Operation Shield War situation practised Rajasthan today mock drill blackout remain confidential ऑपरेशन शील्ड! राजस्थान में युद्ध जैसे हालात की आज प्रैक्टिस, मॉक ड्रिल,ब्लैकआउट रहेंगे गोपनीय, Jaipur Hindi News - Hindustan
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ऑपरेशन शील्ड! राजस्थान में युद्ध जैसे हालात की आज प्रैक्टिस, मॉक ड्रिल,ब्लैकआउट रहेंगे गोपनीय

राजस्थान के सभी जिलों में शनिवार को ऑपरेशन शील्ड के तहत युद्ध जैसे हालात से निपटने की मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास कराया जाएगा।

Sachin Sharma लाइव हिन्दुस्तान, जयपुरSat, 31 May 2025 12:01 PM
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ऑपरेशन शील्ड! राजस्थान में युद्ध जैसे हालात की आज प्रैक्टिस, मॉक ड्रिल,ब्लैकआउट रहेंगे गोपनीय

राजस्थान के सभी जिलों में शनिवार को ऑपरेशन शील्ड के तहत युद्ध जैसे हालात से निपटने की मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास कराया जाएगा। इस मॉक ड्रिल की तैयारियों को लेकर राज्य के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने शुक्रवार को सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जिलों के कलेक्टरों, एसपी और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा-निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट की जगह और समय पूरी तरह गोपनीय रखा जाए ताकि रियल टाइम प्रतिक्रिया का आकलन किया जा सके। उन्होंने अफसरों को निर्देशित किया कि ड्रिल के दौरान रिस्पॉन्स टाइम को बेहतर किया जाए और सभी चेतावनी सायरनों की पहले से जांच की जाए ताकि किसी तरह की तकनीकी खामी न रहे।

सुधांश पंत ने कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य सिर्फ अभ्यास नहीं, बल्कि युद्ध जैसे हालात से निपटने की प्रशासनिक और नागरिक क्षमता को परखना है। उन्होंने सभी सिविल डिफेंस नियंत्रकों को निर्देश दिए कि वे अपनी स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ड्रिल और ब्लैकआउट का समय तय करें। इसके साथ ही रियल टाइम सीन तैयार करने और नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने को भी कहा गया।

बैठक में नागरिक सुरक्षा निदेशालय के निदेशक जगजीत सिंह मोंगा ने एक विस्तृत प्रजेंटेशन देकर बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान एयरफोर्स, चिकित्सा, स्थानीय निकाय, गृह रक्षा, ऊर्जा, पुलिस और जिला प्रशासन की क्या भूमिका होगी। बैठक में एसीएस होम आनंद कुमार, डीजीपी यूआर साहू, सेना के प्रतिनिधि और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के अनुसार इस मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नागरिक सुरक्षा प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना हो और आपदा प्रतिक्रिया प्रणाली को और अधिक मजबूत किया जाए।

केंद्र सरकार के निर्देशानुसार एक जिले में एक ही लोकेशन पर मॉक ड्रिल करवाई जाएगी। सिविल डिफेंस विभाग ने इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इससे पहले 7 मई को भी राज्यभर में मॉक ड्रिल की गई थी, लेकिन कुछ खामियों के चलते अब इसे दोबारा अधिक व्यवस्थित और प्रभावी ढंग से कराया जा रहा है।

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर 100 आतंकियों को मार गिराया था। इस ऑपरेशन को ‘सिंदूर’ नाम दिया गया था। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है। इसी को ध्यान में रखते हुए मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास को गंभीरता से अंजाम दिया जा रहा है।

मॉक ड्रिल का उद्देश्य यह परखना है कि आपातकालीन स्थिति में आम लोग और प्रशासन कितनी जल्दी और प्रभावी प्रतिक्रिया दे सकते हैं, वहीं ब्लैकआउट एक्सरसाइज का मकसद दुश्मन के संभावित हवाई हमले की स्थिति में इलाके को सुरक्षित और अदृश्य बनाना है।

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