क्यूआर कोड के बिना जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र अधूरा
Bagpat News - 2016 से 2020 के बीच बने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र अब रद्दी हो गए हैं। क्यूआर कोड के बिना प्रमाण पत्र की मान्यता नहीं रह गई है। लोगों को नए सिरे से आवेदन करना पड़ रहा है, और इसके लिए अतिरिक्त खर्च और...

2016 से 2020 के बीच सामान्य तौर पर बने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्रों की अहमियत नहीं बची है। जिन्होंने इस बीच ये सर्टिफिकेट लिए वो अब रद्दी हो गए हैं, क्योंकि बिना क्यूआर कोड वाले सर्टिफिकेट की कोई मान्यता नहीं बची है। पासपोर्ट, आधार कार्ड, राशन कार्ड समेत स्कूलों में एडमिशन जैसे तमाम प्रक्रिया में अब केवल क्यूआर कोड वाले ही प्रमाण पत्र मांगे जा रहे हैं। अब लोगों को नए सिरे से आवेदन करना पड़ रहा है। क्यूआर कोड बिना वाले प्रमाण पत्र को लेकर प्रतिदिन दर्जनों लोग नगर निकायों और खंड़ विकास कार्यालयों में पहुंच रहे हैं। इसमें सबसे अधिक वही लोग हैं, जिन्होनें घर के बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनवाया।
मगर तब संबंधित विभागों से मिलने वाले सर्टिफिकेट में क्यूआर कोड नहीं था। अब हर जगह क्यूआर कोड की मांग हो रही है। 2016 से 2021 के बीच सामान्य तौर पर जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र की प्रतिलिपि लेने जाए, तो भी नए सिरे से आवेदन करना होगा। ------- प्रमाण पत्र के लिए फिर जेब करनी पड़ रही ढीली दोबारा जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए लोगों को जेब ढीली करनी पड़ रही है। इसके लिए पहले शपथ पत्र बनवाना पड़ रहा है। आवेदन के साथ शपत्र देने के बाद प्रमाणपत्र के लिए कई दिन इंतजार भी करना पड़ा रहा है। जन्म प्रमाणपत्र बनाने वाले कर्मचारियों का कहना है कि 2016 से 2020 तक का डाटा नहीं होने से परेशानी खड़ी हुई है। पहले सामान्य तौर पर प्रमाण पत्र बनते थे। ------- कोट- क्यूआर कोड वाले ही प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। जिनके पास ऐसे प्रमाण पत्र नहीं है, वो एप्लीकेशन देकर क्यूआर कोड वाले प्रमाण पत्र बना लें। केके भड़ाना, ईओ बागपत नगर पालिका
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