Mobile Veterinary Unit 1962 A Lifeline for Farmers in Barabanki मोबाइल वेटनरी यूनिट बनी पशुपालकों की उम्मीद, Barabanki Hindi News - Hindustan
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मोबाइल वेटनरी यूनिट बनी पशुपालकों की उम्मीद

Barabanki News - बाराबंकी में 1962 मोबाइल वेटनरी यूनिट पशुपालकों के लिए लाभकारी है। यह टीम पशुपालकों के घर जाकर पशुओं का इलाज करती है और गंभीर मामलों में एम्बुलेंस से उपचार के लिए पशु चिकित्सालय ले जाती है। सरकार की...

Newswrap हिन्दुस्तान, बाराबंकीMon, 9 June 2025 01:07 AM
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मोबाइल वेटनरी यूनिट बनी पशुपालकों की उम्मीद

बाराबंकी। 108 व 102 नंबर एम्बुलेंस की तर्ज पर पशुओं के लिए संचालित 1962 मोबाइल वेटनरी यूनिट पशुपालकों के लिए काफी मुफीद साबित हो रही है। एक कॉल पर पशु चिकित्सकों की टीम पशुपालक के घर पहुंच पशुओं का इलाज कर दवाएं तक वितरण कर रही है। गंभीर पशुओं को एम्बुलेंस से नजदीकी पशु चिकित्सालय लाकर भी उपचार कराने की सुविधा है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अतुल कुमार अवस्थी ने बताया कि जिले में आठ वाहन 1962 मोबाइल वेटनरी यूनिट के निशुल्क संचालित हैं। यह टीम गांव-गांव पहुंचकर पशुपालकों की सेवा में समर्पित कार्य कर रही है। यह मोबाइल यूनिट न केवल बीमार पशुओं का समय पर इलाज कर रही है।

बल्कि बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। नोडल व सदर पशु चिकित्सालय में तैनात डॉ अमित वर्मा ने बताया कि सरकार द्वारा संचालित 1962 मोबाइल वेटरनरी यूनिट हर पशुपालक के दरवाज़े तक सेवा पहुंचा रही है। आपात स्थिति में 1962 पर कॉल करने पर प्रशिक्षित डॉक्टरों की टीम आधुनिक वेटनरी एंबुलेंस के साथ मौके पर पहुंचती है और गांव में स्वास्थ्य शिविर भी लगाती है। 1962 टोल फ्री नंबर पर कॉल करके सलाह भी ली जा सकती है। कहा कि जिले में आठ मोबाइल वेटनरी यूनिट के वाहन सक्रिय हैं। इमरजेंसी कॉल के लिए चार वाहनों से 10-10 केस करने और शेड्यूल के लिए चार वाहनों से रोजाना 30-30 केस का लक्ष्य है। प्रत्येक 9600 पशुपालकों को लाभ दिलाया जाता है। डॉ. पंकज वर्मा ने बताया कि 1962 मोबाइल वेटनरी यूनिट पशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा करते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बना रही है। यह सेवा प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी सोच और डिजिटल भारत की दिशा में एक मजबूत कदम है। पशुओं की सर्जरी तक करती है टीम: वेटनरी चिकित्सक डॉ. अमित वर्मा ने बताया कि प्रत्येक माह आठ से 10 मवेशियों की सर्जरी तक करनी पड़ती है। खेतो में लगे कटीले तारों में फंस कर घायल पशुओं की मरहम पट्टी करने के ज्यादा केस सामने आते हैं।

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