विधानसभा उपचुनाव में BJP नहीं चाहती कोई रिस्क! बैठक में कार्यकर्ताओं को BJP चीफ का मैसेज,बोले - गुटबाजी नहीं चलेगी
आगामी विधानसभा उपचुनावों को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी जून महीने में राजस्थान में पांच बड़े जनसंपर्क अभियान चलाकर संगठन को चुनावी मोड में लाने की तैयारी में है।

आगामी विधानसभा उपचुनावों को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी जून महीने में राजस्थान में पांच बड़े जनसंपर्क अभियान चलाकर संगठन को चुनावी मोड में लाने की तैयारी में है। सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित कार्यशाला में इन अभियानों की रूपरेखा तय की गई। पार्टी की रणनीति साफ है—संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाना और कार्यकर्ताओं के अनुभव को सत्ता संचालन में शामिल करना।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए साफ निर्देश दिए कि 15 जून तक सभी जिलाध्यक्ष अपने-अपने जिलों में मंडल समितियों का गठन कर लें। उन्होंने चेतावनी दी कि समिति गठन में गुटबाजी या व्यक्तिगत हितों को तरजीह नहीं दी जाएगी। राठौड़ ने कहा, "मंडल अध्यक्षों को जिलाध्यक्षों, जनप्रतिनिधियों और अपने विवेक से समितियों का निर्माण करना होगा। सशक्त मंडल समितियां ही पार्टी की रीढ़ हैं, और यही संगठन को मजबूती देंगी जो राज्य की सत्ता में पुनर्वापसी की राह आसान करेंगी।"
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि सभी की अपेक्षाएं एकसाथ पूरी नहीं हो सकतीं, लेकिन संगठन हर कार्यकर्ता के योगदान को संज्ञान में ले रहा है। उन्होंने कहा, "अब जबकि हमारी सरकार है, तो कार्यकर्ताओं के अनुभव को योजनाओं के क्रियान्वयन में शामिल करना हमारी जिम्मेदारी है।"
पांच अभियानों से जमीनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि भाजपा जून महीने में प्रदेशभर में पांच अभियान चलाएगी। इन अभियानों का उद्देश्य न केवल सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाना है, बल्कि कार्यकर्ताओं को सक्रिय भूमिका में लाकर संगठन को बूथ स्तर तक सशक्त करना है।
1. वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान (5 जून से) – इस अभियान में जल संरक्षण को लेकर जनजागरूकता और श्रमदान कार्यक्रम आयोजित होंगे।
2. संकल्प से सिद्धि तक (9 से 21 जून) – मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में केंद्र की योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
3. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) – प्रदेश भर में योग कार्यक्रम आयोजित कर स्वास्थ्य और संस्कृति को जोड़ने का प्रयास होगा।
4. श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस (23 जून) – पार्टी के वैचारिक आधार को सशक्त करने और कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने पर जोर रहेगा।
5. आपातकाल की बरसी पर जन जागरूकता अभियान – कांग्रेस शासनकाल की आलोचना करते हुए आपातकाल के दौर की याद दिलाई जाएगी।
रणनीतिक संदेश और राजनीतिक मायने
भाजपा के इन अभियानों को केवल सामाजिक सरोकारों तक सीमित न मानकर राजनीतिक रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। संगठनात्मक कार्यशालाओं और अभियानों के जरिये भाजपा अपनी जमीनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। साथ ही यह संदेश भी देना चाहती है कि पार्टी सिर्फ सत्ता में आने के लिए नहीं, बल्कि वैचारिक और सामाजिक उद्देश्यों के लिए भी सक्रिय है।
पार्टी जानती है कि 2023 में मिली जीत के बाद अब 2024 की लोकसभा और 2028 की विधानसभा की राह भी उसे खुद ही तैयार करनी होगी। इसलिए यह पूरी कवायद सत्ता के साथ-साथ संगठन को भी गति देने की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।
कार्यशाला में प्रदेश पदाधिकारी, जिला प्रभारी, सभी जिलाध्यक्ष, जयपुर जिले के मंडल अध्यक्ष सहित अन्य प्रमुख कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिससे यह भी संकेत मिला कि पार्टी अब हर स्तर पर सक्रियता और समर्पण की उम्मीद कर रही है।
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