राणा सांगा मामले में पोषणीयता पर हुई सुनवाई
Agra News - समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के राणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान के मामले में अदालत में सुनवाई हुई। वादी अधिवक्ता ने ऐतिहासिक तथ्यों का हवाला देते हुए तर्क किया कि राणा सांगा भारतीय...

समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के राज्यसभा में राणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान के मामले में दायर प्रकीर्ण वाद की पोषणीयता पर गुरुवार को अदालत में सुनवाई हुई। वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बाबरनामा और विभिन्न ऐतिहासिक तथ्यों का उल्लेख करते हुए वर्ष 1883-84 का लाहौर गजेटियर का भी हवाला दिया। सिविल न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 मई नियत की है। एडवोकेट अजय प्रताप सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में 24 मार्च को सिविल मामला प्रस्तुत किया था। इसमें सांसद रामजीलाल सुमन के साथ सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को प्रतिवादी बनाया था। वादी अधिवक्ता ने यह भी तर्क दिए कि राणा सांगा एक ऐतिहासिक चरित्र है जो सभी भारतीयों के लिए राष्ट्रवाद और बलिदान का एक प्रेरणा स्रोत है। जिस कारण वह भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग है और भारतीय संविधान का अनुच्छेद 51 क(च) के अनुसार हर भारतीय का यह मूल कर्तव्य है कि वह भारत की संस्कृति का परिरक्षण करे और संसद सरकार का एक अंग है और रामजीलाल सुमन व अखिलेश यादव संसद सदस्य हैं, जिस कारण उनका बयान राज्य की परिधि में आता है जो वादी के मूल अधिकार अनुच्छेद 15 का उल्लंघन है। जिस कारण वादी को कोर्ट से अनुतोष पाने का अधिकार है। न्यायालय को इस वाद को सुनने व निर्णीत करने का क्षेत्राधिकार प्राप्त है।
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