बोले बलिया: व्यापार में ‘मालामाल, सुविधाओं का ‘अकाल
Balia News - गुदरी बाजार बड़ा मस्जिद मोहल्ला वाणिज्यिक गतिविधियों का केंद्र है, लेकिन यहाँ बुनियादी सुविधाओं की कमी है। लोग खराब सड़कों, जाम नालियों और पेयजल की अनुपलब्धता से परेशान हैं। प्रशासनिक लापरवाही के चलते...
नगर का गुदरी बाजार बड़ी मस्जिद मोहल्ला रिहायशी होने के साथ ही वाणिज्यिक गतिविधियों का भी केंद्र है। खासकर अनाज तथा किराना के थोक कारोबार इस क्षेत्र में होते हैं। व्यापार के लिहाज से मोहल्ला ‘मालामाल है। बावजूद इसके यहां बुनियादी सुविधाओं का ‘अकाल प्रशासनिक कार्यशैली पर कई सवाल खड़े करता है। शुद्ध पानी नहीं मिलता है। रास्ते भी ऊबड़-खाबड़ हैं। मोहल्ले के अंदर की सड़कों का बुरा हाल है। वर्षों पुराने तमाम हैंडपंप खराब हैं। जाम नालियां ‘नर्क का अहसास कराती हैं। बंदर भी परेशान करते हैं। गुदरी बाजार बड़ी मस्जिद मोहल्ले में ‘हिन्दुस्तान से बातचीत के दौरान यहां के बाशिंदों ने उन दिक्कतों को साझा किया, जिनसे उनका रोज आमना-सामना होता है।
त्रिभुवन ने कहा कि शहर की हृदयस्थली शहीद पार्क चौक से सटा यह मोहल्ला दशकों पुराना है। यहां के अधिकतर घर पुरखों-पुरनियों के बनाए हुए हैं। हालांकि कई लोगों ने मकानों को समय-मांग के अनुसार ठीक करा लिया है। बताते हैं कि शुरुआत में यह मोहल्ला पूरी तरह आवासीय रहा, लेकिन चौक से नजदीक होने तथा जरूरतों के मुताबिक धीरे-धीरे यहां कारोबार का विस्तार होने लगा। अब यह शहर का प्रमुख व्यापारिक केंद्र हो गया है। सड़कों पर और गलियों में कई दुकानें देखने को मिल जाएंगी। इस विस्तार से यहां के बाशिंदों की परेशानी भी बढ़ी है। मुख्य सड़क से लेकर गलियों तक वाहनों की आवाजाही रहती है। मुख्य मार्ग से तो अक्सर सामान लदे ट्रक भी गुजरते हैं। कभी-कभी तो सामानों को उतारने के लिए ये घंटों सड़क पर ही खड़े रहते हैं। इसके कारण आम लोगों का आवागमन प्रभावित होता है। सोनू ने बताया कि रात में भी वाहनों की आवाजाही से लोगों की नींद खराब होती है। ई-रिक्शा वाले भी मनमाने ढंग से मुख्य मार्ग पर ही खड़े हो जाते हैं। चार पहिया लेकर इधर से गुजर पाना मुश्किल हो जाता है। बाइक भी गलियों से होकर निकालनी पड़ती हैं। बदहाल रास्ते से आना-जाना मुश्किल : अक्षय कुमार ने कहा कि मोहल्ले की मेन सड़क से लेकर गलियां तक बदहाल हैं। मुख्य मार्ग का निर्माण करीब डेढ़ दशक पहले पेवर ब्लॉक से कराया गया था। अब यह दम तोड़ने लगा है। ईंटे ध्वस्त हो चुकी हैं। इन सड़कों और गलियों की मरम्मत नहीं होने से ये चलने लायक नहीं हैं। महीनेभर पहले एक गली और नाली निर्माण का नगर पालिका ने कराया। हालांकि उखाड़ी गईं ईंटें यूं ही छोड़ दी गई हैं। पिछले 20 दिन से लोगों को ऊबड़-खाबड़ रास्ते पर चलने में दिक्कत होती है। बारिश नजदीक है। समय से ऊबड़-खाबड़ रास्ता ठीक नहीं किया गया तो लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी। सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों को होती है। उन्हें स्कूल आने-जाने