कहने को शहर की कॉलोनी हालात गांव से भी बदतर
Barabanki News - बाराबंकी के आवास विकास कॉलोनी की स्थिति बेहद खराब है। नालियां गंदगी से भरी हुई हैं और सफाई व्यवस्था न के बराबर है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है और पार्कों की हालत भी चिंताजनक है। स्थानीय लोग...

कहने को शहर की कॉलोनी हालात गांव से भी बदतर बाराबंकी:शहर के आवास विकास कॉलोनी में जाने के लिए यूं तो पुराने राजमार्ग से एलआईसी मोड से प्रमुख रास्ता है। मगर तहसील कालोनी के दो मार्गों के अलावा बस स्टेशन के समीप पटेल तिराहे से होकर भी प्रमुख रास्ता है। मगर पटेल तिराहे से आगे बढ़ने के साथ ही कालोनी की दुर्व्यवस्थाएं सामने आने लगती है। कांशीराम कालोनी का तो भगवान ही मालिक है। मगर उसके आगे आवास विकास कालोनी की स्थिति भी वैसी ही है। उक्त कालोनी के अधिकांश नाले-नाली गंदगी से पटे हैं। कालोनी से होकर कांशीराम कालोनी होता हुआ नाला महीनों से चोक पड़ा है। इसकी सफाई साल में एक-आध बार ही कराई जाती है। इसी प्रकार आग बढ़ने पर टेलीफोन एक्सचेंज जाते समय उक्त मार्ग के दोनों ओर की नालियां भी चोक पड़ी हैं। नतीजा इससे निकलने वाला पानी लोगों के घरों के सामने से सड़कों पर बह रहा है। इसी प्रकार उक्त कालोनी के छहो सेक्टर में नालियां गंदगी से पटी पड़ी हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बरसात में उक्त नालियां उफना जाती हैं। पिछले वर्ष भी बरसात में जलनिकासी न होने के कारण लोगों के घरों में पानी घुस गया था।
गंदगी का बोलबाला, फागिंग न होने से मच्छरों का प्रकोप : कालोनी के अधिकांश सड़कों पर दोपहर में ही कूड़े का ढेर देखने को मिला। वहीं खाली पड़े पार्क के कोने व प्लाटों पर भी ढेर नजर आए। इसे लेकर लोगों का कहना है कि उक्त कालोनी दो वार्डों में सिमटी है। बड़ी कालोनी होने के बावजूद यहां पर सफाईकर्मी काफी कम संख्या में हैं। ऐसे में एक दिन एक ओर की गलियां तो दूसरे दिन दूसरे ओर की गलियों की सफाई होती है। इतना ही नहीं उक्त कालोनी में कूड़े के ढेर को उठाने के लिए कोई दिन नहीं निर्धारित हैं। कभी हफ्ते में तो कभी पन्द्रह दिन बाद भी कूड़ा नहीं उठता है। लोगों का कहना है कि कई स्थानों पर नाली के बहते पानी में मच्छर पनप रहे हैं। गर्मी में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। मगर न तो नालियों में एंटी लार्वा का छिड़काव होता है और न ही फागिंग की शुरू कराई गई है। स्थानीय लोगों ने कहा कि ऐसे में बीमारी फैलने का खतरा भी बना रहता है।
स्ट्रीट लाइटों की कमी भी झेल रहे कालोनी के लोग : कालोनी के रहने वालों ने बताया कि प्रमुख मार्गों पर मार्ग प्रकाश की व्यवस्था तो है मगर कालोनी के कुछ अन्य सम्पर्क मार्ग हैं जिनसे होते हुए लोग शहर के दूसरे मोहल्लों में जाते हैं उन सड़कों पर स्ट्रीट लाइटें न होने से लोगों को परेशानी होती है। स्थानीय लोगों ने कहा कि ऐसे में रात को बच्चे को दूसरे मोहल्लों में भेजने में डर लगता है। क्योंकि तमाम छुट्टा जानवर मोहल्ले में टहलते रहते हैं। अंधेरा होने पर खतरा रहता है कि छुट्टा जानवर हमला न बोल दें। स्थानीय लोगों ने कालोनी के छूटे हिस्सों में स्ट्रीट लाइटें लगवानेें की मांग नगर पालिका के अधिकारियों से की है।
