पाकिस्तान से आतंकवाद का समर्थन बंद करने को कहो, भारत ने तुर्की को भी सुना डाला
भारत ने तुर्की से कहा है कि वह पाकिस्तान से सीमापार आतंकवाद को समर्थन देना बंद करने तथा दशकों से उसके द्वारा पोषित आतंकी तंत्र के विरुद्ध उचित कदम उठाने के लिए कहे।

भारत और पाकिस्तान के बीच कई दिनों तक चले तनाव में तुर्की ने इस्लामाबाद का खुलकर साथ दिया, जिसके बाद अब भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। तुर्की को सुनाते हुए भारत ने कहा है कि वह पाकिस्तान से सीमापार आतंकवाद को समर्थन देना बंद करने तथा दशकों से उसके द्वारा पोषित आतंकी तंत्र के विरुद्ध उचित कदम उठाने के लिए कहे। तुर्की ने पिछले दिनों पाकिस्तान की जमकर मदद की थी और फिर उसके ड्रोन से ही पाकिस्तान ने भारत पर हमलों की नाकाम कोशिशें की थीं।
तुर्की के मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमें उम्मीद है कि तुर्की पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन बंद करने और दशकों से उसके द्वारा पोषित आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र के खिलाफ विश्वसनीय और सत्यापन योग्य कार्रवाई करने का आग्रह करेगा। संबंध एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर बनते हैं।" इसके अलावा, सेलेबी मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा कि इसको लेकर तुर्की दूतावास के साथ चर्चा की गई है। उन्होंने कहा, ''लेकिन मैं समझता हूं कि यह विशेष निर्णय नागरिक उड्डयन सुरक्षा द्वारा लिया गया था।''
एक महीने पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाते हुए पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए 100 से ज्यादा आतंकी ढेर कर दिए थे। इस दौरान कई दिनों तक दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात हो गए थे। चीन और तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था। यहां तक कि तुर्की ने पाकिस्तान को साढ़े तीन सौ से ज्यादा ड्रोन दिए थे और उन्हें चलाने के लिए ऑपरेटिव को भी भेजा था। जम्मू से लेकर गुजरात तक कई दिन इन्हीं ड्रोन से पाकिस्तान ने भारत पर हमले की कोशिश की थी, जिन्हें नाकाम कर दिया गया था। इसके बाद पाकिस्तान के साथ-साथ तुर्की से भी भारत के रिश्तों में दरार आने लगी है।
पिछले हफ्ते भारत ने तुर्की की कंपनी सेलेबी एविएशन की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी। यह कंपनी भारतीय हवाई अड्डों पर यात्री और कार्गो ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं प्रदान करती है। 15 मई को जारी सरकारी आदेश के अनुसार, यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लिया गया। इस बीच, आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी रुड़की सहित कई भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों ने पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए तुर्की के विश्वविद्यालयों के साथ अपने संबंधों को भी निलंबित कर दिया।