में कठिनाई होती है। कई लोगों ने तो अपने खर्च से रास्ते को ठीक कराया है। गायत्री और गुड़िया ने अतिक्रमण हटवाने के नाम पर होने वाले काम में मनमानी का आरोप लगाया। बताया कि एक ही गली में नाली पर बनी सीढ़ी तोड़ दी जाती है तो किसी पर ‘कृपा बरसती है। नालियों पर ढक्कन खोजते रह जाएंगे : राजकुमारी और तारा ने बताया कि मोहल्ले की तमाम नालियां क्षतिग्रस्त और जाम रहती हैं। उनके ऊपर ढक्कन नहीं होने से हादसे का खतरा रहता है। कूड़ा-करकट जानेे से पानी नहीं निकल पाता है। समय से कूड़े का नहीं होता उठान : पप्पू शर्मा ने बताया कि मोहल्ले में नियमित कूड़ा उठान की नगर पालिका ने व्यवस्था नहीं की है। डस्टबिन भी नहीं रखा गया है। मजबूरन, लोग सड़क या खाली प्लॉट में कूड़ा-कचरा फेंकते हैं। त्रिभुवन की मानें तो मवेशी अस्पताल के पास कूड़े-करकट का अंबार लगा रहता है। शिकायत करने के बाद भी जिम्मेदार उदासीन बने रहते हैं। कई-कई दिन कूड़ा उठान नहीं होता है। विडंबना यह है कि कई वार्डो में कूड़ा उठाने के लिए चार पहिया वाहन हैं। कर्मचारी तैनात हैं, लेकिन वे शायद कभी-कभार दिखते हैं। हर माह नपा के लाखों खर्च के बाद भी सफाई के इंतजाम बदतर हैं। इसकी वजह से मोहल्ले में संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। नगर पालिका प्रशासन को नियमित कूड़ा उठाने की व्यवस्था करनी चाहिए। प्रस्तुति : एनडी राय/श्रवण पांडेय नालियां ओवरफ्लो होने से सड़क पर लगता है पानी राजकुमारी ने बताया कि बारिश के सीजन में नालियां ओवरफ्लो हो जाती हैं। मोहल्ले की सड़कों पर गंदा पानी लगने से लोगों को आने-जाने में दिक्कत होती है। उनका कहना है कि नालियों की नियमित सफाई नहीं होने से समस्या होती है। शिकायत करने पर एकाध बार सफाई की भी जाती है तो सिर्फ खानापूरी के लिए। यदि बरसात से पहले सभी नालियों की ठीक से सफाई हो कर दी जाए तो पानी का बहाव आसानी से हो सकता है। मोहल्ले में न तो कभी फॉगिंग होती है, न ही नालियों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव होता है। बैठकों में अधिकारी इसके लिए आदेश करते हैं, लेकिन धरातल पर कहीं कुछ नहीं दिखता है। मोहल्ले में समय से नहीं होती पेयजल आपूर्ति तारा ने बताया कि मोहल्ले में पेयजल की आपूर्ति समय से नहीं होती है। सप्लाई का जो पानी आता है, वह भी दूषित ही होता है। हाल-फिलहाल ही दो-तीनों से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। कमला देवी कहती हैं कि जब पानी की आवश्यकता होती है तब नहीं मिलता। मोहल्ले में हैंडपंप भी नहीं हैं। एक था भी तो उसके खराब होने पर ठीक कराने की बजाय नगरपालिका उसे उखाड़ ले गयी। सोनू ने बताया कि दुर्गा मंदिर के पास नगर पालिका की ओर से शुद्ध पेयजल के लिए आरओ प्लांट लगवाया गया था। सुझाव मोहल्ले में पानी आपूर्ति का समय निर्धारित करते हुए अनिवार्य रूप से सप्लाई सुनिश्चत की जाय। खराब हैंडपंपों की मरम्मत भी होनी चाहिए। मुख्य मार्ग से लेकर गलियों तक के रास्ते को दुरुस्त कराया जाय। जिन रास्तों को खोदकर छोड़ दिया गया