Shershot Brush Industry s Hope Revives with ODOP Inclusion बोले बिजनौर : ओडीओपी की संजीवनी से फिर चमकेगा ब्रश कारोबार, Bijnor Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsBijnor NewsShershot Brush Industry s Hope Revives with ODOP Inclusion

बोले बिजनौर : ओडीओपी की संजीवनी से फिर चमकेगा ब्रश कारोबार

Bijnor News - शेरकोट का ब्रश कारोबार ओडीओपी में शामिल होने के बाद नई पहचान और अवसरों की उम्मीद जगी है। कारोबारियों का मानना है कि इससे मांग बढ़ेगी और वैश्विक बाजार में पहुँचने में मदद मिलेगी। हालांकि, जीएसटी और...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिजनौरTue, 15 April 2025 02:43 AM
share Share
Follow Us on
बोले बिजनौर : ओडीओपी की संजीवनी से फिर चमकेगा ब्रश कारोबार

शासन स्तर से शेरकोट के ब्रश कारोबार को ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) में शामिल किए जाने के बाद से कारोबार को बचाए रखने की आस जगी है। अब ब्रश के ओडीओपी में शामिल किये जाने से इस उद्योग को नई पहचान और अवसर मिलने की संभावना है। ब्रश कारोबारियों का मानना है कि ओडीओपी में शामिल होने से ब्रश उद्योग की मांग बढ़ेगी। उन्हें वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज करने में मदद मिलेगी। पड़ोसी मुल्कों के साथ ही यूरोप के बाजार में दस्तक देने में ओडीओपी से मदद मिलेगी। कारोबार में सरकार की योजनाओं का लाभ मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। जिला बिजनौर का कस्बा शेरकोट शुरू से ही देश में ब्रश व्यवसाय के रूप में अपनी एक अलग पहचान रखता है। यहां निर्मित पेंट ब्रश, ड्राइंग ब्रश सिर्फ भारत में ही नहीं। बल्कि, देश के पड़ोसी मुल्कों नेपाल, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार तक सप्लाई किया जाता है। समय के साथ साथ इस कारोबार की रफ्तार में कमी दिखाई देने लगी है। पहले कभी नगर में ब्रश की फर्मो की संख्या का आंकड़ा लगभग एक हजार को छूता था। आज वो ही आंकड़ा घटकर तकरीबन 450 फर्मों के आसपास सिमट कर रह गया है। जबकि नगर व आसपास ग्रामीण क्षेत्र की 40 प्रतिशत आबादी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से ब्रश के पेशे से जुड़ी है। कारोबार में पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी जुड़ी हुई है। कई स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भी इस कारोबार से जुड़कर स्वरोजगार कर रही हैं। हालांकि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सरकार सुविधा तो मुहैया करा रही है, किंतु अन्य तमाम समस्याएं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के अलावा अन्य कार्य कारोबारी पर भी मुंह बांहे खड़ी है। कारोबारियों के सामने इस धंधे को बचाए रखने की तमाम जद्दोजेहद है।

प्रस्तुति... धीरेंद्र शेखावत।

ब्रश कारोबार के रफ्तार की उम्मीद

ओडीओपी यानि ‘एक जिला एक उत्पाद में शामिल होने पर अब इसकी रफ्तार बढ़ने की उम्मीद है। वर्तमान में शेरकोट में ब्रश कारोबार की चमक फीकी पड़ी हुई है। कभी ब्रश कारोबार से नगर का यह कारोबार कुलाचे भरता था, लेकिन समय के साथ साथ इस व्यवसाय में वो रफ्तार दिखाई नहीं देती है। जीएसटी की मार और सरकारी उपेक्षाओं के चलते अब कारोबारियों के लिए ये व्यवसाय कोई बड़े लाभ का सौदा नहीं रह गया है। रही सही कसर मशीनी युग में मशीन निर्मित रोलर व मशीन निर्मित अन्य उत्पादों ने पूरी कर दी है।

