मां के दुलारे बॉर्डर की कर रहे अचूक सुरक्षा
Bijnor News - जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हालात बिगड़ गए हैं। सैनिकों की माताएं अपने बेटों की तैनाती पर गर्व महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ...

धामपुर। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत के बाद भारत पाकिस्तान के बीच बिगड़े हालात पर मां के कलेजे के टुकड़े बॉर्डर पर सीमा की चौकसी कर रहे हैं। सैनिकों की माता का कहना है कि उन्हें अपने बेटों पर पूरा फर्क है। कई बेटे तनाव के बीच ही अपनी छुट्टियों को रद्द कर वापस सीमा पर लौट गए हैं। गांव नवादा केशो निवासी गौरव चौहान पुत्र थम्मन सिंह चौहान भारतीय सेना में जवान है। जिसे भारत पाकिस्तान युद्ध के बीच हाल ही में पंजाब बोर्डर पर तैनाती मिली है। मां वृक्षा देवी का कहना है उन्हें फक्र है कि भारत पाकिस्तान युद्ध के बीच आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए उनके इकलौते बेटे की तैनाती पंजाब बॉर्डर पर की गई है।
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में बहन बेटियों के सुहाग उजाड़ने के बाद भारत सरकार के ऑपरेशन सिंदूर का जवान बॉर्डर पर मुस्तैदी के साथ जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या कर देश को युद्ध में उतरने के लिए मजबूर कर दिया है। उन्हें गर्व हो रहा है कि भारत के जवानों ने एलओसी पर पाकिस्तान के जवानों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है। उनका बेटा राजपूत रेजीमेंट में कार्यरत है। हाल ही में वह घर पर छुट्टी पर आया था। जब हेड क्वार्टर से आदेश मिला तो वह तुरंत छुट्टी को रद्द कर बॉर्डर के लिए रवाना हो गया। गांव बिशनपुरा धुंधली अतुल चौहान बीएसएफ में कार्यरत है। उनकी मां हिरदेश देवी का कहना है की भारत पाकिस्तान युद्ध के बीच उनका बेटा भी छुट्टी को रद्द कर बॉर्डर पर वापस पहुंच गया है। दोनों जवानों की माताओं का कहना है की इस बार सरकार को आर पार की लड़ाई का जवाब देना चाहिए। पाकिस्तान के दहशतगर्त भारत की सर जमीन पर आए दिन खून बहते हैं। अब पूरा देश सरकार के साथ खड़ा हुआ है। उन्हें विश्वास है कि इस बार भारत पाकिस्तान से अपने पीओके के हिस्से को कब्जे लेकर रहेगा। जवानों में भी जोश भरा है।
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