बोले बस्ती : करोड़ों टैक्स देने के बाद भी बिजली गांव जैसी
Basti News - बस्ती शहर के पटेल चौक क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है, जहां टाइल्स और मार्बल का कारोबार बढ़ रहा है। लगभग 500 से अधिक दुकानें और अन्य व्यवसाय होने के बावजूद, यहां शहरी विद्युतीकरण, सड़क, नाली और...
बस्ती शहर के विस्तार के साथ-साथ इसके आसपास के गांवों में तेजी से विकास हो रहा है। पटेल चौक इस क्षेत्र का एक प्रमुख व्यावसायिक केंद्र बनकर उभरा है। यह इलाका विशेष रूप से टाइल्स और मार्बल के कारोबार का गढ़ माना जाता है, जहां लगभग सभी प्रमुख कंपनियों के उत्पाद उपलब्ध हैं। करीब 500 से अधिक दुकानें, पेट्रोल पंप, मैरिज हॉल, रेस्टोरेंट-ढाबे, ट्रैक्टर, कार और बाइक के शोरूम इस क्षेत्र की ‘आर्थिक जीवंतता को दर्शाते हैं। पटेल चौक जिले के प्रसिद्ध चौराहों में शुमार है। इसके बावजूद यहां शहरी विद्युतीकरण, सड़क, नाली, स्ट्रीट लाइटिंग और शुद्ध पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी खल रही है।
इस इलाके में ग्रामीण बिजली आपूर्ति मिलने के कारण इसका सीधा असर स्थानीय व्यवसाय पर पड़ रहा है। ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में स्थानीय लोगों ने अपनी समस्याएं साझा कीं। जिले के सदर ब्लाक अन्तर्गत आने वाला गांव खोराखार, डिडौहा, डडवा (पटेल चौक) काफी प्रसिद्ध है। इस गांव की आबादी 5000 से अधिक है। यह क्षेत्र पूरी तरह से व्यवसायिक इलाके के रूप में विकसित हो रहा है। इस क्षेत्र में शहरी विद्युतीकरण की व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां के व्यवसाय पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। जिससे यहां के व्यापारी ग्रामीण क्षेत्र की बिजली से काफी परेशान हैं। इस गांव के निवासी धर्मेन्द्र चौरसिया, गनेश प्रसाद कसौधन, वीरेन्द्र चौधरी के साथ दर्जनों लोगों ने बताया कि गांव खोराखार, डिडौहा, डडवा (पटेल चौक) पूरी तरह से व्यवसायिक इलाके के रूप में आकार ले रहा है। इस क्षेत्र में टाइल्स व मार्बल के थोक व फुटकर के अच्छे कारोबारी हैं। इस कारोबार के साथ 500 से अधिक दुकानें, पेट्रोल पंप, मैरिज हॉल, रेस्टोरेंट-ढाबा, ट्रैक्टर, कार व बाइकों का कई शोरूम के साथ अन्य तमाम कारोबारी यहां कारोबार करते हैं। लेकिन ग्रामीण विद्युत सप्लाई की वजह से इनके कारोबार पर बुरा असर पड़ रहा है। इनका कहना है कि अगर यहां शहरी विद्युतीकरण कर दिया जाए तो यहां के कारोबार में काफी हद तक बढ़ोत्तरी हो जाएगी। इसके साथ यह भी कहते हैं कि जिले के सैकड़ों से अधिक बेरोजगार युवकों को हमने रोजगार दिया है, लेकिन शहरी की बिजली नहीं होने के कारण हम व्यापारी इस गर्मी में काफी परेशान हैं। वीरेन्द्र चौधरी, पारस चौधरी, रामबदन और हंसराज ने इस गांव में सफाई व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा किए हैं। इन्होंने बताया कि साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं होने की वजह से यहां कि सड़कें व