171st Annual Urs of Hazrat Syed Suleiman Azeem Shah Concludes with Soulful Qawwali and Prayers for Peace उर्स : कभी रुलाया कभी मुस्कुरा के छोड़ दिया..., Bulandsehar Hindi News - Hindustan
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उर्स : कभी रुलाया कभी मुस्कुरा के छोड़ दिया...

Bulandsehar News - हज़रत सैय्यद सुलेमान अजीम शाह रहमतुल्लाह अलैह का 171वां वार्षिक उर्स गुरुवार को कुल शरीफ की रस्म के साथ समाप्त हुआ। इस अवसर पर कव्वालों ने सूफियाना कलाम प्रस्तुत किया और देश की एकता और शांति के लिए...

Newswrap हिन्दुस्तान, बुलंदशहरFri, 16 May 2025 12:37 AM
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उर्स : कभी रुलाया कभी मुस्कुरा के छोड़ दिया...

हज़रत सैय्यद सुलेमान अजीम शाह रहमतुल्लाह अलैह का 171वां दो दिवसीय वार्षिक उर्स गुरुवार को कुल शरीफ की रस्म के साथ संपन्न हो गया। उर्स के मौके पर कव्वालों ने सूफियाना कलाम से समां बांधा। सज्जादानशीन ने देश की एकता अखंडता और शांति के लिए विशेष प्रार्थना की। उर्स के दूसरे दिन महफिले कव्वाली का भव्य आयोजन दरगाह शरीफ के प्रांगण में किया गया। अध्यक्षता सज्जदानशीन अजीमुद्दीन बेग ने तथा संचालन डॉ. राही निज़ामी शैदा ने की। मेरठ से आये मशहूर कव्वाल शाहवेज़ एंड पार्टी ने यह क़व्वाली सुनाकर वाहवाही लूटी कि कभी रुलाके कभी मुस्कुरा के छोड़ दिया, निगाहे यार ने पागल बनाके छोड़ दिया, असोड़ा हापुड़ से पधारे प्रसिद्ध क़व्वाल इरफ़ान मक़सूद निज़ामी और उनके साथियों ने सुनाइया कि ख़ुद को पाया है ज़माने से कनारा करके, तुम बदल देते हो कि़स्मत को इशारा करके..।

कार्यक्रम के अंत में सज्जदा नशीन अज़ीमुद्दीन बेग ने मुल्क में अमनो अमन व भाईचारे के लिए भी ख़ुसूसी दुआ की। सूफ़ी मोहम्मद उमर अशरफी, सूफी बंटी, सूफी मुईनुद्दीन बेग, जीशान बेग, अबुज़र बेग, निजामुद्दीन बेग नसीर बेग इस दौरान मौजूद रहे।

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