वक्फ कानून केस में पक्षकार बनना चाहती है राजस्थान सरकार, SC में याचिका देकर लगाई गुहार
- राजस्थान की भाजपा सरकार ने कहा कि राज्य सरकार को बार-बार ऐसे मामलों का सामना करना पड़ा है जहां सरकारी भूमि, सार्वजनिक पार्क, सड़कें और निजी संपत्तियों को गलत तरीके से या धोखाधड़ी से वक्फ के रूप में चिह्नित किया गया है।

वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को कई राजनीतिक पार्टियों और मुस्लिम संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अब राजस्थान सरकार भी वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। सरकार ने कोर्ट से इस मामले में खुद पक्षकार बनाने की अपील की है।राजस्थान ने अपने आवेदन में कहा कि राज्य सरकार का इस मामले में प्रत्यक्ष, पर्याप्त और कानूनी रूप से संरक्षित हित है। वक्फ अधिनियम और संशोधन अधिनियम को लागू करने के लिए जिम्मेदार प्राथमिक निष्पादन प्राधिकरण के रूप में, राजस्थान वक्फ संपत्तियों और उनके प्रशासन को विनियमित करने और उनकी देखरेख करने में अहम भूमिका निभाता है।
राजस्थान की भाजपा सरकार ने कहा कि राज्य सरकार को बार-बार ऐसे मामलों का सामना करना पड़ा है जहां सरकारी भूमि, सार्वजनिक पार्क, सड़कें और निजी संपत्तियों को गलत तरीके से या धोखाधड़ी से वक्फ के रूप में चिह्नित किया गया है। कभी-कभी केवल ऐतिहासिक उपयोग के दावों के आधार पर ऐसा किया जाता है। इसने विकास परियोजनाओं को पंगु बना दिया है और भूमि संबंधी विवादों को बढ़ा दिया है।
राजस्थान सरकार ने अधिनियम का बचाव करते हुए कहा, यह कानून न केवल संवैधानिक रूप से मजबूत और गैर-भेदभावपूर्ण है, बल्कि यह पारदर्शिता, निष्पक्षता और जवाबदेही के मूल्यों पर भी आधारित है और यह धार्मिक बंदोबस्त और व्यापक जनता दोनों के हितों की रक्षा करता है।
सुप्रीम कोर्ट वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 16 अप्रैल को सुनवाई करेगा। इन याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और केवी विश्वनाथन की पीठ सुनवाई करेगी। केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट आवेदन दायर किया है, जिसमें वक्फ (संशोधन) अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सरकार को सुनने का आग्रह किया गया है।