गलियां गंदगी से भरा पड़ा है। इस गांव में सड़कों व गलियों में प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे रात में गांव के गलियों व सड़कों पर अंधेरा छाया रहता है। कूड़ा रखने के लिए कूड़ेदान की भी कोई व्यवस्था नहीं है। इन लोगों ने बताया कि इस गांव के पटेल चौक से हरदिया चौराहा मुख्य मार्ग है। एनएच 28 पर पटेल चौक से बड़ेवन, पटेल चौक से रोडवेज जाने वाले रास्ते के साथ अन्य मुख्य मार्गों की पटरियों के साथ नाली का निर्माण नहीं हुआ है। जिससे बरसात के दिनों में पटरियों के साथ नाली निर्माण नहीं होने से यहां के लोग काफी परेशानियों से जूझ रहे हैं। इन पटरियों पर बरसात के दिनों में पैदल चलना और व्यापार करना बड़ी मुश्किल हो जाता है। नाली का निर्माण न होने से घरों का पानी सड़क पर बहता है हरदिया चौराहे से पटेल चौक होते हुए रोडवेज जाने वाले मार्ग पर नाली का निर्माण नहीं हुआ है। नाली निर्माण नहीं होने के कारण यहां के घरों से निकला गंदा पानी सड़कों व खाली पड़े प्लाटों में भरा पड़ा है। इन गंदा पानी की वजह से मच्छरों से यहां के निवासी काफी परेशान है। इन मच्छरों के काटने से लोग बीमार पड़ रहे हैं, जिससे इनके स्वास्थ्य पर काफी असर पड़ रहा है। गांव में खम्भों और तारों के साथ स्ट्रीट लाइट की जरूरत यहां के निवासी बताते हैं कि इस गांव में बिजली के खम्भों व तारों की कमी है। खम्भों व तारों की कमी से गांव में लटकते तार दुर्घटनाओं का दावत दे रही हैं। जिससे गांव के लोग काफी परेशान है। क्योंकि लोग बताते हैं कि यहां पर बंदर तारों पर झूला-झूलते हैं। जिससे बिजली के तार टूट जाते हैं। तार टूट जाने पर विद्युत कर्मियों को सुविधा शुल्क देकर जुड़वाना पड़ता है। इन लोगों ने बिजली के खम्भों व तारों के साथ प्रकाश के लिए स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए जिम्मेदारों से मांग की है। खोराखार, डिडौहा, डडवा गांव में बदहाल हैं सड़कें बस्ती। खोराखार, डिडौहा, डडवा (पटेल चौक) गांव में सड़कों का बुरा हाल है। यहां की सड़कों का निर्माण नहीं होने के कारण नालियों का पानी सड़कों पर बहता रहता है। जल निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। फिर भी जिम्मेदार सिर्फ आश्वासन पर आश्वासन ही दिए जा रहे हैं। गांव में इंडिया मार्का हैंडपंप लगे थे, जो इस समय पूरी तरह से लगभग लगभग ध्वस्त हो चुके हैं। एक दो को छोड़कर नल पानी नहीं दे रहे हैं। गर्मी की तपिश बढ़ती जा रही है और पानी की जरूरत भी सबसे ज्यादा पड़ने वाली है। पानी के लिए कितनी जद्दोजहद करनी पड़ रही है, यहां के नागरिकों से बेहतर कौन जान सकता है? गांव के हर एक गली में बेढंग से पानी इधर-उधर इकट्ठा होने के कारण गलियों में बदबू फैली रहती है। जिससें यहां के लोगों को संक्रामक बीमारियों का खतरा बना रहता है । पीने के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था नहीं : इस गांव के निवासी राममूरत, कुंदन के साथ कई लोगों ने बताया कि गांव खोराखार, डिडौहा, डडवा (पटेल