नौ माह का 2343 आशाओं की फंसी है 84 लाख रुपये की प्रोत्साहनराशि
Basti News - गी है। जिले में 2343 आशा कार्यरत हैं। विभाग के अनुसार पिछले नौ माह का 84 लाख रुपये अभी भुगतान के लिए बजट नहीं आया है। इसके चलते भुगतान नहीं हो पा रहा

बस्ती, हिटी। टीकाकरण समेत नेशनल हेल्थ कार्यक्रमों में अहम भूमिका निभाने वाली आशा को पिछले नौ माह से प्रोत्साहन राशि नहीं दी जा रही है। इससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। हालांकि, स्टेट बजट जारी होने से राहत की उम्मीद जगी है। जिले में 2343 आशा कार्यरत हैं। विभाग के अनुसार पिछले नौ माह का 84 लाख रुपये अभी भुगतान के लिए बजट नहीं आया है। इसके चलते भुगतान नहीं हो पा रहा है। पत्राचार और भुगतान से संबंधित फाइल शासन को भेज दी गई है, लेकिन बजट शून्य होने के कारण प्रोत्साहन राशि लंबित है। यह राशि राज्य सरकार प्रदान करती है।
गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्र में 2296 आशा कार्यकर्ता सक्रिय हैं, जबकि शहरी क्षेत्र में 47 आशा वर्कर कार्य कर रही हैं। शनिवार, बुधवार के दिन टीकाकरण सत्र आयोजित करवाना हो या फिर ग्राम स्वच्छता समिति की बैठक चाहे हो माता बैठक सबमें सहभागिता करती हैं। संस्थागत प्रसव में भी इन्हीं पर जोर रहता है। इसके एवज में सरकार प्रोत्साहन राशि देती है। लेकिन, वर्तमान में बजट नहीं होने से भुगतान राशि फंस गई है। एक-एक ब्लॉक छह लाख से अधिक का बकाया है। डीसीपीएम दुर्गेश मल्ल का कहना है कि बजट के लिए डिमांड किया गया है। भुगतान संबंधित सभी पत्रावलियां पूरी कर ली गई है। बताया कि स्टेट बजट के लिए डिमांड भेजा गया था, जो आ गया है। इस बजट में आशाओं के लिए जितना अंश होगा उसका भुगतान जल्द से जल्द करवाया जाएगा। आशा संगठन ने स्टेट बजट जारी होने पर खुशी जताई है, लेकिन लंबित भुगतान को भी जल्द करवाने की मांग किया है।
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