सर्जन के खिलाफ कार्रवाई न होने पर आयोग की सदस्य भड़कीं
Balrampur News - सख्ती संयुक्त जिला चिकित्सालय में अचानक पहुंचीं आयोग की सदस्य, अस्पताल में मची अफरातफरी पुरानी

सख्ती संयुक्त जिला चिकित्सालय में अचानक पहुंचीं आयोग की सदस्य, अस्पताल में मची अफरातफरी पुरानी कार्रवाई का किया ब्यौरा तलब, कार्रवाई न होने पर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जताई नाराजगी बलरामपुर, संवाददाता। राज्य महिला आयोग की सदस्या जनक नंदिनी ने बुधवार को संयुक्त जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अपनी पिछली कार्रवाई का ब्योरा तलब किया। मरीज से ऑपरेशन के नाम पर पैसा लेने व गलत ऑपरेशन करने के आरोपी सर्जन के विरुद्ध एक माह बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर आयोग की सदस्य भड़क उठीं। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अस्पताल प्रशासन आरोपी सर्जन को बचाने का प्रयास कर रहा है।
कहा कि अस्पताल प्रशासन सर्जन के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई करके आयोग को अवगत कराए। राज्य महिला आयोग की सदस्य जनक नंदिनी का बुधवार को उतरौला तहसील क्षेत्र में जनसुनवाई व निरीक्षण का कार्यक्रम प्रस्तावित था। इसके पूर्व वह सुबह 11 बजे के करीब अचानक संयुक्त जिला चिकित्सालय पहुंच गई। उनके पहुंचते ही अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल हो गया। सबसे पहले उन्होंने अस्पताल की ओपीडी को देखा। जहां कई चिकित्सक अपने कक्ष में नहीं मिले। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई। इसके बाद उन्होंने उपस्थिति पंजिका सहित अन्य अभिलेखों का निरीक्षण किया। अस्पताल के सीएमएस व क्वालिटी प्रबंधक डॉ. रुचि पांडेय ने उन्हें व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी। साफ सफाई से लेकर किचन आदि की व्यवस्थाओं को लेकर आयोग की सदस्या संतुष्ट नजर आईं। उन्होंने सर्जन और एलएमओ के ओपीडी में जाकर अभिलेख व अन्य जानकारी भी हासिल की। यहां यह बताना जरूरी है कि पिछले 16 अप्रैल को राज्य महिला आयोग की सदस्य जनकनंदनी ने संयुक्त जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्हें यह शिकायत मिली थी कि पथरी के आपरेशन के लिए मरीज से अस्पताल के सर्जन डॉ. आरडी रमन ने नौ हजार रुपए लिए थे। यही नहीं एक अन्य मरीज ने उनसे यह शिकायत की थी कि सर्जन डॉ. रमन ने उनकी गलत सर्जरी कर दी है, जिसका खामियाजा वह अभी तक भुगत रही हैं। इस पर उन्होंने सर्जन के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था। अस्पताल पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले कार्रवाई के बारे में पूछा, जिस पर सीएमएस कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने अवगत कराया कि मेडिकल कालेज प्राचार्य के द्वारा जांच कराई गई है, जिसमें सर्जन या अन्य स्टाफ के द्वारा पैसा न लेने की बात कही गई है। आयोग की सदस्या की दूसरी शिकायत को जांच में शामिल नहीं किया गया था जिस पर वह भड़क उठी। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि अस्पताल प्रशासन सर्जन को बचाने का पूरा प्रयास कर रहा है। कहा कि तत्काल कार्रवाई करके आयोग को अवगत कराया जाए, अन्यथा वह इस मामले में शासन स्तर पर अपनी रिपोर्ट देंगी।
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