बोले आगरा: अंडरपास में भरा रहता है पानी, मुश्किल में लोगों की जिंदगानी
Agra News - किरावली तहसील के नगला कुर्रा और नगला ब्राह्मण के बीच बने अंडरपास में 12 महीने से जलभराव हो रहा है, जिससे ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ठेकेदार की लापरवाही और रेलवे-विद्युत विभाग के...

किरावली तहसील क्षेत्र के गांव नगला कुर्रा और नगला ब्राह्मण के बीच करोड़ों रुपये की लागत से तैयार हुआ अंडरपास क्षेत्र की जनता के लिए सौगात कहा गया था। लेकिन क्षेत्र के ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। उल्टे अंडरपास में 12 महीने होने वाला जलभराव यहां के लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। हाइटेंशन लाइन के कारण अंडरपास की टिन शेड अधूरी पड़ी है। जिम्मेदारों की लापरवाही से क्षेत्र के लोगों के लिए इस गंभीर समस्या का लगातार सामना कर रहे हैं। ये बात बताई नगला कुर्रा और नगला ब्राह्मण के ग्रामीणों ने आपके अखबार हिन्दुस्तान के बोले आगरा संवाद में।
उन्होंने मांग की कि रेलवे और विद्युत विभाग सामंजस्य बनाकर अंडरपास से जुड़ी समस्याओं का हल करें। आगरा-कोटा रेलवे लाइन के गेट संख्या 58 पर करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित अंडरपास में इन दिनों भारी जलभराव है। जबकि इस वक्त बारिश का कोई मौसम नहीं है। जलभराव का कारण है कि ठेकेदार द्वारा अंडरपास का अधूरा कार्य छोड़ा जाना। यहां अंडरपास पर आधी टिन शेड लगी है। आधी टिन शेड उड़कर खेतों में पहुंच गयी। कटान होने से खेतों से मिट्टी और पानी अंडरपास में जाता रहता है। ठेकेदार द्वारा लापरवाही दिखाते हुए रास्तों के लिए कट खुले छोड़ दिए गए हैं। इनसे खेतों का मिट्टी भरा पानी अंडरपास तक पहुंचता है। पानी की निकासी के लिए कोई समाधान नहीं किया गया है। मोटर पंप तक नहीं लगायी गयी है। थोड़ी सी बारिश होते ही यह अंडरपास तालाब में तब्दील हो जाता है जिससे पैदल और वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो जाती है। इस अंडरपास से नगला कुर्रा ,नगला ब्राह्मण, डाबली ,डाबला ,नगला खाड़िया, नगला झब्बा, नगला हन्नु, नगला दलसहाय, नहचानी, बरौली, नगला श्योराम आदि गांवों के लोग रोजाना निकलते हैं। वर्षों से अधूरा पड़ा काम अंडरपास निर्माण करने वाली संस्था के ठेकेदार द्वारा अंडरपास का काम अधूरा छोड़ दिया गया। इसका सबसे बड़ा कारण है विद्युत विभाग और रेलवे की आपसी खींचतान। दरअसल अंडरपास के ऊपर से हाई टेंशन की 11 हजार वोल्टेज की विद्युत लाइन जा रही है। अंडरपास निर्माण के दौरान रेलवे का कहना था कि विद्युत विभाग बिजली की लाइन को हटाकर अंडरपास की बगल से राउंड पोल लगाकर समस्या का समाधान करे। या फिर अंडरपास के ऊपर से लाइन को निकाले। वहीं बिजली विभाग का कहना है कि रेलवे अंडर पास से लाइन निकालने का इंतजाम करे। य़ह विद्युत विभाग की जिम्मेदारी नहीं है। संवाद के दौरान लोगों ने बताया कि रेलवे और विद्युत विभाग की आपसी खींचतान का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। बच्चों से भरी वैन डूब चुकी है अंडरपास में कीचड़ और दलदल रहता है। करीब पांच फीट तक