बोले बुलंदशहर : शूटिंग खिलाड़ी मांगें बेहतर सुविधाएं
Bulandsehar News - बुलंदशहर में एक शूटिंग अकादमी चल रही है, जहां महिला, युवा और बच्चे ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार हो रहे हैं। खिलाड़ियों ने सरकारी सहायता की मांग की है ताकि वे अपने शौक को पूरा कर...
देश में कई महान शूटिंग खिलाड़ियों ने अपनी लग्न और मेहनत के दम पर ओलंपिक में पदक जीतकर देश को गौरवांवित किया है। बुलंदशहर शहर में चल रही शूटिंग एकेडमी में इन खिलाड़ियों से प्रेरणा लेकर महिला, नौजवान और बच्चे शूटिंग में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार हो रहे हैं। मगर उन्हें मलाल है कि यदि सरकारी मदद मिलनी प्रारंभ हो जाए तो वह देश में पदकों की झड़ी लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने शूटिंग रेंज में शामिल होने वाली मशीनों, वैपन और कारतूसों पर कमी करने की मांग को उठाया है। बुलंदशहर के आवास विकास प्रथम में एक शूटिंग एकेडमी संचालित हो रही है। यह शहर की एकमात्र शूटिंग एकेडमी है। हालांकि कुछ स्कूलों में शूटिंग एकेडमी संचालित हो रही हैं, लेकिन वह अपने स्कूली बच्चों को ही शूटिंग कराने का काम करते हैं। आवास विकास प्रथम में जो शूटिंग एकेडमी संचालित हो रही है, उसमें वर्तमान में बड़ी संख्या में खिलाड़ियों को तैयार किया जा रहा है। इन खिलाड़ियों में 12 से 60 साल तक के लोग शामिल हैं। इस एकेडमी में दस से अधिक खिलाड़ियों को इंडिया टीम सलेक्शन के लिए तैयार किया जा रहा है। जो आने वाले समय में देश का प्रतिनिधित्व भी कर सकते हैं।
शूटिंग एकेडमी के संचालक और कोच मनीष चौधरी बताते हैं कि वह आर्मी से सेवानिवृत्त होने के बाद बच्चों को शूटिंग में निखारने का काम कर रहे हैं। उनकी एकेडमी में नेशनल शूटर भी प्रैक्टिस करने के लिए आते हैं। यहां पर खिलाड़ियों को 10 मीटर, 25 मीटर और 50 मीटर की रेंज वाली शूटिंग सिखाने का काम किया जाता है। कुछ खिलाड़ियों के पास डेढ़ से दो लाख रुपये तक की भी शूटिंग में शामिल होने वाला वैपन मौजूद हैं। जबकि कुछ बच्चे किराये पर वैपन लेकर प्रैक्टिस करने के लिए आते हैं। यदि सरकार की तरफ से वैपन को सस्ता कर दिया जाएगा तो बच्चों को इस खेल में निखरने का मौका मिलेगा। बुलंदशहर जिले के खुर्जा तहसील के निवासी महराज खान ओलंपिक में हिस्सा ले चुके हैं। उनसे ही प्रेरित होकर बच्चे अनुभव बिंद्रा, मनु भाकर, जीतू राय, स्वपनिल कौशिल, सौरभ चौधरी, विजय कुमार, अभिषेक वर्मा जैसे शूटिंग खिलाड़ी बनने का सपना संजोए हुए हैं। सरकार को यदि शूटिंग में देश को बेहतर खिलाड़ी देने हैं तो उन्हें बच्चों के .22 वैपन वाले शस्त्र लाइसेंस जारी करने चाहिए। ताकि बच्चे शूटिंग में आगे आ सके।
गर्मियों की छुट्टी में बच्चों की बढ़ती है संख्या :
शूटिंग एकेडमी के कोच मनीष चौधरी ने बताया कि फिलहाल शूटिंग एकेडमी में बड़ी संख्या में नौजवान, बच्चे और महिला खिलाड़ी आ रहे हैं। जैसे ही गर्मियों की छुट्टियां पड़ेंगी, एकेडमी में खिलाड़ियों की संख्या अधिक हो जाएगी। एकेडमी में एक घंटा प्रैक्टिस करने की अनुमति है। हालांकि जो खिलाड़ी देश के लिए खेलने की ललक लगाए हुए हैं, उन्हें प्रैक्टिस में और भी अधिक समय देने में कोई भी आपत्ति नहीं है।
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बच्चों के वैपन पर मिलनी चाहिए सब्सिडी
