Farmers Struggle with Heavy Rain Impacting Maize Harvest and Jute Processing प्रकृति लगातार किसानों की ले रही परीक्षा, फसलों को हो रहा नुकसान, Araria Hindi News - Hindustan
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प्रकृति लगातार किसानों की ले रही परीक्षा, फसलों को हो रहा नुकसान

बारिश ने भरगामा के किसानों की स्थिति को गंभीर बना दिया है। मक्का की कटाई और जूट की निकौनी में रुकावट आई है। तेज बारिश और आंधी से फसलें प्रभावित हुई हैं। किसान पहले ही मक्का की कमजोर कीमत से परेशान थे...

Newswrap हिन्दुस्तान, अररियाTue, 13 May 2025 03:10 AM
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प्रकृति लगातार किसानों की ले रही परीक्षा, फसलों को हो रहा नुकसान

बारिश के चलते मक्का की कटाई से लेकर जूट की निकौनी तक प्रभावित भरगामा। निज संवाददाता प्रकृति एक बार फिर किसानों की परीक्षा ले रही है। मक्का की उचित कीमत नहीं रहने का सामना कर रहे किसान अब आंधी और पानी से परेशान हैं। गत रात्रि मौसम के इस बेरूखी से वैसे किसानों की परेशानी बढ़ गई है जिन्होंने अपने गहरे खेतों में दलहनी फसल मूंग , पाट और लेट भेराइटी मक्का की फसल लगाए हैं। रविवार की रात तेज हवा के साथ जोरदार बारिश हुई जिससे खेतों में पानी भर गया। हालांकि इससे एक सप्ताह पहले भी आंधी के साथ भारी बारिश हुई थी जिससे मक्का की कटनी व तैयार मक्का के दाने को सुखाने में किसानों को काफी परेशानी हुई थी।

किसान इससे उबर कर मक्का की कटनी व तैयारी करने में जुटे ही थे कि रविवार की रात जमकर बारिश हुई। इससे भरगामा प्रखंड एवं आसपास के गांवों के किसानों की हालत बद से बदत्तर होती जा रही है। कुदरत के इस कहर के किसानों की परेशानी बढ़ गयी है। बताया जाता है रविवार की रात हुई भारी बारिश से मकई फसल का तीन चार दिनों के लिए कटनी कार्य प्रभावित हो गया। वहीं अधिकांश किसान अपने जूट फसल की निकोनी अब तक नहीं कर पाए हैं। खेतों में पानी जमा हो जाने के चलते जूट फसल की निकोनी कार्य भी प्रभावित हो गया है। फलत: किसानों मे मायूसी छायी हुई है। आफत बनकर आयी इस तूफानी बारिश के कारण अधिकांश कृषकों के खेतों में लहलहाते मक्का की फसल तो नहीं गिरी लेकिन बारिश हुई तो लेट भेराईटी मक्का के दाने चुकट जाएंगे। अलवत्ता किसानों के महीनों की कमाई चली जाएगी। 17739 हेक्टेयर में होती है खेती: इस प्रखंड में खेती-बाड़ी का आकलन किया जाए तो 23294,51 हेक्टेयर भू-भाग में फैले इस प्रखंड में 17739 हेक्टेयर कृषि योग्य ऊपजाऊ भूमि है। इसमें अन्य फसलों के अलावे दलहनी एवं मक्का और जूट की खेती समानांतर रूप से कृषक नकदी फसल के रूप में करते हैं लेकिन पिछले एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार हुई वर्षा ने किसानों की आशा पर पानी फेर दिया है। सोनापुर के कृषक बैजु मंडल , रविन्द्र यादव, बंटी सिह , अमर चौहान , कुशमौल गांव के नुनूलाल यादव , शेखपुरा के मुन्ना यादव सहित कई किसानों ने बताया कि कृषक दलहनी, मक्का, पाट आदी फसल अच्छे होने के आसार को लेकर आशान्वित थे मगर वर्षा से जहां मूंग की खेतों में पानी भर गया है। वहीं जूट की खेती को ग्रहण लगता दिख रहा है। स्थिति यह है कि खेतो मे पानी भर जाने से जूट जैसी नकदी फसल की निकौनी अधिकांश क्षेत्रों में नही हो पा रही है। वहीं पूर्वा हवा लगातार चलने के कारण किसान पुन: बारिश होने की संभावना को लेकर परेशान हैं। कुल मिलाकर प्रखंड के 85 प्रतिशत लोग जिनकी आजीविका का आधार खेती-बारी है उसके सामने रोजी रोटी का सवाल पैदा हो गया है।

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