महंगा आवंटन कराया मगर व्यवस्थाएं बिगड़ती गईं : सभी प्रकार की बुनियादी सुविधाओं की गारंटी आवास विकास परिषद ने दी तो लोगों ने बाजार भाव से अधिक पर भवनों का आवंटन कराया। आवास विकास ने बनाकर पालिका को दे दिया। मगर पालिका के हाथों व्यवस्थाएं बनने के बजाए बिगड़ती गई। नाले-नालियों के साथ घरों से निकलने वाले कचरों तक की सफाई नहीं होती है। जिसके कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। मगर फागिंग तक नहीं होती है।
पार्कों का हाल बेहाल, टहलने की जगह नहीं:आवास विकास कालोनी में पार्कों की संख्या काफी अधिक है। मगर कुछ पार्कों को छोड़कर शेष छोटे-बड़े पार्कों की स्थित बदहाल ही है। सेक्टर चार में स्थित एक बड़ा पार्क बदहाल पड़ा है। कालोनी बनने के समय इसमें बनाई गई चाहरदीवारी कई स्थानों पर ढह चुकी है, इसकी ईंटे तक गायब हो चुके हैं। इस पार्क में छुट्टा जानवरों का कब्जा रहता है। इसी प्रकार बुद्धा पार्क की स्थिति भी काफी खराब है। मगर इसके निर्माण की सुधि कोई नहीं ले रहा है।
कालोनी में सेक्टर पांच का बड़ा पार्क व शिवाजी-महाराणा प्रताप की स्थिति काफी बेहतर है। जिस सेक्टर में पार्क बदहाल हैं वहां के लोगों ने कहा कि बच्चे खेलने को तरसते हैं। चाहरीवारी टूटी होने के कारण छुट्टा जानवर घूमते हैं, जिसके कारण बच्चों को नहीं भेजा जाता कि कहीं कोई जानवर हमला न बोल दे। ऐसे में बच्चे दूर दूसरे पार्क में जाकर खेलते हैं। इसी प्रकार यहां के बुजुर्गों ने कहा कि उन्हें सुबह मजबूरी में सड़कों पर टहलना पड़ता है। क्योंकि पार्क की स्थिति काफी खराब है। इसमें कई स्थानों पर कूड़े का ढेर पड़ा है। छुट्टा जानवर वहां मंडराते रहते हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि आवास विकास कालोनी को नगर पालिका के हैण्डओवर कर दिया गया है। ऐसे में पालिका के अधिकारियों को चाहिए कि आवास विकास द्वारा दी गई सुविधाओं को बहाल रखते हुए पार्क आदि की देखभाल करें ताकि यहां रहने वालों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
हादसे को दावत देते खुले बिजली विभाग के बॉक्स:आवास विकास कालोनी में अधिकांश हिस्सों में अंडर ग्राउंड बिजली के केबिल विभाग ने बिछा दिए हैं। उक्त केबिलों के लिए कई स्थानों पर बाक्स लगाए गए हैं। मगर विभागीय लापरवाही के कारण अधिकांश बाक्स खुले स्थानों पर सड़कों के किनारे लगाए गए हैं। इन बाक्स की स्थिति जर्जर होती जा रही है। इसके आसपास खुले में तार तक लटके रहते हैं। जिसके कारण स्थानीय लोगों में आक्रोश भी व्याप्त है। लोगों का कहना है कि हमेशा डर बना रहता है कि कहीं कोई बच्चा खेलते हुए उक्त बाक्स के करीब जाकर करंट का शिकार न हो जाए। इतना ही नहीं कई बार छुट्टा जानवर वहां पहुंच जाते हैं, जिन्हें संभालकर वहां से भगाया जाता है। कालोनी के लोगों का कहना है कि अंडर ग्राउंड केबिल बिछने से लोकल खराबी की समस्या तो कम हो गई है। मगर विभाग को चाहिए कि कम से कम उक्त लगाए गए बाक्स के चारों ओर जाली लगाएं और लटके हुए तारों को दुरुस्त करें।
बोले जिम्मेदार:नगर पालिका, नवाबगंज की अध्यक्ष शीला सिंह का इस बारे में कहना है कि शहर के साथ आवास विकास कालोनी में प्रर्याप्त संख्या में सफाईकर्मियों की तैनाती की गई है। इस कालोनी के कई पार्कों का सौन्दर्यीकरण किया गया है। शेष बचे हुए पार्कों के लिए जल्द ही प्रस्ताव बनाया जाएगा। प्रमुख नालों की सफाई के लिए गैंग लगाए गए हैं। सख्त निर्देश है कि बरसात से पहले शहर के शत प्रतिशत नालों की सफाई हर हाल में हो जानी चाहिए।
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