पेंशन घोटाले की जांच में घिरे कई सीटीओ और बाबू
Bareily News - पिता की मौत के बाद 16 वर्षों तक पेंशन लेने वाले उमेश भारद्वाज से प्रशासन ने 74.66 लाख की रिकवरी की है। जांच में कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। उमेश ने अपने मृत पिता के आधार पर पेंशन लेता...

पिता की मौत के बाद 16 साल तक पेंशन लेने वाले पुत्र उमेश भारद्वाज से प्रशासन ने 74.66 लाख की रिकवरी कर ली है। अब घोटाले में शामिल ट्रेजरी के अधिकारी और कर्मचारियों पर शिकंजा कसता जा रहा है। घपले की विभाीय जांच एडी कोषागार कर रहे हैं। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक शुरूआती जांच में कई बाबू और सीटीओ की भूमिका संदिग्ध है। फाइनल जांच रिपोर्ट जल्दी मुख्यालय भेजी जाएगी। बदायूं के श्री कृष्ण इंटर कालेज में सोहनलाल शर्मा प्रवक्ता के पद पर तैनात थे। उनकी 19 सितंबर 2008 को मृत्यु हो गई थी। मौत के बाद भी 16 साल तक मृतक प्रवक्ता का बेटा उमेश भारद्वाज ट्रेजरी पेंशन लेता रहा। उमेश भारद्वाज ने मृतक सोहन लाल शर्मा के आधार पर पैन कार्ड पर अपना फोटो लगा लिया था। 105 वर्ष के व्यक्ति की पेंशन ट्रेजरी के बाबू 60 साल के उमेश भारद्वाज को देते रहे। हर साल जीवित होने का प्रमाण पत्र दिया जाता था। मृतक का बेटा हर साल खुद पिता बनकर ट्रेजरी में पिता की जगह पेश होता था। पटल सहायक और तत्कालीन सीटीओ उसका मिलान भी करते थे। 16 साल तक न तो बाबू और सीटीओ को उसकी उम्र पर शक नहीं हुआ। सबसे अधिक उम्र का पेंशनर्स होने के बावजूद कोई संजीदगी नहीं दिखाई गई। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक एडी की जांच में इन सभी तथ्यों को शामिल किया गया है। 16 साल में कितने बाबू पेंशन पटल पर तैनात रहे उनका भी रिकार्ड जांच अधिकारी ने लिया है। जबकि इस अवधि में तैनता रहने वाले सीटीओ का ब्यौरा भी लिया गया है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी गई है। फाइनल रिपोर्ट जल्दी ही मुख्यालय भेजी जाएगी। कुछ बाबू रिटायर भी हो चुके हैं।
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