जीएसटी ने तोड़ी कारोबार की कमर

जीएसटी ने कारोबार की पूरी तरह से कमर तोड़ दी है। जीएसटी लागू होने के बाद मुनाफा घट गया है। बढ़ रहे खर्च को देखते हुए कारोबार घाटे का सौदा साबित हो रहा है। कारोबारियों का कहना है कि यदि सरकार उद्योग से जीएसटी में कुछ राहत दे तो निर्यात बढ़ाया जा सकता है। कारोबारियों को सरकार से प्रोत्साहन की भी दरकार है। कारोबारियों का मानना है कि बैंक ऋण व्यवस्था में ब्रश कारोबारियों के लिए ऋण व्यवस्था को सुगम बनाएं तो इस कारोबार को बढ़ाया जा सकता है। इससे बैंकों का भी कारोबार तेजी से आगे बढ़ेगा।

ट्रांसपोर्ट सिस्टम खराब होने से कारोबार प्रभावित

ट्रांसपोर्ट सिस्टम खराब होने से भी कारोबार प्रभावित हो रहा है। कारोबारियों का कहना है कि वह प्रति माह 8 से 10 करोड़ का कारोबार करते हैं। देश विदेश में ब्रश की सप्लाई के लिए नगर से कोई सीधी ट्रांसपोर्ट सेवा नहीं है। पहले सामान लोकल ट्रांसपॉर्ट के जरिये बॉर्डर पर भेजा जाता है। फिर कई कई दिनों तक बंदरगाह पर पड़े रहने के बाद माल आगे भेजा जाता है। जिससे न केवल ब्रश विदेशों को देर से पहुंचता है, बल्कि भाड़ा भी दुगना लगता है।

कॉपीराइट ब्रश से उद्योग को हुआ नुकसान

कारोबारियों के सामने कॉपीराइट ब्रश का धंधा चुनौती बना हुआ है। कॉपीराइट ब्रश तैयार होने की वजह से कारोबार को नुकसान के साथ-साख पर भी धब्बा लग रहा है। शासन प्रशासन स्तर से कॉपीराइट ब्रश के कारोबार को रोकने के लिए कोई यूनिट तैयार नहीं की गई है। अक्सर कारोबारियों की शिकायत पर ही कॉपीराइट ब्रश के धंधे पकड़े जाते हैं। कॉपीराइट ब्रश की वजह से कारोबार को सालाना करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ता है।

कारोबार को कई बार लग चुका बदनुमा दाग

ब्रश के कारोबार से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि ब्रश उद्योग को कई बरनुमा दाग लग चुका है। अक्सर शेरकोट में नेवले के ब्रश बनाने के मामले उजागर होते रहे हैं। इससे कारोबार से जुड़े लोगों को काफी बदनामी का सामना करना पड़ता है। कई बार व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर पुलिस की अवैध बालों के ब्रश को लेकर छापेमारी भी हुई।

तकनीकी की वजह से आईं समस्याएं

- ब्रश की जगह मशीन मेड रोलर के बाजार में आने से ब्रश उद्योग प्रभावित हुआ।

- लकड़ी हैंडल बनाने के कार्य में नगर के कई हजार कारीगर इस उद्योग से जुड़े थे, लेकिन अब प्लास्टिक हैंडल आने से कारीगर बेरोजगार हो गए हैं।

- अधिकांश मशीन बिजली से संचालित होती है। बिजली आपूर्ति ठीक ना मिलने की वजह से कई बार कारीगर खाली बैठे रहते हैं।

सुझाव

- कारोबार पर लगी जीएसटी को कम किया जाए। ताकि कारोबार से जुड़े मजदूरों को इसका लाभांश मिले।

- ब्रश से जुड़े मजदूर परिवारों को सरकार स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दे। मजदूरों का स्वास्थ्य बीमा हो। मेडिकल की सुविधा को मजदूरों के लिए आसान बनाया जाए।

- मजदूरों के परिवार के बच्चों के लिए शिक्षा की व्यवस्था की जाए। अधिकांश परिवारों के बच्चे अशिक्षित हैं।

- कच्चे माल पर आयात शुल्क काम किया जाए। आयात शुल्क अधिक होने से निर्माण में अधिक खर्च आता है।

शिकायतें

- बंदरगाहों पर माल 15 से 20 दिन पड़ा रहता है। आगे भेजने में देरी होती है। कस्टम हाउस में इस प्रक्रिया को तेज किया जाए।

-ब्रश कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए बिजली की 24 घंटे आपूर्ति की जाए।

- कारीगरों को नई तकनीकी की मशीन सरकार को उपलब्ध करानी चाहिए।

- निर्मित ब्रश को निर्यात करने की व्यवस्था में सुधार होना चाहिए। ट्रांसपोर्ट व्यवस्था मजबूत की जाए।

