वट अमावस्या पर पति की लंबी आयु के लिए व्रत रख पूजा अर्चना की
Bijnor News - वट अमावस्या पर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और वट वृक्ष की पूजा करती हैं। इस दिन बरगद की टहनियों को जल कलश में रखा जाता है। महिलाएं वट माता की कथा सुनती हैं और परिवार के बुजुर्गों...

वट अमावस्या पर महिलाओं के पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखा और पूजा अर्चना की। इस दौरान बरगद की टहनियों को जल कलश में रखा। महिलाओं ने वट माता की कथा सुनी और परिवार के बुजुर्गों को बायना और वस्त्र आदि भेंट किए। वट अमावस्या एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-शांति के लिए व्रत रखती हैं और वट वृक्ष की पूजा करती हैं। वट अमावस्या के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-शांति के लिए व्रत रखती हैं।
इस दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है, जो अखंड सौभाग्य का प्रतीक है। इस दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है और उसे जल, फल, और फूल अर्पित किए जाते हैं। वट वृक्ष के चारों ओर सूत्र बांधा जाता है, जो सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक है। अमावस्या के दिन व्रत रखने और वट वृक्ष की पूजा करने से सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। वट वृक्ष की पूजा करने से आध्यात्मिक लाभ होता है और आत्मा की शुद्धि होती है।
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