एक एमबीबीएस के सहारे सौरबाजार सीएचसी
सौरबाजार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी से मरीजों को इलाज में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यहां 6 एमबीबीएस डॉक्टरों की जगह केवल 2 डॉक्टर मौजूद हैं, जिससे रोजाना 200 से 250...

सौरबाजार संवाद सूत्र। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सौरबाजार में डॉक्टर के कमी के कारण कई वर्षो से जूझ रहा है। लेकिन पदाधिकारी का ध्यान इस और आकर्षित नहीं हो रहा है। जिसके कारण लाखों की आबादी वाले सौरबाजार प्रखंड के एकमात्र स्वास्थ्य केंद्र में 1 एमबीबीएस डॉक्टर के सहारे इलाज करना असंभव होता जा रहा है। बताया जा रहा है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 6 एमबीबीएस के जगह पर दो ही एमबीबीएस डॉक्टर थे। जिनमें कई महिनों पुर्व एक एमबीबीएस डॉक्टर को सिमरी बख्तियारपुर स्थित अस्पताल में प्रतिनियुक्ति कर दिया गया था। जिसके बाद मरीज को अपना इलाज कराने में परेशानी होने लगी है।
फिलहाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक एमबीबीएस डॉक्टर हैं जो प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में हैं। जिसके बाद एक आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं वहीं एक डेंटल डॉक्टर हैं। वही दो यूनानी हैं जो एपीएचसी रोता एवं गम्हरिया के लिए प्रतिनियुक्ति हैं। हालांकि रोता एवं गम्हरिया में भवन नहीं रहने के कारण सीएचसी में ही काम लिया जाता है। वहीं जहां 16 जीएनएम होनी चाहिए सिर्फ चार जीएनएम ही हैं । डॉक्टर ने बताया कि यहां प्रतिदिन दो सौ से ढाई सौ मरीजों का ओपीडी में इलाज किया जाता है। हालांकि कुछ दिन पहले पंचायत समिति की बैठक में भी डॉक्टर की कमी को लेकर प्रस्ताव लिया गया था कि जिला से डॉक्टर की मांग किया जाए।इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर अमित कुमार ने बताया कि हम लोगों ने विभाग को कई बार पत्र के माध्यम से एवं मौखिक हुए कहा है कि यहां डॉक्टर की बहुत कमी है ।
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