नियुक्ति में गड़बड़ी की नौ माह बाद भी विवेचना नहीं हो पाई पूरी
Deoria News - देवरिया, निज संवाददाता। बरहज तहसील में फर्जी कागजात तैयार

देवरिया, निज संवाददाता। बरहज तहसील में फर्जी कागजात तैयार कर संग्रह चपरासी की हुई नियुक्ति के मामले में नौ माह का समय गुजर जाने के बाद भी पुलिस की विवेचना रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। पुलिस की जांच में एक नई बात सामने आई है। अधिकारियों ने नियम को ताख पर रख कर बिना चुनाव आयोग से अनुमति लिए ही प्रक्रिया पूरी कर ली थी। जिसके चलते नियुक्ति में हस्ताक्षर करने वाले सभी अधिकारियों के गले की फांस यह नियुक्ति बनने लगी है। हालांकि पुलिस विभाग के जिम्मेदार अधिकारी जल्द ही विवेचना पूरी कर लेने का दावा कर रहे हैं।
बरहज तहसील में छेदी यादव संग्रह अनुसेवक के पद पर तैनात थे। जिनकी मृत्यु सेवाकाल में 2022 में ही हो गई। उनकी मृत्य के बाद 2023 में छेदी की पत्नी चंद्रावती देवी ने अपने सगे भतीजे को नौकरी देने की लालच में 2023 में रजिस्टर्ड गोदनामा किया। संग्रह अमीन हरिश्चंद्र प्रसाद द्वारा तहसील के कर्मियों व अधिकारियों को मिलाकर गलत तरीके से शैलेश यादव निवासी विरसाखाड़ थाना भलुअनी की अप्रैल 2024 में संग्रह चपरासी के पद पर नियुक्ति करा दी गई। इस मामले में 10 सितंबर 2024 को जांच के बाद नायब तहसीलदार रविन्द्र मौर्य ने बरहज थाने में केस दर्ज कराया। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जांच में अब नया खुलासा हुआ है। अप्रैल 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी थी। चुनाव आयोग से अनुमति लिए बिना ही यह नियुक्ति की गई थी। कुल मिलाकर नियुक्ति प्रक्रिया ही गलत तरीके से पूरी की गई है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि नियुक्ति में हस्ताक्षर बनाने वाले सभी अधिकारी व कर्मचारी आरोपी बनेंगे। इसीलिए पुलिस की विवेचना की रफ्तार धीमी हो गई है। प्रभारी निरीक्षक राहुल सिंह ने बताया कि विवेचना चल रही है। जो-जो तथ्य विवेचना में सामने आ रहे हैं। उसका जिक्र विवेचना में की जा रही है। जल्द ही विवेचना पूरी कर ली जाएगी।
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