जमीन हासिल करने के लिए छह साल तक किसान ने किया संघर्ष
Basti News - बस्ती। भानपुर तहसील के कानूनगो रजिस्ट्रार के एक निर्णय ने किसान की जोत की

बस्ती। भानपुर तहसील के कानूनगो रजिस्ट्रार के एक निर्णय ने किसान की जोत की जमीन को ग्राम समाज की तलैया घोषित कर दिया। तलैया की जमीन पर पूर्व से अवैध रूप से काबिज ग्रामीण का कब्जा बरकरार रहा। किसान को अपनी जमीन हासिल करने के लिए छह साल तक संघर्ष करना पड़ा।
भानपुर तहसील के बड़गवां गांव अंतर्गत गाटा संख्या 45 जिसका रकबा 0.090 हेक्टेयर है, तलैया के रूप में दर्ज थी, उसी नंबर का पट्टा ग्रामसभा ने संतोष कुमार पुत्र गयाप्रसाद को किया था। पट्टा नियम विरूद्ध होने के कारण इसकी शिकायत गांव के शिवमूर्ति सिंह ने एसडीएम भानपुर के यहां की इसके बाद पट्टा निरस्त हो गया। संतोष कुमार ने एडीएम के यहां अपील की जहां से 2014 में आदेश हुआ कि तलैया की भूमि ग्रामसभा को वापस की जाए, इसके बाद भी संतोष कुमार उस जमीन पर काबिज रहे।
बताया जा रहा है कि 1998 की चकबंदी में गाटा संख्या 45 नया नंबर बन गया जिसका रकबा 0.0439 हेक्टेयर है, इसे केवलपाती पत्नी पट्टू राम को आवंटित किया गया। तलैया का नया गाटा नंबर 84 बनाया गया। एडीएम के निर्णय के अनुपालन में कानूनगो रजिस्ट्रार भानपुर ने कागजात का बिना परीक्षण किए पुराना गाटा संख्या 45, जो केवलपाती के नाम दर्ज हुआ, उसे ही तलैया घोषित कर दिया। नतीजा यह हुआ कि केवलपाती का परिवार जहां जमीन से वंचित हो गया, वहीं जिसका पट्टा निरस्त हुआ।
इसकी अपील केवलपाती ने एडीएम के यहां 2020 में किया। अपील में गाटा संख्या-84 तलिया जिसका रकबा 0090 हे. है के नाम दर्ज कराते हुए गाटा संख्या 45 उसके नाम दर्ज कराने का अनुरोध किया। न्यायालय ने पिछले दिनों पीड़ित स्व. केवलपाती के परिवार रमेश कुमार, महेश कुमार, निवासी ग्राम बेलवाडांड़ के पक्ष में निर्णय सुनाया।
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