उन्होंने यह स्वीकार किया कि कॉलेजियम प्रणाली को पारदर्शिता की कमी और निर्णय प्रक्रिया में स्पष्ट मानदंडों की अनुपस्थिति के कारण आलोचना का सामना करना पड़ा है।
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तीन नए न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त करने की सिफारिश की है। इनमें दो न्यायाधीश अपने-अपने हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की भूमिका में हैं, जबकि एक बॉम्बे हाई कोर्ट में कार्यरत है।
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हो रहे जस्टिस ओका ने विदाई समारोह में रिटायरमेंट पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि मैं कोर्ट की इस परंपरा से सहमत नहीं हूं कि जज को उसकी सेवा के आखिरी दिन कोई काम ही न करना पड़े।
केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस चंद्र धारी सिंह और उड़ीसा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरिंदम सिन्हा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया। यह निर्णय...
अगर जस्टिस बागची नियुक्ति होती है, तो वे साल 2031 तक सुप्रीम कोर्ट के जज रहेंगे और मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बनने की कतार में होंगे।
सी रविचंद्रन बनाम जस्टिस एएम भट्टाचार्य और अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 1995 में फैसला दिया था। तब कहा गया था कि अगर मामला हाईकोर्ट के जज के खिलाफ शिकायत का होता है, तो उस हाईकोर्ट के सीजेआई जांच के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश से चर्चा करते हैं।
सूत्रों के अनुसार, शेखर यादव प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम के समक्ष पेश हुए और इस दौरान उनसे दिए गए बयानों पर अपना पक्ष रखने को कहा गया।
न्यायमूर्ति मनमोहन (61) दिवंगत जगमोहन के बेटे हैं। जगमोहन नौकरशाह थे और बाद में राजनीति में आ गए थे। जगमोहन ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल और दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में अपनी सेवायें दी थी।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों का चयन करने वाले पांच सदस्यीय कॉलेजियम में प्रधान न्यायाधीश खन्ना के अलावा न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति ए एस ओका शामिल हैं।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के प्रधान न्यायाधीश पद से सेवानिवृत्त होने के एक दिन बाद 11 नवंबर को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना अगले प्रधान न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे, और उनका कार्यकाल छह महीने से थोड़ा अधिक होगा। वह 65 वर्ष की आयु के होने पर 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।