DBT Transfers 1200 Rupees to Parents of Students in Uttar Pradesh Schools Technical Issues Leave Thousands Disappointed डीबीटी से वंचित हुए जिले के लगभग 77 हजार छात्र, Deoria Hindi News - Hindustan
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डीबीटी से वंचित हुए जिले के लगभग 77 हजार छात्र

Deoria News - उत्तर प्रदेश सरकार ने परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे छात्रों के अभिभावकों के खातों में 12 सौ रुपये की धनराशि भेजी है। हालांकि, 76,752 छात्रों के अभिभावकों के खाते में धनराशि नहीं पहुंची है, जिससे वे...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवरियाWed, 28 May 2025 02:42 PM
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डीबीटी से वंचित हुए जिले के लगभग 77 हजार छात्र

देवरिया, निज संवाददाता। प्राइवेट विद्यालयों की तर्ज पर परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे नौनिहालों को प्रदेश सरकार ने डीबीटी के माध्यम से नामांकित छात्रों के अविभावकों के खाते में ड्रेस, जूता, मोजा, बेल्ट आदि के लिए उनके खाते में 12 सौ रुपये भेजा है। जिले के परिषदीय विद्यालयों में नामांकित 1,01977 छात्र-छात्राओं के अविभावकों के खाते में 11 करोड़ 66 लाख 20 हजार 8 सौ रुपये आ गए हैं, जबकि कुछ तकनीकी खामियों के चलते 76, 752 छात्र-छात्राओं कि अभिभावकों के खाते में डीबीटी की धनराशि नहीं पहुंच सकी है। जिससे इन छात्र-छात्राओं के अभिभावक मायूस हैं। जिले में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कंपोजिट कुल 2121 विद्यालय संचालित हैं।

जिनमें 1,78, 729 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री ने डीबीटी के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों में नामांकित छात्रों के अभिभावकों के खाते में ड्रेस, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा व स्टेशनरी आदि सामग्रियों को खरीदने के लिए प्रति छात्र-छात्राओं के हिसाब से 12 सौ रुपये की धनराशि भेजी गई। परिषदीय स्कूलों में छात्रों के डीबीटी के लिए आधार अनिवार्य है। इसके बिना खाते में बारह सौ रुपए की धनराशि नहीं भेजी जा सकेगी। ऐसे में बच्चों के डीबीटी में आधार की समस्या रोड़ा बना हुआ है। इसके चलते करीब 77 हजार छात्र अभी इसका लाभ पाने से वंचित हैं। प्रधानाध्यापकों ने बताई डीबीटी की दिक्कत गौरीबाजार के कंपोजिट विद्यालय इंदूपुर के प्रधानाध्याक भीम प्रसाद का कहना है कि उनके स्कूल के अनमोल गोड़, अलीखान समेत 40 ऐसे छात्र हैं, जिनके पास अपना आधार नही हैं। जिसकी वजह से डीबीटी नही हो पा रहा है। प्राथमिक विद्यालय पथरहट-2 में प्रिया, अर्जुन समेत छह छात्रों का आधार के बिना डीबीटी नही हुआ है। प्रधानाध्यापक संजय सिंह कहते हैं कि इसके लिए अभिभावकों से कई बार बोला गया है। कंपोजिट विद्यालय परषोतिमा में विक्रम, प्रीती निषाद, साक्षी मौर्या, शुभम यादव समेत 30-40 छात्रों का डीबीटी आधार के बिना नही हो रहा है। शिक्षक संगठन के ब्लॉक संयोजक मनोज कुमार सिंह का कहना है कि पहले प्रधानाध्यापकों के जारी फार्मेट पर आधार कार्ड बन जाते थे। अब आधार बनाने की प्रक्रिया जटिल कर दी गई है। जन्म प्रमाणपत्र के लिए अभिभावकों को दौड़धूप के साथ इतने पैसे खर्च करने पड़ जाते है कि वे आधार बनवाने की हिम्मत नही जुटा पा रहे हैं। जिससे बच्चे आधार के बिना जरुरी सहायता से वंजित होने के साथ ही पैन व अपार आईडी भी नहीं बन पाता है। हर जगह आधार बनाने के केंद्र भी नहीं है। आधार बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ स्कूलों को जन्मप्रमाण बनाने के अधिकार फिर से मिल जाने पर सभी बच्चों के पास आधार आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे। जिससे डीबीटी आसान हो जाएगी।

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