मनरेगा फर्जीवाड़ा : ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, एपीओ, ऑपरेटर समेत कई मिले दोषी
Amroha News - अमरोहा, संवाददाता। भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन-बहनोई व परिवार के दो अन्य सदस्यों के मनरेगा जॉब कार्ड बने होने के साथ ही मजदूरी की रकम बैंक

भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन-बहनोई व परिवार के दो अन्य सदस्यों के मनरेगा जॉब कार्ड बने होने के साथ ही मजदूरी की रकम बैंक खाते में लेने के मामले में शुक्रवार को तीसरे दिन भी जांच जारी रही। कई अन्य लोगों के जॉब कार्ड भी फर्जी बताए जा रहे है। अफसरों के मुताबिक इस मामले की शुरुआती जांच में तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव, सेवानिवृत रोजगार सेवक, एक मनरेगा एपीओ, एक मनरेगा कम्प्यूटर ऑपरेटर समेत ग्राम प्रधान व ग्राम प्रधान के कुछ नजदीकी लोग दोषी पाए गए हैं। अन्य कई और लोगों की संलिप्तता की भी संभावना है। गहनता से पड़ताल की जा रही है। मनरेगा में हुए फर्जीवाड़े के मामले में गुरुवार को शासन ने संज्ञान लेते हुए स्थानीय अफसरों से रिपोर्ट तलब की थी। गुरुवार को दिनभर अफसर रिकार्ड खंगालने में जुटे रहे थे। अफसरों का दावा है कि जांच कर प्रारंभिक रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है, जिसमें आरोप सही मिले हैं। इसके साथ ही विस्तृत जांच शुक्रवार को पूरे दिन जारी रही। सीडीओ अश्वनी कुमार मिश्रा, पीडी अमरेंद्र प्रताप सिंह, मनरेगा लोकपाल कृपाल सिंह पूरे दिन जांच में जुटे रहे। परिवार रजिस्टर से लेकर मामले से जुड़े संबंधित कर्मचारियों से अभिलेख तलब कर पत्रावलियों की गहनता से एक-एक कर जांच की जा रही है। वर्ष 2021 से 2024 अगस्त तक का रिकार्ड खंगाला जा रहा है। पीडी अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मामले में जांच जारी है। शिकायत सही मिलने की पुष्टि हो रही है। फर्जीवाड़े की तह तक जाने के लिए अगले दो से तीन दिन जांच जारी रहेगी। जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। इसके बाद जिलाधिकारी स्तर से संबंधित दोषियों को नोटिस जारी किया जाएगा। मनरेगा में जिन लोगों के फर्जी तरीके से जॉब कार्ड बने थे, उनके बयान भी दर्ज किए जाएंगे।
पत्रावलियों के परीक्षण में पकड़ में आई कई गड़बड़ी
अमरोहा। मनरेगा लोकपाल कृपाल सिंह के मुताबिक पत्रावलियों के परीक्षण के दौरान कई गड़बड़ी पकड़ में आई हैं। ग्राम प्रधान के परिवार के आठ सदस्यों के मनरेगा कार्ड बने थे। इसमें सबीना का कार्ड डिलीट हो चुका है। जबकि सात सदस्य के कार्ड अभी भी एक्टिव होने की बात सामने आई है। उनके मुताबिक 2021 में मनरेगा जॉब कार्ड से संबंधित अभिलेखों पर रोजगार सेवक समेत संबंधित अधिकारी, कर्मचारियों के हस्ताक्षर थे, लेकिन इसके बाद से जॉब कार्ड के मस्ट्रोल पर संबंधित अधिकारी, कर्मचारियों के हस्ताक्षर नहीं होने की बात जांच में सामने आई है। जांच में पकड़ में आया है जॉब कार्ड के अभिलेखों पर सिर्फ ग्राम प्रधान की मोहर लगी थी। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत पलौला में कुल 725 जॉब कार्ड बने थे, जिसमें अब तक 567 जॉब कार्ड डिलीट हो चुके हैं। फिलहाल 158 एक्टिव जॉब कार्ड हैं।
प्रारंभिक जांच में मिले दोषी, अब होगी कार्रवाई
अमरोहा। सीडीओ अश्वनी कुमार मिश्रा ने बताया कि मनरेगा योजना में हुए घोटाले के प्रकरण में अब तक की जांच में तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव, सेवानिवृत हो चुके रोजगार सेवक, संबंधित एक एपीओ मनरेगा, संबंधित एक कम्प्यूटर ऑपरेटर, ग्राम प्रधान, ग्राम प्रधान के कुछ नजदीकी लोग जांच में दोषी पाए गए हैं। सभी को जिलाधिकारी की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा। संबंधित से मनरेगा मजदूरी की रिकवरी की जाएगी। साथ ही मनरेगा एक्ट के तहत दोषियों के खिलाफ अब कार्रवाई की जाएगी। मामले में जांच अभी जारी है।
मनरेगा प्रकरण में डिटेल के आधार पर ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकरण में पूरी चेन के ही दोषी मिलने की बात सामने आ रही है। फिलहाल अभी गहनता से जांच जारी है।
निधि गुप्ता, डीएम अमरोहा
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