विधवा को 21 साल बाद मिला इंसाफ
Agra News - एक विधवा शकुंतला देवी ने 21 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी और अंततः उसे इंसाफ मिला। जिला उपभोक्ता विवाद आयोग ने एसआर मेडिकल इंस्टीट्यूट को 2004 से 6% ब्याज सहित 2,12,943 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।...

न्याय के लिए विधवा ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। 21 साल बाद उसे इंसाफ मिला है। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रथम के अध्यक्ष सर्वेश कुमार ने एसआर मेडिकल इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर नामनेर से वर्ष 2004 से छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दो लाख 12 हजार 943 रुपये दिलाने के आदेश दिए। शकुंतला देवी निवासी शिवाजी नगर शाहगंज ने वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कुमार शर्मा के माध्यम से एसआर मेडिकल इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर के मैनेजिंग डायरेक्टर आदि के विरुद्ध उपभोक्ता आयोग में मुकदमा दायर किया था कि उसके पति नरेंद्र पाल सिंह के सीने में दर्द होने पर 19 जुलाई 2002 को इलाज के लिए एसआर मेडिकल इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर नामनेर पर दिखाया।
वहां विपक्षीगण ने जांच के बाद नरेंद्र को पेसमेकर लगवाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पेसमेकर दिल्ली से आएगा। उसके लिए एक लाख रुपये जमा करने होंगे। इस पर शकुंतला ने 19 जुलाई 2002 को पति की जान बचाने के लिए एक लाख रुपये उनके काउंटर पर जमा करा दिए। डॉक्टरों ने पेसमेकर आने तक नरेंद्र को दवा देकर घर जाने के लिए कह दिया। आरोप है कि 22 जुलाई 2002 को पुन: असहनीय दर्द होने पर नरेंद्र को विपक्षियों के हॉस्पिटल में ले जाने पर 11 हजार रुपये जमा करा भर्ती कर लिया। पेसमेकर लगाने की कहने पर पेसमेकर दिल्ली से नहीं आने की कहकर नहीं लगाया। अस्थाई पेसमेकर लगाने का आग्रह विपक्षियों ने ठुकरा दिया। नरेंद्र की मृत्यु हो गई। वादिया शकुंतला द्वारा पेसमेकर के रुपये वापस मांगने पर विपक्षीगण द्वारा देने से मना कर दिया। विरोध पर स्टाफ आदि द्वारा उनसे एवं परिजनों से अभद्रता की गई।
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