ट्रंप से लेकर शहबाज-मुनीर तक, 22 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने सबको दिया दो-टूक जवाब
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में साफ कर दिया कि भारत परमाणु बम को लेकर ब्लैकमेल नहीं सहेगा। उन्होंने दुनिया को स्पष्ट संदेश भी दिया कि आतंकवाद एवं व्यापार और आतंकवाद एवं बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते।

टेरर और टॉक एक साथ नहीं हो सकते। टेरर और ट्रेड एक साथ नहीं चल सकते। पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता। पाकिस्तान से बात होग तो टेरेरिज्म पर होगी। पाकिस्तान से बात होगी तो पीओके पर होगी। प्रधानमंत्रीा नरेंद्र मोदी पूरी दृढ़ता के साथ जब ये बातें कह रहे थे तो चुन-चुनकर संदेश दे रहे थे। प्रधानमंत्री ने सोमवार रात राष्ट्र के नाम 22 मिनट के संबोधन में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर को साफ तौर बता दिया कि भारत की नीति में अब आतंक के आकाओं और आतंकवाद की सरपरस्त सरकार को अलग-अलग नहीं देखा जाएगा। इसके साथ ही लगातार सीजफायर का क्रेडिट ले रहे अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए भी पीएम के भाषण में साफ-साफ इशारा था कि आपको दुनिया का चौधरी बनने की जरूरत नहीं है।
कश्मीर, ट्रेड को लेकर ट्रंप का बड़बोलापन
गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नेदो दिन पहले सीजफायर का ऐलान कर दिया था और फिर से कश्मीर पर मध्यस्थता का राग अलापा था। इसके बाद उन्होंने आज दावा किया कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच का सैन्य टकराव खत्म कराने के लिए दोनों से कहा था कि संघर्ष न रुका तो अमेरिका दोनों से व्यापार करना बंद कर देगा। वाइट हाउस में उन्होंने कहा,'हमने बहुत मदद की। हमने व्यापार से मदद की। हमने कहा कि हम आपके साथ बहुत सारा व्यापार करते हैं, इस लड़ाई को बंद करें। अगर आप रुकेंगे, तो हम व्यापार करेंगे और अगर नहीं रुकेंगे तो हम व्यापार नहीं करेंगे।' अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि व्यापार खत्म करने की बात आते ही वे तुरंत संघर्ष रोकने को तैयार हो गए। ट्रंप ने आगे कहा कि हमने परमाणु तनाव को रोक दिया है। यह परमाणु युद्ध हो सकता था और ऐसा होने पर लाखों लोगों की जान जाती।
टेरर और टॉक साथ नहीं चल सकते
ट्रंप के दावे पर सरकार ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया था, लेकिन सोमवार को पीएम ने देश के नाम संबोधन में साफ कर दिया कि पाकिस्तान से आगे कोई भी बात केवल आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर ही होगी और भारत पाकिस्तान की परमाणु हथियार के प्रयोग की धौंस-पट्टी में नहीं आएगा। प्रधानमंत्री का संदेश साफ था कि कश्मीर पर किसी को चौधरी बनने की जरूरत नहीं है और भारत के लिए मुद्दा अब सिर्फ पीओके है, जम्म-कश्मीर पर किसी से कोई बात नहीं होगी। इसके साथ ही पीएम ने कहा कि भारत का मत एकदम स्पष्ट है, टेरर और टॉक एक साथ नहीं हो सकते। टेरर और ट्रेड एक साथ नहीं चल सकते। और, पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता।
ऑपरेशन सिंदूर न्यू नॉर्मल, पाक को संदेश
मोदी ने पाकिस्तान के साथ सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति को लेकर स्पष्ट किया कि सैन्य कार्रवाई अभी केवल स्थगित की गई है और पाकिस्तान के हर कदम को इस कसौटी पर मापेंगे कि वह क्या रवैया अपनाता है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया ने पाकिस्तान का घिनौना सच फिर देखा है, जब मारे गए आतंकियों को विदाई देने पाकिस्तानी सेना के बड़े-बड़े अफसर उमड़ पड़े। आज हर आतंकवादी और आतंकवादी संगठन यह बात अच्छी तरह जान गया है कि हमारी मां-बेटियों के माथे से सिंदूर मिटाने का क्या अंजाम होता है।
विरोधियों के सवालों का भी जवाब
दो दिन पहले अचानक सैन्य अभियान रोकने की घोषणा के बाद से सरकार पर सवाल उठ रहे थे कि 'बाहरी दबाव' में यह कदम उठाया गया है। इसके जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आक्रामक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा। पाकिस्तान दुनिया भर में तनाव कम करने की गुहार लगा रहा था और बुरी तरह पिटने के बाद 10 मई की दोपहर को पाकिस्तानी सेना ने हमारे DGMO को संपर्क किया। तब तक हम आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर तबाह कर चुके थे, आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया था, पाकिस्तान के सीने में बसाए गए आतंक के अड्डों को हमने खंडहर बना दिया था। इसलिए जब पाकिस्तान की तरफ से गुहार लगाई गई, पाकिस्तान की तरफ से जब ये कहा गया कि उसकी ओर से आगे कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाया जाएगा तो भारत ने भी उस पर विचार किया। और मैं फिर दोहरा रहा हूं, हमने पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ स्थगित किया है। आने वाले दिनों में हम पाकिस्तान के हर कदम को इस कसौटी पर मापेंगे कि वो क्या रवैया अपनाता है।