यूपी में इन कर्मचारियों को मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
शासन ने निकायों में 28 मार्च 2005 से पहले निकले विज्ञापन के आधार पर नौकरी पाने वालों को पुरानी पेंशन देने का रास्ता साफ कर दिया है। ऐसे लोगों से विकल्प मांगा गया है।

पुरानी पेंशन को लेकर राहत भरी खबर है। केंद्र सरकार के फैसले के बाद शासन ने निकायों में 28 मार्च 2005 से पहले निकले विज्ञापन के आधार पर नौकरी पाने वालों को पुरानी पेंशन देने का रास्ता साफ कर दिया है। ऐसे लोगों से विकल्प मांगा गया है और प्रमाणित सेवा पुस्तिका की कापी स्थानीय निकाय निदेशालय को उपलब्ध कराने को कहा गया है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2005 के बाद नई पेंशन व्यवस्था लागू की है, लेकिन बहुत से कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी भर्ती का विज्ञापन इसके पहले निकला था और उन्हें पुरानी पेंशन नहीं मिल पा रही थी। ऐसे कर्मियों को पुरानी पेंशन देने का फैसला केंद्र सरकार द्वारा किया गया है। उत्तर प्रदेश के विभाग भी धीरे-धीरे अपने यहां इसे लागू कर रहे हैं।
प्रभारी निदेशक स्थानीय निकाय ऋतु सुहास ने इस संबंध में निकायों को निर्देश भेजा है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से आच्छादित राज्य सरकार के ऐसे सरकारी कर्मचारी जिनका चयन ऐसे पदों या रिक्तियों पर हुआ है, जिनका विज्ञापन नई पेंशन योजना लागू होने के बाद हुआ है। इसीलिए 28 मार्च 2005 से पहले जिन पदों को भरने के लिए विज्ञापन हो चुका है उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ दिया जा रहा है।
नगर आयुक्त और अधिशासी अधिकारी ऐसे अधिकारियों व कर्मियों के नाम वर्तमान पद, वेतनमान व जन्मतिथि का पूरा ब्यौरा निर्धारित प्रोफार्मा पर भरकर भेजेंगे। इसके साथ ही राज्य सरकार के अधीन पहली नियुक्ति के पद, भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करने वाले विभाग की जानकारी दी जाएगी। विज्ञाप्ति पद और उसकी कापी, कार्यभार ग्रहण करने की तिथि, विकल्प पत्र 31 अक्तूबर 2024 से पूर्व यदि दिया गया है या नहीं और विभागाध्यक्ष की संस्तुति के साथ इसे भेजना होगा। इसके साथ ही मूलरूप से सेवा पुस्तिका की प्रमाणित छाया प्रति को भी उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसके आधार पर पात्र अधिकारियों और कर्मियों को पुरानी की पेंशन सुविधा दी जाएगी।