- सरकार के स्तर से कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कोई मदद नहीं की जाती। कारोबारियों की मदद की जाए।

क्या बोले कारोबारी

- जिस पेशे से शहर का एक बड़ा वर्ग जुड़ा हो, उसके लिए सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि बैंकों से मिलने वाली तमाम सुविधाएं दी जाए, पर ऐसा हो नही रहा है। - तनुज बंसल

- मशीनी युग चल रहा है। वर्तमान में ब्रश के कई उत्पाद मशीनों से निर्मित हो रहे है। ऐसे में सरकार यदि अपने स्तर से मशीनों की खरीदारी में सब्सिडी व अन्य सुविधाएं प्रदान करे तो इस उद्योग के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद बलबती होगी। - अमित रस्तौगी

- ब्रश शेरकोट की पहचान रहा है। यहां निर्मित ब्रश भारत ही नहीं, बल्कि कई मुल्कों में अपनी पहचान रखता है। 40 से पचास हजार मजदूर वर्ग इस व्यवसाय से कही न कही जुड़ा है। नगर ही नही आसपास के गांवों के भी तमाम लोगों का चूल्हा इसी व्यवसाय से जलता है। सरकार की उपेक्षा के चलते कारोबारी व मजदूर सभी प्रभावित है। - सुनील रुहेला

- सरकार से कारोबारियों को बहुत उम्मीद रही है। ब्रश व्यवसाय की उन्नति के लिए इसका टैक्स फ्री होना और बेहतर ट्रांसपोटेशन की अपेक्षा बनी है। सरकार इस तरफ ध्यान दे तो काम आसान हो जाएगा। - मनोज रूहेला

- ओडीओपी में शेरकोट के ब्रश उद्योग के शामिल होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तथा ब्रश उद्योग के निर्यात में वृद्धि होगी। वैश्विक मंच मिलने की उम्मीद है। - राजकुमार कर्णवाल

- ब्रश कारोबार में आई गिरावट की बड़ी वजह जीएसटी है। ब्रश व्यवसाय शुरू से टैक्स फ्री रहा है। अब टैक्स फ्री तो क्या बल्कि 18 प्रतिशत जीएसटी लगाकर सरकार ने इस व्यवसाय की कमर तोड़ दी। जिस कारण कई फर्मो के बन्द होने तक की नौबत आ गई। - मौ. जावेद

- ओडीओपी में शामिल होने से कारोबार के लिए ट्रांसपोर्ट सिस्टम में सुधार की उम्मीद जगी है। बंदरगाहों पर निर्यात में आने वाली परेशानियां दूर होगी। ब्रश को वैश्विक बाजार हासिल हो सकेगा। - दिनेश शर्मा

- ब्रश उद्योग के ओडीओपी में शामिल होने से ब्रश उद्योग की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। सरकारी सहायता मिलने की उम्मीद जगी है। रजिस्टर्ड फर्मों को ऋण की सुविधा मिलने में आसानी होगी। - जाकिर अब्बासी

- ओडीओपी में शामिल होने से ब्रश कारोबार को कॉपीराइट ब्रश के कारोबार से मुक्ति मिलेगी। व्यापारियों के साथ सरकार के कर्मचारियों की बदसुलूकी रुकेगी। आए दिन कारोबारियों को परेशान करने के लिए होने वाली रेड से निजात मिलेगी।

-कमाल अहमद

- ब्रश उद्योग के ओडीओपी में शामिल होने से ब्रश उद्योग को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी तथा ब्रश की मांग बढ़ेगी। शासन प्रशासन समस्या सुनेगा। - हाजी कमाल अहमद

- ओडीओपी में ब्रश उद्योग को शामिल करने से इस उद्योग को नए अवसर मिलेंगे। ब्रश उद्योग का विकास होगा। कारोबारी की समस्याओं के लिए अलग से काउंटर व्यवस्था होने की उम्मीद जगी है। - प्रवेश चंद्र शर्मा

- सरकार को कारोबारी और मजदूरों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। मजदूरों को मेडिकल सुविधा का लाभ मिलना चाहिए उनके बच्चों की शिक्षा के लिए आर्थिक मदद की जानी चाहिए। - विनीत वर्मा

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।