है, उसे ठीक कराया जाय। नालियों की सफाई तल तक करना जरूरी है। इससे जल निकासी में दिक्कत नहीं होगी। नालियों पर ढक्कन भी लगाए जाएं। मोहल्ले में जगह-जगह कूड़ेदान रखे जाएं। सड़क किनारे डंप कूड़ों का उठान भी नियमित तौर पर कराया जाय। मोहल्ले में नियमित तौर पर फॉगिंग करायी जाय। कीटनाशकों का छिड़काव भी होना चाहिए, ताकि मच्छरों से निजात मिल सके। शिकायतें मोहल्ले में नियमित पेयजल आपूर्ति नहीं होती। अधिकतर हैंडपंप भी खराब हो चुके हैं। मुख्य मार्ग से लेकर गलियों तक के रास्ते दुरुस्त नहीं हैं। एक गली की तो खोदाई कर छोड़ दी गई है। नालियों की नियमित और विधिवत सफाई नहीं होती है। इसके चलते बरसात के दिनों में सड़कों पर पानी लग जाता है। मोहल्ले में कहीं भी कूड़ेदान की व्यवस्था नहीं है। सड़क किनारे डंप कूड़े का उठान नियमित नहीं होता। इससे लोगों को परेशानी होती है। रोग फैलने का खतरा रहता है। मोहल्ले में कभी फॉगिंग नहीं होती। कीटनाशकों का भी छिड़काव नहीं होने के चलते मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। बोले जिम्मेदार 15वें वित्त से वार्ड नंबर 20 में पांच काम कराए जाएंगे। इन कामों के लिए बजट स्वीकृत हो चुका है। गुरुद्वारा रोड के पीछे गली में इंटरलॉक, ढक्कन कवर्ड नाली बनेगी। स्ट्रीट लाइट लगाकर चटोरी गली के रूप में विकसित कराया जायेगा। इसके लिए 18 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं। प्रेरक गुप्ता, सभासद, वार्ड नंबर 20 हमारा दर्द मोहल्ले में 20 दिन से सड़क-नाली बनाने के नाम पर ठेकेदार अधूरा काम करते हैं। दिक्कत है। अक्षय कुमार बारिश का मौसम शुरू होने वाला है, लेकिन मोहल्ले के नालियों की सफाई नहीं करायी जा सकी है। पप्पू शर्मा मोहल्ले में बंदरों का आतंक काफी बढ़ गया है। बिजली के केबल और अन्य तार नोच देेते हैं। हरि मोहन यादव नगरपालिका की ओर से जलापूर्ति के लिए समय निर्धारित करते हुए सप्लाई की जाय। त्रिभुवन मोहल्ले में हैंडपंप नहीं है। एक खराब था तो उसे बनाने की बजाय नपाकर्मी उखाड़ ले गए। सोनू कुमार मोहल्ले की एक सड़क के निर्माण के नाम पर ईंटों को उखाड़ कर वैसे ही छोड़ दिया गया है। गायत्री देवी नाली-सड़क निर्माण के नाम पर कुछ लोगों की सीढ़ियों को जेसीबी लगाकर तोड़ दिया गया है। गुड़िया देवी पेयजल आपूर्ति समय से नहीं होती है। सप्लाई को जो पानी आता है, वह दूषित है। पाइपलाइन क्षतिग्रस्त है। राजकुमारी व्यापारिक क्षेत्र होने से सुलभ शौचालय का होना जरूरी है। कारोबार के कारण यहां लोग आते रहते हैं। तारा देवी दुर्गा मंदिर के पास नगर पालिका द्वारा आरओ प्लांट लगाया गया था। वह दो-तीन साल से खराब पड़ा है। कमला देवी फाॅगिंग और डीटीपी का छिड़काव नहीं कराया जाता है। मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है। रोहित कुमार बरसात में नालियों का पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर लग जाता है। उसी से होकर लोगों को आना-जाना पड़ता है। आशा देवी
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