Justice Oka who retired from the Supreme Court expressed his views We do not agree with this tradition इस परंपरा से सहमत नहीं.. सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हो रहे जस्टिस ओका ने रखी अपनी बात, India News in Hindi - Hindustan
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इस परंपरा से सहमत नहीं.. सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हो रहे जस्टिस ओका ने रखी अपनी बात

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हो रहे जस्टिस ओका ने विदाई समारोह में रिटायरमेंट पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि मैं कोर्ट की इस परंपरा से सहमत नहीं हूं कि जज को उसकी सेवा के आखिरी दिन कोई काम ही न करना पड़े।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानThu, 22 May 2025 02:12 PM
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इस परंपरा से सहमत नहीं.. सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हो रहे जस्टिस ओका ने रखी अपनी बात

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एएस ओका 24 मई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के एसोसिएशन द्वारा दिए गए विदाई समारोह के दौरान उन्होंने रिटायरमेंट को लेकर अपनी राय रखी। जस्टिस ओका ने कहा कि वह रिटायर जजों द्वारा अपनी सेवा के अंतिम दिन काम न करने की परंपरा से सहमत नहीं हैं और न ही मुझे रिटायरमेंट शब्द पसंद है।

जस्टिस ओका ने कहा, "मैंने कल भारत के मुख्य न्यायाधीश से कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट में अपनाई जाने वाली इस परंपरा का स्वीकार नहीं करता हूं, कि कोई न्यायाधीश अपनी सेवा के आखिरी दिन कोई काम ही न करें। मानता हूं कि हमें इस परंपरा से छुटकारा पाने में कुछ समय लगेगा.. लेकिन मुझे कम से कम यह संतुष्टि है कि अपनी सेवा के अंतिम दिन भी मैं अपनी बेंच पर बैठूंगा और कुछ फैसले सुनाऊंगा।"

इतना ही नहीं जस्टिस ओका ने रिटायर न्यायाधीशों को दोपहर 1:30 पर दिए जाने वाले गार्ड ऑफ ऑनर की प्रथा को भी स्थगित करने की मांग की। उन्होंने कहा, “क्योंकि रिटायर होने के बाद न्यायाधीश को दोपहर में ही गार्ड ऑफ ऑनर दे दिया जाता है। इसलिए उसे घर चले जाने के लिए भी कह दिया जाता है। मैं इसमें विश्वास नहीं करता। अंतिम दिन भी शाम को चार बजे तक काम करना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “मैं कभी भी रिटायर होने के बारे में नहीं सोचता था। लेकिन नियम यही है ऐसे में मेरे पार एक ही विकल्प था कि मैं ज्यादा से ज्यादा काम करूं ऐसे में मैंने जनवरी के महीने से ही ज्यादा से ज्यादा केसों की सुनवाई करना शुरू कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि मैं और मेरे दो सम्मानित साथी न्यायमूर्ति मसीह और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान.. हम तीनों ही अपने फैसले पूरे सुनाने में संघर्ष कर रहे हैं।”

जस्टिस ओका के मुताबिक जनवरी के बाद से उनका काम करना बहुत ही संवेदनशील हो गया है। उन्होंने कहा, "सुबह जब मैं और मेरी पत्नी मॉर्निंग वॉक पर जाता हूं तो मेरी पत्नी हर दिन मुझसे पूछती हैं कि कितने बचे.. क्योंकि वह भी जानती हैं कि मैं अपने काम के प्रति कितना संवेदनशील हूं और अपने फैसले पूरे करने के लिए कितने दवाब में हूं।"

जस्टिस ओका के विदाई समारोह में भारत के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि जस्टिस ओका और उनकी दोस्ती करीब 40 साल पुरानी है। उन्होंने कहा, "जस्टिस ओका अपने काम के प्रति समर्पित व्यक्ति हैं.. मैं जानता हूं वह हमेशा व्यस्त रहेंगे और रिटायरमेंट के बाद भी कभी काम से मुक्त नहीं हो पाएंगे।"