मनरेगा फर्जीवाड़ा : जांच को पहुंची टीम के सामने बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे शमी के रिश्तेदार
Amroha News - अमरोहा में भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन सबीना और बहनोई गजनबी के मनरेगा मजदूर मिलने के मामले की जांच जारी है। जांच टीम ने ग्रामीणों से पूछताछ की, लेकिन सबीना और गजनबी नहीं पहुंचे। आरोप है कि...

अमरोहा। भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन-बहनोई के मनरेगा मजदूर मिलने के मामले की जांच लगातार जारी है। शनिवार को जांच टीम पलौला गांव पहुंची। इस दौरान टीम के सामने बयान दर्ज कराने के लिए शमी बहन सबीना और बहनोई गजनबी नहीं पहुंचे। टीम ने शिकायत के आधार पर ग्रामीणों से पूछताछ की। इस बीच पक्ष-विपक्ष के लोग जरूर आमने-सामने आ गए और आरोप-प्रत्यारोप के बीच खूब गहमा-गहमी हुई। नतीजा जांच टीम को भी मौके से लौटना पड़ा। फिलहाल मामले में अंतिम जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसके बाद ही दोषियों पर कार्रवाई की गाज गिरेगी। अब तक की जांच में ग्राम प्रधान के परिवार के आठ सदस्यों की संलिप्तता मामले में सामने आई है। भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन-बहनोई समेत परिवार के आठ लोगों को मनरेगा मजदूरी के फर्जी तरीके से भुगतान करने से जुड़े मामले में अब विभागीय रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं। परिवार के आठ लोगों पर 4.55 लाख रुपये की मजदूरी गलत तरीके से लेने का आरोप है। गांव के कई अन्य लोगों के जॉब कार्ड भी जांच में फर्जी पाए गए हैं। अफसरों के मुताबिक मामले की शुरुआती जांच में तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव, सेवानिवृत रोजगार सेवक, एक मनरेगा एपीओ, एक मनरेगा कम्प्यूटर ऑपरेटर समेत ग्राम प्रधान व ग्राम प्रधान के कुछ नजदीकी लोग दोषी पाए गए हैं।
गौरतलब है कि ग्राम प्रधान गुलेआयशा मोहम्मद शमी की बहन सबीना की सगी सास हैं। अन्य कई और लोगों की संलिप्तता की भी संभावना है। गहनता से पड़ताल की जा रही है। शनिवार को पीडी अमरेंद्र प्रताप सिंह, मनरेगा लोकपाल कृपाल सिंह, बीडीओ जोया लोकचंद आनंद मनरेगा योजना में हुए फर्जीवाड़े के मामले की जांच को गांव पलौला पहुंचे। शिकायकर्ताओं और ग्रामीणों को मामले में पूछताछ के लिए प्राथमिक स्कूल में बुलाया गया। साथ ही जिन लोगों पर फर्जी तरीके से मनरेगा की मजदूरी लेने का आरोप है, उन्हें भी मौके पर बुलाया गया। पीडी अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन के परिवार के आठ सदस्यों को भी मामले में पूछताछ के लिए गांव के प्राथमिक स्कूल में बुलाया गया था लेकिन उनमें से किसी भी सदस्य के नहीं पहुंचने की बात सामने आई है। शिकायतकर्ताओं और ग्रामीणों से मामले में पूछताछ की गई है। इस दौरान पक्ष-विपक्ष के लोगों में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए गहमा-गहमी होने लगी। अफसरों ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया। गहमा-गहमी के चलते जांच टीम को बेनतीजा वहां से लौटना पड़ा।
दोषियों पर लटकी कार्रवाई की तलवार
अमरोहा। पीडी अमरेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक प्रकरण की जांच के लिए शनिवार को संबंधित लोगों को पूछताछ के लिए गांव के प्राथमिक स्कूल में बुलाया गया था, जो नहीं पहुंचे। इससे साफ जाहिर होता है कि संबंधित लोग मामले में दोषी हैं, इसीलिए वह जांच टीम के सामने आने से बच रहे हैं। बताया कि मामले में अब अंतिम जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जो जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही संबंधित दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। जांच में कई अन्य लोगों के फर्जी तरीके से मनरेगा जॉब कार्ड बनने का मामला भी पकड़ में आया है। डीएम स्तर से ही संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मनरेगा प्रकरण में शासन को शुरुआती रिपोर्ट भेज दी गई है। अंतिम जांच रिपोर्ट के आधार पर ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई से पहले संबंधित के खिलाफ नोटिस भी जारी किया जाएगा।
निधि गुप्ता, डीएम अमरोहा
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।