शूटिंग एकेडमी में काफी संख्या में 12 से 18 वर्ष के बच्चे और किशोर शूटिंग में हाथ आजमा रहे हैं। उनका कहना है कि उनके वैपन बहुत ही महंगे आते हैं। यदि सरकार इन वैपन पर सब्सिडी देना शुरू कर देगी तो उन्हें काफी राहत मिलेगी। क्योंकि काफी बच्चे मध्यम वर्ग से आते हैं। ऐसे में वह डेढ़ से दो लाख रुपये खर्च नहीं कर सकते हैं। इसके लिए वह किराये पर शूटिंग वैपन लेकर प्रैक्टिस करने के लिए आते हैं। यदि सरकार सब्सिडी देने का काम शुरू कर देगी तो इससे काफी राहत मिल सकगी। इसलिए सरकार को यदि ज्यादा से ज्यादा पदक देश में लाने की आवश्यकता है तो उन्हें सब्सिडी देनी ही चाहिए।
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स्टेडियम में मिलनी चाहिए शूटिंग रेंज
शूटिंग खिलाड़ियों का कहना है कि शहर में दो स्टेडियम बने हुए हैं। यमुनापुरम और टांडा में स्टेडियम संचालित हो रहे हैं। जहां पर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में खिलाड़ी हाथ आजमा रहे हैं। लेकिन शूटिंग रेंज नहीं होने के कारण खिलाड़ियों को निजी क्लब में जाकर प्रैक्टिस करनी पड़ती है। यदि सरकार स्टेडियमों में ही शूटिंग रेंज खोलने का काम करेगी तो खिलाड़ियों को काफी आसानी होगी। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि खिलाड़ी अधिक समय तक प्रैक्टिस कर सकेंगे। केंद्र और प्रदेश सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। ताकि खिलाड़ियों की परेशानी को दूर किया जा सके।
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तीन से पांच हजार रुपये में मिलते हैं किराये पर वैपन
शूटिंग खिलाड़ियों ने बताया कि जब मैच के लिए जाते हैं तो दस मीटर तक में ही एयर वैपन का प्रयोग किया जाने की अनुमति होती है। इससे ऊपर 25 और 50 मीटर तक में .22 वैपन का प्रयोग होता है। जिसका किराया तीन से पांच हजार रुपये होता है। ऐसे में यदि .22 वैपन में बच्चों के शस्त्र लाइसेंस बनाने की अनुमति मिल जाएगी तो इससे काफी सुविधा होगी। सरकार को इस तरफ सोचना चाहिए। ताकि खिलाड़ियों को असुविधा ना हो।
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खिलाड़ियों के मन की बात
केंद्र और प्रदेश सरकार शूटिंग में रूचि लेने वाले खिलाड़ियों के वैपन आदि पर सब्सीडी देने का काम करेंगी तो खिलाड़ियों को काफी मदद मिलेगी। इससे इस खेल के प्रति खिलाड़ियों की रूचि और बढ़ेगी।
-मनीष चौधरी, एकेडमी के कोच
शूटिंग में देश में कई खिलाड़ी आगे आ रहे हैं। सरकार को खिलाड़ियों की मदद करने के लिए वैपन पर सब्सीडी देने का काम करना चाहिए। ताकि खिलाड़ियों की परेशानी दूर हो।
-चाहत शर्मा, नेशनल शूटर और इंडिया टीम सलेक्शन ट्रायल
स्टेडियमों में यदि शूटिंग रेंज की सौगात मिलेगी तो अधिक से अधिक खिलाड़ियों का इस खेल की तरफ ध्यान लगेगा। इसलिए सरकार को स्टेडियमों में रेंज खोलनी चाहिए।
-पार्शव वशिष्ठ, इंडिया टीम सलेक्शन ट्रायल
मैच के लिए किराये पर वैपन मिलते हैं। जो काफी महंगे होते हैं। ऐसे में सरकार को कुछ ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे खिलाड़ियों की परेशानी दूर हो।
-शाहरूख खान, नेशनल शूटर, इंडिया टीम सलेक्शन ट्रायल
खेल को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार कई प्रकार की योजनाओं को संचालित कर रही है। शूटिंग में हाथ आजमाने वाले खिलाड़ियों की तरफ भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