पानी भर जाने से कई बार जानलेवा हादसे घटित हो चुके हैं। स्कूल के बच्चों से भरी वैन अंडर पास में डूब चुकी है। बच्चों को बमुश्किल समय से बाहर निकाला गया। नहीं तो बड़ी घटना घटित हो जाती। आए दिन लोग चोटिल हो रहे हैं। रेलवे ट्रैक से निकलते हैं छोटे वाहन वाले अंडरपास में गंभीर समस्याएं सामने आई हैं। लगातार पानी भरा रहता है। इससे वाहन चालकों को निकलने में परेशानी होती है। भारी वाहन कई बार पानी में फंस चुके हैं। इस कारण छोटे वाहन चालक रेलवे पटरी के ऊपर से निकलने को मजबूर हैं। यह स्थिति दुर्घटना का कारण बन सकती है। इसके अलावा रेलवे ने अंडरपास के शुरू में दोनों ओर बड़ा ब्रेकर बना दिया है। इससे लोडेड वाहन और कारों के गुजरने में खतरा बना रहता है। वाहनों के पलटने का भी डर है। इनकी पीड़ा 01. अंडरपास निर्माण के दौरान पानी निकासी का कोई प्रबंध नहीं किया गया। डीआरएम को मौका का निरीक्षण कर समस्या के समाधान के लिए कदम उठाना चाहिए। राकेश शर्मा 02. अंडरपास में हमेशा जलभराव की स्थिति बनी रहती है। जिससे करीब दर्जनों गांवों का संपर्क टूट जाता है। जिससे कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। इस समस्या का जल्द हल निकलना चाहिए। सुमित 03. अंडरपास में जलभराव न केवल दैनिक आवागमन को प्रभावित करेगी बल्कि आपातकालीन सेवाओं और स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए भी गंभीर समस्या बन रही है। विनय शर्मा 04. करोड़ों रुपये की लागत से तैयार हुआ यह अंडरपास रेलवे की एक अहम सौगात थी। लेकिन अब यह सौगात मुसीबत बन गई है। जिम्मेदारों की लापरवाही और रेलवे प्रशासन की अनदेखी ने समस्या खड़ी कर दी है। राम प्रसाद 05. रेलवे से मांग की है कि तत्काल प्रभाव से जल निकासी की व्यवस्था की जाए, ताकि अंडरपास का इस्तेमाल सुचारु रूप से हो सके। बारिश के मौसम से पहले स्थायी समाधान तलाशा जाए। ताकि भविष्य में इस प्रकार की परेशानी से बचा जा सके। सचिन 06. रेलवे ने एक समस्या को हल करने के बजाय दूसरी समस्या खड़ी कर दी है। ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर इस मार्ग से गुजरना पड़ रहा है। ओम प्रकाश शर्मा 07. करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित अंडरपास में इन दिनों भारी जलभराव है। जबकि इस वक्त बरसात का कोई मौसम नहीं है। जलभराव का कारण है कि ठेकेदार द्वारा अंडरपास का अधूरा कार्य छोड़ा जाना है। अंशुल 08. यहां अंडरपास पर आधी टिन शेड लगी है। आधी टिन शेड उड़कर खेतों में पहुंच गयी। कटान होने से खेतों से मिट्टी और पानी अंडरपास में जाता रहता है। वकील 09. ठेकेदार द्वारा लापरवाही दिखाते हुए रास्तों के लिए कट खुले छोड़ दिए गए हैं। इनसे खेतों का मिट्टी भरा पानी अंडरपास तक पहुंचता है। पानी की निकासी के लिए कोई समाधान नहीं किया गया है। मुरारी लाल शर्मा 10. थोड़ी सी बारिश होते ही यह अंडरपास तालाब में तब्दील हो जाता है जिससे पैदल और वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो जाती है। ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। बबलू शर्मा
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