चौक) में लग्जरी घरों को देखकर कोई भी अंदाजा नहीं लगा पाएगा कि यह गांव देहात है। इस गांव में बाहर से आकर लोग यहां आकर शहर समझ कर बसे हुए हैं। लेकिन इस गांव में पानी पीने के लिए कोई शुद्ध व्यवस्था नहीं है। गांव में आबादी के हिसाब से इंडिया मार्का हैंडपंपों की संख्या काफी कम हैं। जिससे यहां के लोगों को शुद्ध पानी पीने को नहीं मिलता है। यहां के लोगों ने शुद्ध पानी पीने के लिए पाइप लाइन बिछाने के लिए जिला प्रशासन से मांग किया है। इनका मानना है कि अगर मड़वागर के सातों पुरवे पर पाइप लाइन बिछ जाए तो सबके घरों में शुद्ध पानी पीने के लिए व्यवस्था हो जाएगा। कॉमर्शियल जोन में तब्दील हो गए गांव बस्ती। ग्राम पंचायत डिडौहा नगर पालिका क्षेत्र की सीमा समाप्त होने के साथ शुरू होकर पटेल चौक होते हुए मड़वानगर टोल प्लाजा के पहले तक जाता है। आज के समय में यह इलाका कॉमर्शियल जोन में तब्दील हो गया है। यहां से करोड़ों का राजस्व केंद्र और राज्य सरकार को जाता है। इतना होने के बाद भी क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। पूरे इलाके में नाली की समस्या है। जलभराव होता है। इसके अलावा सफाई नहीं हो पाती है। ग्रामीण क्षेत्र के एक सफाई कर्मी के भरोसे इस इलाके की सफाई संभव ही नहीं है। नगर पालिका की सीमा पचपेड़िया के पास बने पुलिया से समाप्त होती है। यहां पर सड़क के एक तरफ ग्राम पंचायत डिडौहा की सीमा शुरू होती है। सड़क से हाईवे की तरफ बढ़ते ही दोनों तरफ का हिस्सा ग्राम पंचायत डिडौहा हो जाता है। इस इलाके पर नजर डालें तो सड़के दोनों तरफ का अधिकांश हिस्सा पूरी तरह से कॉमर्शियल जोन में तब्दील हो गया है। शेष भाग में स्कूल, हॉस्पिटल और घनी आबादी बस गई है। डिडौहा ग्राम पंचायत में छह अस्पताल, ब्लड बैंक, पांच क्लीनिक, 16 मेडिकल स्टोर, सात मार्बल्स और टाइल्स के बड़े शोरूम, आठ फर्नीचर के शोरूम, पांच फर्नीचर के कारखाने, नौ मैरेज हॉल, वेंक्वेट हाल और मैरेज लान के साथ 11 बड़े रेस्टोरेंट हैं। इसके अलावा करीब 15 चाय, मिठाई की दुकानें संचालित हैं। बिल्डिंग मैटेरियल की दुकानें काफी संख्या में हैं तो आधा दर्जन शराब की दुकानें भी इसी क्षेत्र में स्थापित हो गई हैं। यह हिस्सा हाईवे को शहर से जोड़ता है तो इसके रोड पर भारी यातायात रहता है। दो ट्रैक्टर के शोरूम, तीन इलेक्ट्रिक वाहन के शोरूम, दो बाइक के शोरूम स्थापित हैं। इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रानिक दुकानों के बड़े शोरूम के साथ निजी बैंक पर इस लगभग सवा किमी दूरी वाले रोड पर स्थित है। कॉमर्शियल जोन होने के बाद भी जलभराव रहता है। सफाई नहीं होती है, नाली नहीं बनी है। हाईवे पर यातायात नियंत्रित नहीं रहता है। पूरा सड़क दिन में कई बार जाम होता है। असमय इस रोड पर बड़े वाहनों की इंट्री हो जाती है। जबकि बड़ी गाड़ियों के समय निर्धारित है। इतना ही नहीं बिजली, वाटर सप्लाई, स्ट्रीट लाइट की समस्या से इलाका जूझ रहा है। नगरीय क्षेत्र नहीं होने के कारण इन सुविधाओं के लिए