RSS के आलीशान दफ्तर क्यों, ED एक्सटॉर्शन डिपार्टमेंट;जयपुर में गरजे कन्हैया कुमार
- नेशनल हेरल्ड केस को लेकर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला। जयपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला एक राजनीतिक साजिश है,जिसमें कोई कानूनी आधार नहीं है।

नेशनल हेरल्ड केस को लेकर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला। जयपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला एक राजनीतिक साजिश है,जिसमें कोई कानूनी आधार नहीं है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि न तो इस केस में कोई पैसों का लेन-देन हुआ है,न ही किसी ने कोई मुनाफा कमाया है। फिर भी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है,जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है।
कन्हैया कुमार ने साफ किया कि नेशनल हेरल्ड और इससे जुड़ी कंपनियां नॉन-प्रॉफिट हैं और न तो ये लाभ कमा सकती हैं और न ही इनके निदेशक निजी लाभ ले सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा जानबूझकर झूठ फैला रही है कि कांग्रेस पार्टी ने इस प्रॉपर्टी से हजारों करोड़ की कमाई की है,जबकि सच्चाई यह है कि अधिकतर संपत्तियां लीज पर हैं और किसी के पास मालिकाना हक नहीं है।
गांधी परिवार पर हो रहे राजनीतिक हमलों को लेकर कन्हैया ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा,"प्रधानमंत्री मोदी कांग्रेस मुक्त भारत का सपना तो देख रहे हैं, लेकिन पूरा नहीं कर पा रहे। इसलिए गांधी परिवार को झूठे मामलों में फंसाकर बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। ये वही परिवार है जिसने देश के लिए जान की कुर्बानी दी है।"
कन्हैया ने बीजेपी पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि जिन नेताओं पर ईडी की कार्रवाई होती है,वे जैसे ही भाजपा में शामिल होते हैं,उनके सारे केस ठंडे बस्ते में डाल दिए जाते हैं। वो ED एक्सटॉर्शन डिपार्टमेंट है,उन्होंने तंज कसते हुए पूछा,"आरएसएस कोई रजिस्टर्ड संस्था नहीं है,फिर उसके पास हर शहर में आलीशान दफ्तर कहां से बने?"उन्होंने नेशनल हेराल्ड की ऐतिहासिक अहमियत भी याद दिलाई और कहा कि यह सिर्फ एक अखबार नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है, जिसे 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अंग्रेजों ने बैन कर दिया था।
कन्हैया ने कहा,"हम महंगाई,बेरोजगारी और आर्थिक संकट जैसे असली मुद्दों को उठाते रहेंगे। गांधी परिवार को बदनाम करने की ये साजिशें भाजपा को मुंह की खाने पर मजबूर कर देंगी, क्योंकि झूठ ज्यादा दिन टिकता नहीं – और सच को दबाया नहीं जा सकता।"