-देवेश वशिष्ठ, नेशनल शूटर
.22 वैपन के लिए शस्त्र लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को सरल किया जाए। ताकि बच्चों को इस खेल में मदद मिले। ऐसा होने से अधिक से अधिक खिलाड़ी देश के लिए पदक लाने का काम करेंगे।
-यश चौधरी, नेशनल स्कूल मेडलिस्ट और इंडिया टीम सलेक्शन ट्रायल
कई एकेडमियों में काफी महंगे दरों पर इस खेल में प्रैक्टिस कराने का काम किया जाता है। ऐसे में जो खिलाड़ी बेहतर खेलना और देश के लिए कुछ करने की चाह रखते हैं, उन्हें मायूस होना पड़ता है।
-गगन कुमर, नार्थ जोन गोल्ड मैडलिस्ट और इंडिया टीम सलेक्शन ट्रायल
शूटिंग में प्रयोग होने वाली मशीनें काफी महंगी होती है। इन मशीनों को सस्ती करने की पहल सरकार को करनी चाहिए। ताकि खिलाड़ियों को असुविधा ना हो।
-अतविक सिंह
शूटिंग में खिलाड़ियों को अधिक से अधिक प्रैक्टिस करनी चाहिए। इसके निरंतर ध्यान और कई प्रकार की फिटनेस होना अनिवार्य है।
-अनुज दलाल, नेशनल शूटर
महिलाओं को भी इस खेल में अब काफी रूचि होने लगी है। क्योंकि जिस प्रकार से देश में ओलंपिक में महिला खिलाड़ी शूटिंग में पदक जीत रही है, उससे महिलाओं को काफी प्रेरणा मिल रही है।
-सुषमा रानी
वह शूटर दादी से प्रेरित होकर शूटिंग एकेडमी में प्रतिदिन एक घंटा प्रैक्टिस करने के लिए आ रही है। यहां का माहौल पूरी तरह से काफी बढ़िया है। बच्चों के साथ शूटिंग करके काफी अच्छा लगता है।
-मीना चौहान
ओलंपिक में शूटिंग खिलाड़ी कई पदकों पर कब्जा कर चुके हैं। अब नए-नए खिलाड़ी भी इस खेल में आगे आ रहे हैं। अधिक से अधिक युवाओं को इस खेल में आगे आने के लिए प्रेरित करने का काम होना चाहिए।
-युवराज वर्मा
अधिक से अधिक शूटिंग की प्रतियोगिताओं को आयोजित किया जाना चाहिए। जो खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करें उन्हें आगे बढ़ाने का काम सरकार को करना चाहिए।
-कृष्णा कुमार
शूटिंग के खेल में उम्र की कोई सीमा नहीं है। एकेडमी में काफी संख्या में 50 और 60 वर्ष की महिला और पुरुष खिलाड़ी आ रहे हैं। उनके अनुभव युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।
-हर्षित चौधरी
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सुझाव:
1.शूटिंग खिलाड़ियों के वैपन को सस्ते कर खिलाड़ियों को दी जा सकती है राहत।
2.सब्सीडी मिलने से वैपन सस्ते हो जाएंगे और इसे खिलाड़ी आसानी से खरीद सकेंगे।
3.स्टेडियमों में भी शूटिंग रेंज खोलने का होना चाहिए विचार।
4.किराये पर मिलने वैपन की दरों को कम कर खिलाड़ियों की कि जाए मदद।
5.शूटिंग के खिलाड़ियों की अधिक से अधिक प्रतियोगिता कराने पर हो विचार।
शिकायत:
1.यदि शूटिंग के वैपन और मशीन सस्ती हो जाएगी तो मिलेगी सहूलियत।
2.वैपन पर सब्सीडी मिलनी चाहिए।
3.स्टेडियमों में शूटिंग रेंज खोली जाए।
4.किराये पर मिलने वाले वैपन की दर कम की जाए।
5.अधिक से अधिक शूटिंग की प्रतियोगिता आयोजित हो।
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कोट:
शूटिंग खेल के प्रति रूचि रखने वाले खिलाड़ियों की सहूलियत के लिए शासन स्तर पर वार्ता की जाएगी। प्रयास रहेगा कि शहर के स्टेडियमों में शूटिंग रेंज को खोला जाए। ताकि खिलाड़ियों का इस खेल के प्रति और अधिक आकर्षण बढ़े।
-प्रदीप चौधरी, विधायक, सदर
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