ग्राम पंचायत पर निर्भर होना पड़ता है। ग्राम पंचायत के अपने सीमित संसाधन हैं, जिससे इस इलाके में नागरिक सुविधाएं व्यवस्थित नहीं की जा सकी है। शिकायतें - इस व्यवसायिक क्षेत्र में शहरी विद्युतीकरण नहीं है। - हरदिया-पचपेड़िया मुख्य मार्ग पर नाली का निर्माण अभी तक नहीं कराया गया है। - शुद्ध पानी पीने के लिए कोई व्यवस्था नहीं किया गया है। - खम्भों पर प्रकाश के लिए स्ट्रीट लाइटों की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। - पटेल चौक में साफ-सफाई पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। - इस क्षेत्र में टाइल्स व मार्बल के बड़े कारोबारी है, शहरी विद्युतीकरण नहीं हो पर लोग परेशान है। - वाटर सप्लाई की कोई व्यवस्था नहीं किया गया है। सुझाव - इस व्यवसायिक क्षेत्र में शहरी विद्युतीकरण कराया जाए। - हरदिया-पचपेड़िया मुख्य मार्ग पर नाली का निर्माण के साथ ढक्कन लगाया जाए। - शुद्ध पानी पीने के लिए व्यवस्था की जाए। - खम्भों पर प्रकाश के लिए स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था कराई जाए। - पटेल चौक में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। - टाइल्स व मार्बल के बड़े कारोबारी को शहरी विद्युत का कनेक्शन दिया जाए। - वाटर सप्लाई के लिए व्यवस्था की जाए। बोले नगरवासी गांव खोराखार, डिडौहा, डडवा (पटेल चौक) मुख्य व्यवसायिक एरिया है। यहां शहरी विद्युतीकरण के लिए कई बार अफसरों से अर्जी लगाई गई है लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। धमेन्द्र चौरसिया शहरी विद्युतीकरण नहीं होने से यहां के व्यापारी बिजली की समस्या से परेशान है। इस जगह पर प्राथमिकता के आधार पर सर्वे करा शहरी लाइट की व्यवस्था की जाय। करमचंद चौधरी हरदिया चौरहे से पचपेड़िया मार्ग का निर्माण हुए काफी दिन बीत गए है, लेकिन नाली का निर्माण नहीं कराया गया है, जिससे बरसात में सड़क की पटरियों पर चलना मुश्किल हो गया है। गनेश प्रसाद कसौधन इस क्षेत्र में हजारों लोग काम करते है, लेकिन यहां शुद्ध पानी पीने के लिए कोई व्यवस्था नहीं किया गया है, जिससे यहां शुद्ध पानी पीने की समस्या किया जाना जनहित में ज्यादा जरूरी है। वीरेन्द्र चौधरी पटेल चौक चौराहे पर बाहरी लोग बस्ती शहर समझ कर रूकते है। यहां की बिजली व पानी की व्यवस्था देख शहर का मजाक उड़ाते है। इन जगहों पर शहरी विद्युतीकरण की व्यवस्था कराया जाय। पारस चौधरी जनपद का यह मुख्य मार्ग है। जिले की आधी आबादी इसी मार्ग से गुजरते है। लेकिन अभी तक खम्भों पर प्रकाश के लिए स्ट्रीट लाइटों की कोई व्यवस्था नहीं किया गया है। अजीत चौधरी इस व्यवसाई क्षेत्र में लगभग 500 से अधिक दुकाने है। लेकिन अभी शहरी बिजली व नाली का निर्माण नहीं किया गया है, जिससे यहां के व्यापारियों को व्यवसाय करने में समस्या हो रही है। राम बदन खोराखार, डिडौहा, डडवा (पटेल चौक) में साफ-सफाई पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। यहां सफाई कर्मी की तैनाती तो हुई है लेकिन सफाई