माइक्रोबियल जांच की रिपोर्ट आने के बाद इन्हें बाजार में लांच कर दिया जायेगा। बीआरएबीयू ने पहली बार खुद के प्रयास से कोई उत्पाद तैयार किया है।
परीक्षा नियंत्रक डॉ. पासवान ने आवेदन में बताया है कि 14 जून 2025 को पार्ट-2 की विशेष परीक्षा के लिए केंद्र की सूची तैयार करने के लिए कुलपति ने उन्हें अपने कक्ष में बुलाया। यहां बुरा भला कहते हुए त्याग पत्र देने को कहा।
मुजफ्फरपुर की बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी से रोचक मामला सामने आया है। यूनिवर्सिटी के कोर्स में जो विषय है ही नहीं, छात्रों ने उसकी परीक्षा दे दी। हैरान करने वाली बात यह है कि उसका रिजल्ट भी जारी कर दिया गया।
पांच फर्जी डिग्री का मामला टैबुलेटिंग रजिस्टर, टीआर की जांच में पकड़ में आया था। टीआर का पन्ना फाड़ उसमें दूसरा पन्ना लगाया गया था। लेकिन, जांच कमेटी ठीक से काम नहीं कर रही है।
रिजल्ट तैयार करने में चार महीने का समय लगने के बाद भी दस हजार छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग है। हालांकि, परीक्षा विभाग का दावा है कि कॉलेजों और छात्रों की लापरवाही से रिजल्ट पेंडिंग है।
बीआरएबीयू के इंस्पेक्टर ऑफ कॉलेज व भारतीय ज्ञान परंपरा के नोडल प्रो. राजीव कुमार का कहना है कि हमलोग बीआरएबीयू में भारतीय ज्ञान परंपरा के तहत विषयों की पढ़ाई शुरू करने पर काम कर रहे हैं।
बिहार विश्वविद्यलाय सेवा आयोग से नियुक्त हुए सहायक प्राध्यापकों के अनुभव प्रमाणपत्र की जांच में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। कई अभ्यर्थियों के अनुभव प्रमाणपत्र ऐसे कॉलेजों से जारी हुए हैं, जो अभी प्रस्तावित हैं। उन्हें संबद्धता नहीं मिली है।
हाईकोर्ट ने बीआरएबीयू के रजिस्ट्रार अपराजिता कृष्ण को हटाने और प्रो. संजय कुमार को फिर से बहाल करने का आदेश दिया है।
समाजशास्त्रत्त् विभाग के अध्यक्ष प्रो. आर्य प्रिय का कहना है कि रिजल्ट वेबसाइट पर डालने वाले कर्मियों को कुछ भ्रम हो गया था, इसलिए ऐसी गलती हो गई। गलती पकड़ में आने पर तुरंत तीनों छात्रों के नाम हटा लिए गए।
छात्राओं ने बिना जहरीले पदार्थ वाला नैनो पार्टिकल तैयार किया है। इसका उपयोग कर सस्ते सोलर पैनल बनाए जा सकेंगे। इतना ही नहीं, इसके उपयोग से बने सोलर पैनल की क्षमता भी अधिक होगी।