह पीएम मोदी के मुखर आलोचक हो गए। वह अलग-अलग मुद्दों पर काफी मुखर होकर सरकार की आलोचना करते हैं।