कर्मियों की ड्यूटी सिर्फ कागजों में है। हंशराज पटेल चौक-हरदिया मार्ग पर स्थित पेट्रोल पंप के सामने विद्युत विभाग द्वारा खम्भे लगा दिए है, लेकिन इन खम्भों पर केबल नहीं लगाया है,जिससे उपभोक्ता लम्बी केबल लगा आपूर्ति कर रहे है। जसवंत पटेल चौक पर रात में अंधेरा होने के कारण सड़क दुर्घटनाए हो रही है। इसलिए सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यहां पर एक स्ट्रीट हाईमास्ट लाइट लगाया जाय। सुनील चौरसिया इस क्षेत्र में टाइल्स व मार्बल के बड़े कारोबारी है। टाइल्स व मार्बल को मशीनों से काट कर नए रूप दिए जाते है। जो कि ग्रामीण विद्युत आपूर्ति की वजह से यह काम नहीं हो पा रहा है। कुंदन यह गांव शहरी रूप तो ले लिया है,लेकिन अभी तक वाटर सप्लाई की कोई व्यवस्था नहीं किया गया है, जिससे लोगों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। जनमेजय एनएच 28 के बगल से गैस की पाइप लाइन बिछाई गई है। इस पाइप लाइन से गैस सप्लाई दी जाती है। यहां की आबादी को देखते हुए गैस पाइप लाइन बिछवाकर सभी घरों में को सुविधा मिलनी चाहिए। बंशलाल चौधरी यहां के व्यापारी करोड़ों का टैक्स सरकार को देते हैं, लेकिन यहां मूलभूत सुविधाओं से दूर हैं। इसलिए गांव को नपा में शामिल करते हुए पानी, सड़क व प्रकाश के साथ अन्य सुविधाएं दी जाएं। पारसलाल यादव इस गांव में ट्रैक्टर, बाइक व कार के साथ अन्य कई शोरूम है, लेकिन शहरी बिजली की व्यवस्था न होने के कारण इनके कारोबार पर असर पड़ रहा है। इसलिए शहरी बिजली की सुविधा दी जाए। सूर्यनाथ मौर्य गांव में तमाम आलीशान घरों का निर्माण तो लोगों ने करा लिया है लेकिन सड़क नहीं होने के कारण बरसात के दिनों में लोग गिरकर चोटिल हो जा रहे हैं। इसलिए सड़कों पर इंटरलॉकिंग की जाए। विकास पाण्डेय भीषण गर्मी के दिनों में ग्रामीण बिजली से काम करना काफी कठिन हो गया है। इस क्षेत्र में पूरे दिन में एक-दो घंटे विद्युत सप्लाई मिलती है। व्यवसाय करने में परेशानी हो रही है। अखिलेश चौधरी इस गांव में तमाम लोगों के घरों का गंदा पानी सड़कों पर बहने के कारण बीमारी फैल रही है,जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। यहां पर नाली निर्माण के साथ ढक्कन भी लगाया जाए। पवन गुप्ता बोले जिम्मेदार ग्राम पंचायत डिडौहा के लगभग संपूर्ण हिस्से का शहरीकरण हो गया है। यह ग्राम पंचायत बस्ती विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में आता है। इस क्षेत्र में कई व्यवसायिक भवन हैं। जहां पर कॉमर्शियल काम हो रहा है। यहां पर सड़क, नाली, रोड लाइट, मास्ट लाइट आदि की समस्या है। स्थानीय लोग अपनी मांग को लेकर बस्ती विकास प्राधिकरण तक आते हैं। इस क्षेत्र के विकास के लिए जो भी प्लान होगा, उसके अनुसार कार्य कराया जाएगा। क्षेत्र को विकसित करने के लिए बीडीए की तरफ से कार्य योजना तैयार करने के लिए संबंधित को निर्देशित किया जाएगा। प्रतिपाल सिंह चौहान, एडीएम/सचिव बीडीए बस्ती
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